Diode क्या होता है | Diode कैसे काम करता है

डायोड के बारे में शायद ही आपने कहीं सुना होगा लेकिन इसका बहुत योगदान होता है किसी भी इलेक्ट्रॉनिक सर्किट में । पॉवर सप्लाई जैसे सिस्टम में भी डायोड काफी अधिक मात्रा में इस्तेमाल किया जाता है । तो चलिये जानते हैं डायोड क्या है और डायोड कैसे काम करता है ।

What is Diode in hindi | डायोड क्या है :

डायोड पाया जाता है किसी इलेक्ट्रॉनिक उपकरणों में । यह एक ही दिशा में पॉवर को आगे जाने देता है आगे की तरफ या तो पीछे की तरफ यानी की उल्टी दिशा में । डायोड का आकार बहुत छोटा होता है ।

Diode kya hota hai, diode kya hai
Diode kya hota hai

Diode क्या काम करता है :

डायोड पॉवर यानि की करंट को एक ही दिशा में आगे ले जाता है । यानि की अगर हम डायोड में से पॉवर को आगे की भेजेंगे तो चला जायेगा अगर हम दूसरी तरफ से भेजेंगे तो यह पॉवर को रोक देता है । यह एक ही दिशा में काम करता है । दूसरा यह सर्किट को ओवर-वोल्टेज से बचाता है । वोल्टेज को कण्ट्रोल करता है इत्यादि । अगर सर्किट में वोल्टेज कभी कम और कभी एकदम ज्यादा आता है तो यह वोल्टेज को कंट्रोल कर सही मात्रा में वोल्टेज यानी की बिजली को आगे ले जाता है ।

Diode working in hindi | डायोड कैसे काम करता है :

डायोड के दो टर्मिनल होते हैं एक होता है एनोड टर्मिनल और दूसरा होता है कैथोड टर्मिनल । जिसमें p और n दो जंक्शन होते हैं । p जंक्शन में होल इलेक्ट्रॉन्स और n जंक्शन में फ्री इलेक्ट्रॉन्स होते हैं । इसी के बीच में एक depletion लेयर होती है जो की p और n जंक्शन को मिलने से रोकती है । जब इसमें से पॉवर या करंट जाता है तब इस लेयर की वैल्यू जीरो हो जाती है जिससे इलेक्ट्रॉन्स एक जगह से दूसरी जगह प्रवाह होने लगते हैं, जिससे डायोड काम करना शुरू कर देता है । जैसा की आप चित्र में देख सकते हैं ।

Diode working in hindi
Diode working in hindi

जैसा की आप चित्र में देख सकते हैं । जिसमें एक सिरा एनोड और दूसरा सिरा कैथोड का होता है । एनोड के सिरे से पॉजिटिव टर्मिनल और कैथोड के सिरे से नेगेटिव टर्मिनल जोड़ा जाता है जिससे यह काम करता है । कुछ डायोड उल्टी दिशा में भी काम करते हैं जैसे की उसमे पॉवर कैथोड से अंदर और एनोड से बाहर निकलती है और कैथोड को पॉजिटिव और एनोड को नेगेटिव से जोड़ा जाता है । उल्टी दिशा में बहने को रिवर्स बेस और आगे की और बहने को फॉरवर्ड बेस कहते हैं ।

Why diode not works in hindi, diode kab kaam nahi karta hai
Why diode not works in hindi

डायोड फॉरवर्ड बेस्ड पर काम करता है यानि की सीधी दिशा में आगे की तरफ । इसका मतलब बिजली यानि की पॉवर जो की डायोड के एनोड सिरे से ही अंदर जाता है और कैथोड सिरे से ही बाहर निकलता है । अगर हम कैथोड सिरे से करंट यानि की पॉवर या फिर बिजली भेजेंगे तो डायोड बिजली को रोक देगा । इसका मतलब यह हुआ की यह रिवर्स बेस्ड पर काम नहीं करता । यह सीधी दिशा में ही काम करता हैं । कुछ डायोड ऐसे होते हैं जो की उलटी दिशा में भी काम करते हैं । जैसे की जेनर डायोड, फोटो डायोड, डोप्ड डायोड इत्यादि ।

Biasing of diode in hindi | फॉरवर्ड और रिवर्स बेस के डायोड में अंतर :

Forward and reverse bias in diode in hindi, forward and reverse bias diode difference in hindi
Forward and reverse bias in diode in hindi

फॉरवर्ड यानी कि आगे की तरफ या सीधा और रिवर्स यानी कि उल्टा । कुछ डायोड रिवर्स बेस में और कुछ डायोड फॉरवर्ड बेस में काम करते हैं जैसा कि आप चित्र में देख सकते हैं ऊपर का सिंबल जो कि फॉरवर्ड बेस है उसमें पॉवर एनोड से अंदर और कैथोड से बाहर निकलता है जब कि रिवर्स बेस में पॉवर कैथोड से अंदर और एनोड से बाहर निकलता है । लेकिन डायोड करते हैं काम सिर्फ एक ही दिशा में या तो सीधा या तो उल्टा ।

Example of diode in hindi | डायोड का उदाहरण :

Example of diode in hindi, diode working example in hindi
Example of diode in hindi

हमने डायोड को बैटरी और बल्ब के साथ जोड़ा है । जैसे ही हमने डायोड के एनोड टर्मिनल को बैटरी के पॉजिटिव और कैथोड टर्मिनल को बैटरी के नेगेटिव के साथ जोड़ते हैं और बल्ब को जोड़ते हैं तो बल्ब जगने लगता है ।

Diode working example in hindi, example of working diode in hindi
Diode working example in hindi

जैसे ही हम डायोड को उल्टा लगा देंगे तो हमारा बल्ब नहीं जगेगा । इसका मतलब डायोड एक ही दिशा में काम करता है ।

Diode working example in hindi | डायोड के काम करने का उदाहरण :

Working example of diode in hindi, diode working example in hindi
Working example of diode in hindi

जब हम चार्जर मोबाइल के साथ कनेक्ट करते हैं तो मोबाइल चार्ज होने लगता है जैसे ही हम स्विच ऑफ कर देते हैं तो बैटरी का करंट चार्जर में जाने लगता है जिससे बैटरी खत्म हो जाती है इसी को रोकने के लिए डायोड को लगाया जाता है ताकि बैटरी का करंट चार्जर में ना जाये । इसी को कहा जाता है की डायोड एक ही दिशा में काम करता ही अगर हम दूसरी दिशा से करंट भेजा जाये तो डायोड करंट को ब्लाक कर देगा ।

Diode किसका बना होता है :

डायोड कुछ सेमीकंडक्टर मटेरियल से बना होता है जैसे की सिलिकॉन, जर्मेनियम और सेलेनियम । कुछ डायोड में कांच,मेटल जैसे पदार्थ का भी इस्तेमाल किया जाता है और कुछ बहुत कम डायोड ऐसे भी होते हैं जिसमे सोने का प्रयोग किया जाता है ।

डायोड के पॉजिटिव और नेगेटिव टर्मिनल को कैसे पहचाने :

अब बात आती है की आप कैसे पहचाने कौन सा सिरा एनोड और कौन सा सिरा कैथोड का है । इसमें आपको एक सफेद रंग की पट्टी सी आपको दिखाई देगी जिसका टर्मिनल कैथोड होता है और बाकी का हिस्सा एनोड टर्मिनल को दर्शाता है ।

डायोड अधिक गर्म क्यों होते हैं :

इलेक्ट्रॉनिक का कोई भी पार्ट जिसमें किसी चीज का बोझ पड़ता है वह पार्ट तो गर्म होता ही है । अगर हम डायोड की बात करें तो अधिक वोल्टेज की मात्रा का डायोड में से गुजरना से ही डायोड अधिक गर्म होते हैं । अगर वोल्टेज नार्मल है तो इसका मतलब ये भी नहीं की वह गर्म नहीं होगा । गर्म होगा लेकिन कम ।

Use of diode in hindi | डायोड का उपयोग :

इसका उपयोग कई उपकरणों में किया जाता है जैसे की मोबाइल टीवी, पॉवरबैंक, बल्ब, मॉनिटर, रेक्टिफायर, चार्जर और कई ऐसे उपकरणों में जहाँ बिजली बाहर ना निकले यानि की बिजली सिर्फ अंदर ही जाये बाहर ना निकले, सर्किट को प्रोटेक्शन करने के लिए और ओवर-वोल्टेज से बचने के लिए ।

Advantages of diode in hindi | डायोड के फायदे :

  1. सर्किट को प्रोटेक्शन करने के लिए इसका इस्तेमाल किया जाता है जब बाहर से एकदम ज्यादा वोल्टेज आ जाता है तब ।
  2. डायोड वोल्टेज को नियंत्रित करता है । जिसे वोल्टेज रेगुलेटर भी कहते हैं ।
  3. कुछ डायोड ऐसे होते हैं जिसकी मदद से हम करंट की दिशा को अपने हिसाब से कहीं भी चेंज कर सकते हैं ।
  4. डायोड से हम तापमान का पता भी लगा सकते हैं ।
  5. Ac पॉवर ( अल्टरनेटिव करंट ) को dc ( डायरेक्ट करंट ) पॉवर में बदलने के लिए रेक्टिफायर में इसका इस्तेमाल किया जाता है ।

Disadvantages of diode in hindi | डायोड के नुकसान :

  1. डायोड का खराब हो जाने से सर्किट के अंदर बिजली नहीं जाती लेकिन यह कई बार दोनों दिशाओं में भी काम करने लग जाता है ।


नोट :
डायोड अलग-अलग प्रकार के होते हैं और उनका काम करने का तरीका भी अलग और हर एक डायोड की अपनी-अपनी खासियत होती है । जैसे की कोई डायोड ओवर वोल्टेज से सर्किट को प्रोटेक्शन करता है, कोई डायोड रिवर्स बेस्ड पर और कोई फॉरवर्ड बेस्ड पर काम करता है । कोई डायोड वोल्टेज को नियंत्रित करता है तो कोई डायोड वोल्टेज को अलग दिशा में ले जाता है और कोई डायोड प्रकाश से चलता है और कोई डायोड इलेक्ट्रिक एनर्जी तैयार करता है । डायोड सारे काम नहीं करता उसे अलग-अलग काम करने के लिए बनाया गया है ।

Leave a Comment

Your email address will not be published. Required fields are marked *