AC vs DC in hindi | AC vs DC करंट में अंतर

आज हम जानेंगे ac और dc करंट में अंतर क्या है । दोनों करंट का उपयोग किया जाता है इलेक्ट्रॉनिक उपकरणों को चलाने के लिए । कुछ उपकरणों में ac करंट काम नहीं करता और कुछ उपकरणों में करता है ठीक वैसे ही कुछ उपकरणों में dc करंट काम करता है और कुछ उपकरणों में नहीं ।
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Ac vs dc current in hindi

 

What is AC and DC current in hindi | AC and DC करंट क्या है :

Ac करंट जिसे अल्टरनेटिव करंट कहा जाता है और dc करंट को डायरेक्ट करंट कहा जाता है । अल्टरनेटिव करंट वो करंट होता है जिसकी दिशा समय में कई बार चेंज होती रहती है दिशा चेंज होने से ac करंट कई बार चालू और बन्द होता रहता है । एक सेकंड में यह 50 से 60 बार दिशा बदलता है जिससे ac करंट 50 से 60 बार बन्द और चालू होता है । यह बहुत तेज़ स्पीड से चालू और बन्द होता है ।
 
सबसे पहले dc करंट ही बनाया गया था लेकिन उसमें कुछ परेशानियों का सामना भी करना पड़ा था । dc करंट की सबसे बड़ी प्रॉब्लम यही थी इसकी सप्लाई हम दूर तक नहीं कर सकते थे । इसकी सप्लाई 2 किलोमीटर तक के एरिया के अंदर ही हो पाती थी । अगर हम 2 किलोमीटर से अधिक सप्लाई करते हैं तो इससे वोल्टेज काफी कम हो जाता है जिससे बिजली सही मात्रा में घरों तक पहुंच नहीं पाती थी । लेकिन ac करंट की खासियत यही है की इसको हम ट्रांसफार्मर की मदद से हज़ारों, लाखों किलोमीटर दूर तक बिजली की सप्लाई कर सकते हैं इससे वोल्टेज पर असर बहुत कम ही पड़ता है । जबकि dc करंट ट्रांसफार्मर पर काम नहीं कर सकता था ।
 

AC and DC current working in hindi | AC vs DC करंट कैसे काम करता है :

दोनों करंट के काम करने का ढंग अलग-अलग होता है । ac करंट पहले आगे की दिशा में जाता है फिर उल्टी दिशा में बहता है । एक सेकंड में 50 से 60 बार यह ऐसा ही करता है । जिससे इसका पॉजिटिव और नेगेटिव टर्मिनल भी बार-बार चेंज होते रहते हैं । अगर हम ac करंट से बल्ब जगाते हैं तो पॉजिटिव करंट बल्ब के a टर्मिनल से अंदर जाता है फिर उलटी दिशा में हो जाने से इसका पॉजिटिव करंट बल्ब के b टर्मिनल से अंदर जाता है । ac करंट से अगर हम बल्ब जगाते हैं तो हमारा बल्ब 50 से 60 बार चालू और बन्द होता है । यह इतनी तेज स्पीड से बंद और चालू होता है कि हम इसे अपनी आंखों से देख नहीं सकते । बन्द होने का कारण यही है की जब ac करंट अपनी दिशा बदलता है उस समय वह करंट बन्द जरूर होता है । बन्द होने बाद ही वह उलटी दिशा में बहना शुरू होता है । ac करंट से बाहर निकलने वाली दोनों तारों में पॉजिटिव और नेगेटिव टर्मिनल का खास ध्यान नहीं रखना पड़ता इसीलिए आप इसे कैसे भी तार से जोड़कर उपकरण चला सकते हैं ।
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Dc करंट हमेशा एक ही दिशा में आगे बहता है अगर हम बैटरी को बल्ब से कनेक्ट करेंगे तो बल्ब लगातर जगता रहेगा वो बीच-बीच में बन्द नहीं होगा क्योंकि dc करंट बार-बार अपनी दिशा नहीं बदलता यानी कि इसका करंट कांस्टेंट रूप से आगे बढ़ता रहता है । Dc करंट में पॉजिटिव और नेगेटिव टर्मिनल फिक्स्ड ही रहते हैं यानी कि ac करंट की तरह यह बार-बार चेंज नहीं । इसीलिए जब भी dc करंट की मदद से कोई उपकरण चलाना होता है तो उसमें पॉजिटिव और नेगेटिव टर्मिनल का ध्यान रखना पड़ता है उसी के हिसाब से तार जोड़ी जाती है ।

AC vs DC current example in hindi | AC vs DC करंट का उदाहरण :

अगर आप गाड़ी की आगे ले जाते हैं तो इसके बाद अगर आप वापिस लेकर जाना चाहते हैं तो आपको बीच में गाड़ी को रोककर ही वापिस उलटी दिशा में जाना पड़ेगा यानि की बिना गाड़ी रुकाये आप गाड़ी को उलटी दिशा में लेकर नहीं लेकर जा सकते ठीक वैसे ही ac करंट में भी ऐसा ही होता है । ac करंट जब सीधा दिशा में जाने के बाद जब वह अपनी दिशा चेंज करता है तब वह रुकता जरूर है जिससे करंट बन्द हो जाता है इसके बाद ही वह उलटी दिशा में बहने लगता है । अगर आप गाड़ी सिर्फ आगे की या पीछे की ओर ले जाते हैं वो भी एक ही दिशा में तो इसे कांस्टेंट कहा जाता वैसे ही dc करंट होता है ।

AC और DC करंट की हर्ट्ज वैल्यू कितनी होती है :

Ac करंट की हर्ट्ज वैल्यू तकरीबन 50 से 60 होती है । हमारे भारत देश मे आम 50 हर्ट्ज ac पॉवर की सप्लाई होती है जबकि कुछ देशों में 55 हर्ट्ज या इससे अधिक हर्ट्ज की ac पॉवर की सप्लाई होती है । 50 हर्ट्ज का मतलब एक सेकंड में 50 बार दिशा बदलना या बन्द और चालू होना । जबकि की dc करंट की हर्ट्ज वैल्यू  जीरो होती है क्योंकि यह बार-बार दिशा नहीं बदलता और ना ही बन्द और चालू बार-बार होता है । हर्ट्ज वैल्यू यह दर्शतज है कि विधुत कितनी बार एक सेकंड में अपनी दिशा बदलता है और एक सेकंड में कितनी बार बन्द और चालू होता है । Dc करंट कांस्टेंट रूप से अगर बढ़ता है इसका कारण यह है कि यह ac करंट की तरह बार-बार अपनी दिशा नहीं बदलता जिस कारण इसकी वोल्टेज की वैल्यू भी एक जैसी ही रहती है । जैसा की आप चित्र में देख सकते हैं कि ac करंट का फ्रीक्वेंसी डायग्राम में ac करंट का साईकल पहले ऊपर उठता है फिर नीचे जाता है । आधे-आधे साईकल को बनाकर ही एक साईकल बनता है । चित्र यह दर्शाता है कि ac करंट बार-बार अपनी दिशा बदलता है ।

बैटरी में कौन सा करंट जमा होता है :

बैटरी में वही विधुत या करंट को स्टोर किया जा सकता है जो करंट कांस्टेंट मात्रा में आगे बढ़ता रहता है । जिस करंट की दिशा बार-बार चेंज होती रहती है उसको हम बैटरी में स्टोर नहीं कर सकते क्योंकि बार-बार पॉजिटिव और नेगेटिव चेंज होने से अलग-अलग ही प्लेट में पॉजिटिव और इलेक्ट्रॉन्स जमा नहीं हो पाते जबकि dc करंट का पॉजिटिव और नेगेटिव बार-बार चेंज नहीं होने से पॉजिटिव और नेगेटिव इलेक्ट्रॉन्स अलग-अलग प्लेट में जमा हो जाते हैं ।
AC vs DC current cycle in hindi
AC vs DC current cycle in hindi

Use of ac vs dc current in hindi | AC vs DC करंट का उपयोग :

इस टॉपिक में हम जानेंगे कि किस करंट का उपयोग किस जगह में होता है और कौन सा करंट किस उपकरणों में काम नहीं कर सकता ।
 

AC और DC पॉवर सप्लाई :

Ac करंट का उपयोग पॉवर सप्लाई करने के लिए किया जाता है क्योंकि ac करंट को हम हज़ारों लाखों किलोमीटर दूर तक बिजली की सप्लाई भी कर सकते हैं इससे पॉवर का लॉस बहुत कम ही होता है । जबकि dc करंट को हम 2 किलोमीटर से अधिक दूरी तक भेज नहीं सकते क्योंकि इसका वोल्टेज बहुत कम हो जाता है जिसे पर्याप्त मात्रा में बिजली घरों में पहुँच नहीं पाती ।
 
  • उपकरणों में :
70 से 80 प्रतिशत उपकरण ऐसे होते हैं जो सिर्फ dc विधुत पर ही चलते हैं ac विद्युत पर काम नहीं कर सकते । जैसे कि टीवी अब आप सोचेंगे कि टीवी तो ac करंट पर चलता है लेकिन यह हमारी आंखों का धोखा होता है । टीवी dc करंट से ही चलता है । बस होता यह है कि बाहर से जब हमारे घर में ac पॉवर आता है तो वह टीवी के अंदर जाता है सबसे पहले टीवी के अंदर रेक्टिफायर लगा होता है जो कि ac करंट को dc करंट में बदलता है तभी टीवी के अंदर लगे सभी पार्ट्स को dc करंट मिलता है और वह उसी dc करंट से चलते हैं । यानी कि कुल मिलाकर देखा जाए जो dc करंट से चलने वाले उपकरण होते हैं उसमें रेक्टिफायर लगा होता है जो कि बाहर से आने वाला ac करंट को dc करंट में बदलकर अंदर देना होता है ।
  • हाई वोल्टेज के उपकरण :
Ac करंट की खासियत यह होती है कि यह अधिक या कम वोल्टेज वाले उपकरणों में अच्छी तरह से काम कर सकते हैं जबकि dc करंट अधिक वोल्टेज वाले उपकरणों में अच्छी तरह से काम नहीं कर सकते जिससे पॉवर का लॉस अधिक होता है ।
 
  • ट्रांसफार्मर में :
Ac करंट को हम कम या अधिक कर सकते हैं वो भी ट्रांसफार्मर की मदद से । जबकि dc करंट को ट्रांसफार्मर की मदद से अधिक या कम नहीं किया जा सकता क्योंकि dc करंट ट्रांसफॉर्मर पर काम नहीं कर सकते । dc करंट की वोल्टेज कुछ मात्रा में बढ़ा सकते हैं । जबकि ac करंट की वोल्टेज हम कई गुना बढ़ा सकते हैं ।

3 thoughts on “AC vs DC in hindi | AC vs DC करंट में अंतर”

  1. बारीकी के साथ जानना चाहते हैं तो जान लें की ac करंट की RMS वैल्यू अधिक होने के कारण बल्ब हल्का सा अधिक रौशनी देगा पर आप महसूस नहीं कर पाएंगे, वैसे बहुत अंतर आपको देखने को नहीं मिलेगा

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