DC करंट जिसे इलेक्ट्रिसिटी कहा जाता है जो की बिजली ही होती है जिसकी मदद से हम इलेक्ट्रॉनिक के उपकरणों को चला सकते हैं जिसका उपयोग अधिकतर किया जाता है । 70 से 80 प्रतिशत ऐसे उपकरण होते हैं जो की सिर्फ DC करंट पर ही चलते है । DC करंट के बारे में कम और AC करंट के बारे में जानकारी अधिक होती है क्योंकि ac करंट को सप्लाई के लिए इस्तेमाल में लाया जाता है जबकि उपकरण अधिकतर DC करंट पर ही चलते हैं । तो चलिए अब जानते हैं की DC करंट क्या है और DC करंट कैसे काम करता है ।
DC current in hindi | DC करंट क्या होता है :
DC करंट की खोज किसने की :
DC working in hindi | DC करंट कैसे काम करता है :
Dc current working diagram in hindi |
चित्र के अनुसार अगर हम बल्ब को जगाते हैं तो बैटरी का पॉजिटिव टर्मिनल बल्ब के पॉजिटिव टर्मिनल से और बैटरी का नेगेटिव टर्मिनल बल्ब के नेगेटिव टर्मिनल से जोड़ने पर ही बल्ब जगेगा । इससे बैटरी के इलेक्ट्रॉन्स पॉजिटिव सिरे से बाहर निकल कर बल्ब से होते हुए बैटरी के नेगेटिव सिरे से अंदर जा कर चक्कर पूरा करते हैं जिससे बल्ब जगता है । अगर हम बैटरी का कनेक्शन उल्टा करके बल्ब से कनेक्ट करेंगे यानि बैटरी के नेगेटिव सिरे को बल्ब के पॉजिटिव सिरे से और बैटरी के पॉजिटिव सिरे को बल्ब के नेगेटिव सिरे से जोड़ने पर बल्ब नहीं जगेगा ।
Dc current working in hindi |
जैसा की आप चित्र में देख सकते हैं अगर dc जनरेटर को दायें से बाएं तरफ घुमाएंगे तो उसका a टर्मिनल पॉजिटिव टर्मिनल बनेगा और b टर्मिनल नेगेटिव बनेगा और अगर dc जनरेटर को बाएं से दायें तरफ घुमाते हैं तो a टर्मिनल नेगेटिव और b टर्मिनल पॉजिटिव बनेगा । जब एक बार जनरेटर जिस दिशा में घुमा दिया जाता है तो उसके बाद उसका पॉजिटिव और नेगेटिव टर्मिनल फिक्स्ड ही रहते हैं तब तक फिक्स्ड रहते हैं जब तक हम उसको रोककर उसे अलग दिशा में ना घुमा दें ।
DC करंट कांस्टेंट क्यों होता है :
कांस्टेंट का मतलब होता है ऊपर नीचे का ना होना और एक समान होना । Dc करंट हमेशा कांस्टेंट रहता है ये तो आपको पता चल गया होगा । लेकिन कांस्टेंट रहने का मुख्य कारण यही होता है की dc करंट अपनी दिशा बार-बार चेंज नहीं करता समय में बार-बार बन्द और चालू नहीं होता जिससे dc करंट कांस्टेंट रहता है । बैटरी में से जो विधुत बाहर निकलता है वह कांस्टेंट होता है
Dc current frequency diagram in hindi |
लेकिन dc जनरेटर में से निकला हुआ करंट थोड़ा सा ऊपर नीचे हो जाता है क्योंकि उसके अंदर coil घूमने से उसका टर्मिनल एक तार से जुड़कर उसके बाद हटकर फिर दूसरी तार से जुड़ता है और दूसरी तार से हटकर फिर पहली तार से जुड़ता है जिससे बीच में जब तार हट जाती है उस समय उसका करंट थोड़ा सा कम हो जाता है । जो विधुत या करंट बार-बार अपनी दिशा चेंज करते हैं वह करंट कांस्टेंट नहीं रहता क्योंकि दिशा बदलने से विधुत बन्द जरूर होता है जिससे वोल्टेज का लेवल भी 0 हो जाता है ।
नोट :
क्या DC करंट बैटरी चार्ज कर सकती है :
DC करंट में कितने हर्ट्ज होते हैं :
Advantages of DC current in hindi | DC करंट के फायदे :
- Dc करंट एक ही दिशा में आगे बढ़ता है यानी कि इसकी दिशा बार-बार चेंज नहीं होती ।
- ज्यादातर 70 से 80 प्रतिशत उपकरण जो कि dc करंट पर ही चलते हैं ।
- इसको हम बैटरी में जमा करके रख सकते हैं ।
- इसका करंट हमेशा कांस्टेंट रहता है ।
Disdvantages of DC current in hindi | DC करंट के नुकसान :
- Dc करंट की सप्लाई दूर तक नहीं हो पाती । यानी कि 2 किलोमीटर जगह के अंदर ही dc करंट की सप्लाई अच्छी तरह से हो पाती है इससे अधिक करने से वोल्टेज बहुत कम हो जाते हैं ।
- पॉवर का लॉस अधिक होता है ।
- Dc करंट जो कि काम नहीं कर सकते ट्रांसफार्मरों पर यानी ट्रांसफार्मर इस करंट से चलता ही नहीं ।
- इस dc करंट का उपयोग हम नहीं कर सकते उन उपकरणों पर जो बहुत अधिक वोल्टेज पर चलते हैं ।
Behad ache se bataya sir aapne.
Dhanyawaad.
ok ji