आज की इस पोस्ट में हम जानेंगे ac vs dc जनरेटर क्या है । इन दोनों जनरेटरों का उपयोग किया जाता है काम के हिसाब से । इसमें से एक जनरेटर का उपयोग हमारे घरों में और बिजली उत्पादन करने वाले क्षेत्र में किया जाता है और दूसरे जनरेटर का उपयोग किसी और जगह किया जाता है जहां dc उपकरणों को डायरेक्ट चलाना होता है । आगे हम जानते हैं ac और dc जनरेटर में अंतर ।
AC vs DC generator in hindi | AC vs DC जनरेटर क्या है :
AC जनरेटर वह जनरेटर होता है जिसे घुमाने से ac करंट यानि की ac विधुत पैदा होता है उसे ac जनरेटर कहा जाता है । जिस जनरेटर को घुमाने dc करंट पैदा होता है उसे dc जनरेटर कहा जाता है । Ac जनरेटर से निकला हुआ ac करंट को अल्टरनेटिव करंट कहा जाता है । अल्टरनेटिव करंट वह करंट होता है जो हर समय बार-बार अपनी दिशा बदलता रहता है और dc जनरेटर से निकला हुआ करंट जिसे डायरेक्ट करंट कहा जाता है । डायरेक्ट करंट वह करंट होता है जो समय में बार-बार अपनी दिशा नहीं बदलता और जो कांस्टेंट रूप से आगे बढ़ता रहता है ।
AC vs DC generator working in hindi | AC vs DC जनरेटर कैसे काम करता है :
Ac और dc जनरेटर दोनों जनरेटर अलग-अलग तरीकों से काम करता है । ac जनरेटर और dc जनरेटर के अंदर coil और चुम्बक की मात्रा एक जैसी ही होती है लेकिन उसे अलग आकार और कनेक्शन से जोड़ा जाता है ।
चित्र के अनुसार ac जनरेटर में दो रिंग होती है उसे डायरेक्ट वाइंडिंग की दो तारों से ही जोड़ दिया जाता है । लेकिन dc जनरेटर में रिंग एक ही होती जिसके दो हिस्से होते हैं जिसको कम्यूटेटर कहते हैं लेकिन उसको दो पत्तियों से जोड़ा जाता है और वही पत्तियां वाइंडिंग से जुडी होती है । जितनी ज्यादा वाइंडिंग होती है उतनी ही अधिक कम्यूटेटर के ऊपर पत्तियां होती हैं । बाहर ब्रश से पॉवर सप्लाई होती है जो एक सेकंड में कई बार हरेक पत्तियों से कनेक्ट होता है एक ही बार में यह सभी पत्तियों से कनेक्ट नहीं होता क्योंकि ब्रश दो ही होते हैं । ब्रश कार्बन पदार्थ के बने होते हैं । जब ac जनरेटर को घुमाया जाता है तब चुम्बक का मैग्नेटिक फील्ड का प्रभाव वाइंडिंग पर पड़ता है जिससे करंट बनना फ्लो होना यानि की बनना शुरू हो जाता है । Dc जनरेटर में भी ऐसा ही होता है । शाफ्ट को घुमाने से वाइंडिंग इस चुम्बक के चुम्बकीय क्षेत्र के अंदर आ जाती है जिससे करंट उत्तपन होता है ।
इन दोनों में अंतर यही होता है जब ac जनरेटर में जब चुम्बक का साउथ (s) पोल (a) वाइंडिंग पर आता है और नॉर्थ (n) पोल (b) वाइंडिंग के सामने होता है तब (a) वाइंडिंग में पॉजिटिव करंट और (b) करंट में नेगेटिव करंट बनता है लेकिन जब चुम्बक के घूमने से चुम्बक की दिशा चेंज हो जाती है यानि की चुम्बक का s पोल b वाइंडिंग के और n पोल a वाइंडिंग के सामने आ जाता है तब a वाइंडिंग में नेगेटिव इलेक्ट्रॉन और b करंट में पॉजिटिव में पॉजिटिव करंट बनता है । कहने का मतलब यह है की चुम्बक के घूमने से वाइंडिंग में पॉजिटिव और नेगेटिव करंट चेंज होता रहता है जिससे बाहर आने वाला करंट कभी पॉजिटिव और कभी नेगेटिव बदलता रहता है । यही कारण होता है की ac करंट बार-बार अपनी दिशा बदलता रहता है ।
Dc जनरेटर को जब घुमाते हैं तो उसके साथ-साथ टर्मिनल यानी कि कम्यूटेटर भी चेंज होते रहते हैं जिससे पॉजिटिव और नेगेटिव करंट बार-बार चेंज नहीं होता यानी कि कांस्टेंट रूप से करंट हमें मिलता है जबकि ac करंट में स्प्लिट रिंग चेंज नहीं होते हैं जिससे करंट की दिशा बार-बार पॉजिटिव और नेगेटिव बदलती रहती है ।
AC vs DC जनरेटर के करंट का डायरेक्शन :
Ac और dc जनरेटर में से जो करंट बाहर निकलता है उसका डायग्राम आप चित्र में देख सकते हैं । Ac जनरेटर में से तैयार हुआ करंट का साईकल चित्र में कभी ऊपर यानी कि पॉजिटिव रेखा पर चला जाता है और फिर 0 पर जाते हुए सबसे नीचे यानी कि नेगेटिव रेखा पर चला जाता है । इसका मतलब यह हुआ कि करंट बार-बार अपनी दिशा बदल रहा है यानी कि उसका करंट पॉजिटिव और नेगेटिव बार-बार चेंज हो रहा है ।
जबकि dc जनरेटर में करंट का साईकल ऊपर पॉजिटिव रेखा से 0 रेखा पर और फिर 0 रेखा से ऊपर चला जाता है । 0 से नीचे नेगेटिव रेखा पर इसका करंट जाता नहीं है तो इसका मतलब dc जनरेटर से तैयार हुआ करंट बार-बार अपनी दिशा नहीं बदलता है ।
Use of AC and DC generator in hindi | AC और DC जनरेटर का उपयोग :
Ac और dc जनरेटर के बारे में पड़ने के बाद अब बात यह आती है कि इसका उपयोग कहाँ होता है ।
- डैम में :
डैम में ac जनरेटर का उपयोग अधिक होता है क्योंकि पॉवर सप्लाई करने के लिए ac करंट की जरूरत होती है । जबकि dc करंट को छोटे-छोटे उपकरणों में ही लगाया जाता है और उस जगह लगाया जाता है जहां dc करंट की जरूरत हो ।
- पॉवर प्लांट में :
पॉवर प्लांट में जहां बिजली बनाई जाती है वहां भी ac जनरेटर का उपयोग होता है इसके बाद ही वही बिजली हमारे घरों में पहुंचाई जाती है लेकिन वहां पर ac जनरेटर के साथ इंजन को लगाया जाता है ताकि इंजन ac जनरेटर की शाफ़्ट को लगातार घुमाता रहे जिससे लगातार बिजली तैयार होती है ।
Ac जनरेटर का आकार बड़ा होता है यानी कि मार्किट में सिर्फ बड़े ac जनरेटर देखने को मिलते हैं जबकि dc जनरेटर हमें छोटे और बड़े दोनों देखने को मिलते हैं । छोटे ac जनरेटर इसीलिए नहीं बनाए जाते क्योंकि इसका उप, नहीं होता । Ac जनरेटर का उपयोग बहुत अधिक मात्रा में किया जाता है जैसे कि हमारे घरों में, जहां बिजली तैयार होती है वहां भी इसका उपयोग होता है और नदियों में बिजली बनाने के लिए भी इसका उपयोग किया जाता है ।
जबकि dc जनरेटर का उपयोग साइंस प्रोजेक्ट बनाए के लिए या छोटी बैटरियों को चार्ज करने के लिए किया जाता है । गाड़ियों और ट्रको जैसे व्हीकल में अल्टरनेटर का उपयोग किया जाता है लेकिन वह भी dc करंट ही देता है ।
Advantages of AC and DC generator in hindi | AC और DC जनरेटर के फायदे :
- Ac और dc जनरेटर का उपयोग बिजली बनाने के लिए किया जाता है ।
- बिना किसी फ्यूल के यह दोनों जनरेटर बिजली बनाते हैं ।
Disadvantages of AC and DC generator in hindi | AC और DC जनरेटर के नुकसान :
- छोटे Ac जनरेटरों का उपयोग नहीं किया जाता क्योंकि इसकी जरूरत नहीं पड़ती और बड़े dc जनरेटर का उपयोग भी अधिक मात्रा में बिजली बनाने के लिए नहीं किया जाता ।
- Ac जनरेटर हो या dc जनरेटर यह अपने-आप करंट तैयार नहीं करते यानी की जब तक इसे घुमाया ना जाये तबतक यह करंट तैयार नहीं करते ।