अधिकतर लोगों को ब्रशड dc मोटर के बारे में पता नहीं होता उनको सिर्फ मोटर के बारे में पता होता है । आज हम इसी के बारे में बात करेंगे । वैसे तो ब्रशड DC मोटर का उपयोग कम ही किया जाता है । इस मोटर का उपयोग किया जाता है किसी चीज़ को चलाने के लिए या घुमाने के लिए इसके बीच में शाफ्ट होती है वही शाफ्ट घूमती है जिससे मोटर काम करती है । तो चलिए जानते हैं ब्रशड dc मोटर क्या है और ब्रशड dc मोटर कैसे काम करती है ।
Brushed DC motor in hindi | ब्रशड DC मोटर क्या होता है :
ब्रशड dc मोटर का नाम पड़ा इसके ब्रश से । ब्रश की मदद से ही करंट मोटर के अंदर जाता है जिससे यह मोटर काम करती है इसीलिए इसे ब्रशड dc मोटर कहते हैं । यह मोटर dc करंट यानि की डायरेक्ट करंट पर चलती है । ब्रशड मोटर वह मोटर होती है जो इलेक्ट्रिक एनर्जी को मैकेनिकल एनर्जी में कन्वर्ट करती है । जैसे हम साइकिल चलाने के लिए पैर से जोर लगाते हैं और जो हम जोर लगते हैं वह मैकेनिकल एनर्जी होती है । अगर हम मोटर की बात करते हैं तो इसमें मोटर इलेक्ट्रिक एनर्जी को खाकर शाफ्ट को धक्का देकर घुमाती है यानि की इलेक्ट्रिक एनर्जी खाकर मैकेनिकल एनर्जी का इस्तेमाल करके शाफ्ट को धक्का देकर घुमाती है ।
Parts of Brushed DC motor in hindi | ब्रशड DC मोटर के पार्ट्स :
ब्रशड मोटर में कुल 6 ही पार्ट्स ऐसे होते हैं जिसकी आपस में मिलाकर ही एक ब्रशड DC मोटर बनती है और कैसे-कैसे पार्ट्स को लगाया जाता है इसके बारे में हम थोड़ी सी जानकारी निचे की तरफ बताने वाले हैं जोकि इस प्रकार :
- रोटर और रॉड :
इसमें बीच में लोहे की रॉड होती है जिसे रोटर कहते हैं । रोटर को आर्मेचर के बीच में जोड़ा जाता है ।
- आर्मेचर :
वाइंडिंग को आर्मेचर के ऊपर लपेटा जाता है । आर्मेचर बनाया जाता है स्टील की कई सारी पतली शीट को मिलाकर । जैसे की आप चित्र में देख सकते हैं ।
- वाइंडिंग :
वाइंडिंग को लपेटा जाता है आर्मेचर के ऊपर । आर्मेचर के ऊपर जितनी अधिक जगह छोड़ी जाती है उतना ही अधिक मात्रा में वाइंडिंग को लगाया जा सकता है । वाइंडिंग ताम्बे की तार से बना होता है । जब ताम्बे की तार को एक ही जगह पर अधिक मात्रा में लपेटा जाता तो उसे वाइंडिंग कहा जाता है ।
Parts of brushed dc motor in hindi |
- चुम्बक :
चुम्बक का इस्तेमाल शाफ्ट को धक्का देकर घुमाने का काम करती है । इसे रोटर के आसपास निकट में चुम्बक को आमने सामने लगाया जाता है । इसमें चुम्बक को थोडा सा दूर रखा जाता है शाफ्ट से ।
- ब्रश :
ब्रश जो कि कार्बन से बने होते हैं जिसको रोटर के साथ कम्यूटेटर से जोड़ा जाता है । इसी के जरिये वाइंडिंग को करंट मिलता है । चित्र में हमने ब्रश उदाहरण के तौर पर चित्र बनाकर ही दिखाया है लेकिन ब्रश दिखने में ऐसे ही होते हैं । छोटी मोटरों में कार्बन ब्रश की जगह ताम्बे की पत्ती का या कोई और मेटल की पत्ती का ही इस्तेमाल किया जाता है । कार्बन ब्रश का इस्तेमाल सिर्फ बड़ी आकार वाली मोटरों में ही किया जाता है ।
- कम्यूटेटर :
जितनी अधिक मात्रा में वाइंडिंग की मात्रा होती है उतना ही अधिक मात्रा में रॉड के ऊपर कम्यूटेटर को लगाया जाता है । जैसे की आप चित्र में देख सकते हैं मोटर की तीन वाइंडिंग है और तीनों वाइंडिंग को अलग-अलग तीनों कम्यूटेटर से जोड़ा है ।
Working of Brushed DC motor in hindi | ब्रशड DC मोटर कैसे काम करती है :
ब्रशड dc मोटर में ब्रश का इस्तेमाल किया जाता है । इसीलिए इसे ब्रशड dc मोटर कहा जाता है । इस मोटर के अंदर रॉड के ऊपर ही वाइंडिंग की जाती है जो मैग्नेटिक फील्ड की वजह से घूमती है । ब्रशड dc मोटर को करंट ब्रश के जरिये अंदर वाइंडिंग को मिलता है । वाइंडिंग में से करंट के गुज़रने से वाइंडिंग में मैग्नेटिक फील्ड बनना शुरू हो जाता है । जिससे एक वाइंडिंग में साउथ (S) पोल और दूसरी वाइंडिंग में नॉर्थ (N) पोल मैग्नेटिक फील्ड बनने लगता है ।
जब इसके सामने चुम्बक को रखा जाता है तब चुम्बक के कारण पहली वाइंडिंग का साउथ पोल चुम्बक के साउथ पोल को धक्का देता है और चुम्बक के नॉर्थ पोल की तरफ आकर्षित होकर उसके सामने जाता है । इसके बाद ठीक वैसे ही दूसरी वाइंडिंग में बना नॉर्थ पोल दूसरे चुम्बक के नॉर्थ पोल को धक्का देता है और नॉर्थ पोल वाले चुम्बक की और आकर्षित होकर उसके सामने जाता है । जिससे शाफ्ट घूम कर एक-दूसरे के उल्टे जगह पर आ जाती है । जब दोनों वाइंडिंग घूम कर जगह दूसरी जगह पहुंचती है तो इतनी ही देर में दोनों वाइंडिंग का पोल चेंज हो जाता है । जिससे फिर वाइंडिंग का साउथ पोल बिल्कुल चुम्बक के साउथ पोल के सामने हो जाने से दोनों एक दूसरे को धक्का देते हैं जिससे शाफ्ट घूमती है ।
वाइंडिंग चुम्बक को धक्का और एक दूसरे की और आकर्षित क्यों होते हैं । इसको आप चित्र के अनुसार ही अच्छी तरह जान सकते हैं । चुम्बक में हमेशा दो पोल होते हैं जिसमें से एक सिरा s पोल वाला और दूसरा सिर n पोल वाला होगा । दो चुम्बक को लेकर दोनों चुम्बक के सेम पोल को एक दूसरे के निकट लेकर जाओगे तो वे एक दूसरे को धक्का देने की कोशिश करते हैं । धक्का देने की कोशिश उस पोल पर बना मैग्नेटिक फील्ड ही करता है । लेकिन अगर उसकी दिशा चेंज करके हम चुम्बक के s पोल को n पोल के सामने लेकर जाएंगे तो इससे दोनों चुम्बक एक दूसरे को खींचने की कोशिश करेंगे जिसके बाद दोनों चुम्बक आपस में जुड़ जाते हैं । ठीक वैसे ही मोटर की वाइंडिंग में होता है । वाइंडिंग को करंट देने से वाइंडिंग पॉवरफुल चुम्बक की तरह काम करता है जिसके बाद वह सामने रखे चुम्बक की और आकर्षित होता है या धक्का देता है जिससे शाफ्ट घूमती है ।
Features of brushed DC motor in hindi | ब्रशड DC मोटर के फीचर्स :
- अधिक एफिशिएंसी
- कम बिजली की खपत
- कम कीमत
- कांस्टेंट स्पीड
Use of brushed DC motor in hindi | ब्रशड DC मोटर का उपयोग :
ब्रशड dc मोटर का इस्तेमाल बहुत अधिक मात्रा में किया जाता है और आज भी किया जाता है क्योंकि ये मोटर काफी सस्ती पडती है इसीलिए । लेकिन ब्रशड dc मोटर का अधिकतर इस्तेमाल छोटे उपकरणों में ही किया जाता है इसके आलावा बड़े उपकरणों में ये मोटर थोड़ी सी अधिक महंगी पडती है इसके आलावा ब्रशड dc मोटर के उपयोग इस प्रकार हमने नीचे की तरफ ही बताये हुए हैं :
- खिलौनों में :
इस प्रकार की ब्रशड dc मोटर का अधिकतर उपयोग खिलौनों में ही किया जाता है । जहां कम कीमत में खिलौने बनाने हो तो वहां इस मोटर का उपयोग किया जाता है क्योंकि इसकी कीमत काफी कम होती है इसीलिए ।
- उपकरणों में :
कुछ उपकरण ऐसे होते हैं जहां करंट निरन्तर मिलता है और वहां ऐसी मोटर चाहिए होती है जो निरन्तर रूप से यानि की एक जैसी स्पीड से ही चलती रहे वहां इस मोटर का प्रयोग किया जाता है क्योंकि ब्रशड dc मोटर की स्पीड कांस्टेंट होती है ।
Benefits of brushed dc motor in hindi | ब्रशड dc मोटर के फायदे :
- यह कम पॉवर पर चलती है जिससे बिजली की खपत कम होती है ।
- इसकी efficiency bldc मोटर से 30 प्रतिशत अधिक होती है ।
- छोटी ब्रशड मोटरों की कीमत बिल्कुल कम होती है ।
- खिलौनों में ये मोटर बेहद अच्छी तरीके से काम करती है ।
- इसकी स्पीड कांस्टेंट होती है यानि की बार-बार कम और अधिक नहीं होती ।
Disadvantages of brushed DC motor in hindi | ब्रशड DC मोटर के नुकसान :
- इसके ब्रश जल्दी से घिस जाते हैं जिससे बार-बार ब्रश चेंज करने पड़ते हैं ।
- इस प्रकार की मोटरों से आवाज काफी अधिक आती है ।
- इसकी स्पीड कम होती है ।
- बार-बार सर्विस और मेंटेनेंस करवाने की जररूत पड़ती है क्योंकि इस मोटर के अधिक चलने से इसके ब्रश घिस कर खत्म हो जाते हैं ।
- बड़ी ब्रशड dc मोटर की कीमत काफी अधिक होती है इसीलिए बड़ी प्रकार की dc मोटर को बनाया नहीं जाता ।
- ब्रशड dc मोटर लम्बे समय तक नहीं चल पाती जिसके कारण अगर हम इसे कई बार खरीदें तो यह मोटर महंगी पड़ जाती हैं ।