आज के इस आर्टिकल में हम जानेंगे की चार्जर क्या है और यह कैसे काम करता है । आज के समय में चार्जर का उपयोग काफी अधिक मात्रा में किया जाता है । साधारण तौर पर अगर देखा जाये तो तकरीबन 80 प्रतिशत लोगों के यह नहीं पता होता की आखिर चार्जर कैसे काम करता है । फ़ोन या बैटरी तो चार्ज तो कर लेते हैं लेकिन इसके लिए आपको चार्जर के बारे में जानना भी बहुत जरूरी है जिससे आपको इलेक्ट्रॉनिक के बारे में और अधिक नॉलेज हो जायेगी जिससे आप कोई स्पेशल उपकरण भी बना सकते हैं । अगर आप चाहे तो इसे घर पर भी बना सकते हैं । तो चलिए जानते हैं चार्जर क्या है और चार्जर कैसे काम करता है ।
What is Charger in hindi |
What is Charger in hindi | चार्जर क्या होता है :
चार्जर एक ऐसा छोटा सा उपकरण होता है जिसका मुख्य काम होता है dc करंट देना । वैसे चार्जर का उपयोग dc करंट लेने के लिए ही किया जाता है ताकि हम बैटरी को चार्ज कर सके । लेकिन आप एक बात जरूर ध्यान रखें की बैटरी में हमेशा dc करंट ही जमा होता है जबकि ac करंट को स्टोर करके नहीं रखा जा सकता । इसीलिए चार्जर का उपयोग किया जाता है जो बैटरी को चार्ज करती है । इसीलिए कहा जाता है dc बैटरी और जो चार्जर हमें dc करंट देता है उसे dc चार्जर कहते हैं ।
Parts of charger in hindi | चार्जर के पार्ट्स :
चार्जर में हम आपको बता देते हैं जरूरी पार्ट्स के बारे में लेकिन अलग-अलग कंपनियां अपने ही हिसाब से बनाती है लेकिन काम सभी का एक जैसा ही होता है । चार्जर के पार्ट्स के नाम जो की इस प्रकार है :
ट्रांसफार्मर :
ट्रांसफार्मर का इस्तेमाल चार्जर में किया जाता है वोल्टेज को घटाने के लिए । बाहर से 240 वोल्टेज हमें मिलता है घरों के लिए । तो इसमें ट्रांसफार्मर 240 वॉल्ट को 5 वॉल्ट में कम करके देता है ।
रेक्टिफायर :
रेक्टिफायर जो की ब्रिज रेक्टिफायर होता है और यह डायोड से मिलकर बना होता है । ब्रिज डायोड को बनाने के लिए 4 डायोड की जरूरत पड़ती है । कई चार्जर ऐसे होते हैं जिसमें तीनया दो डायोड का ही उपयोग किया जाता है । लेकिन जिस चार्जर में ब्रिज रेक्टिफायर का इस्तेमाल किया जाता है वह चार्जर काफी अच्छी तरीके से काम करता है ।
Parts of charger in hindi |
कैपेसिटर :
कैपेसिटर जिसका मुख्य काम होता है विधुत को फ़िल्टर करना यानि की साफ करना । AC करंट को DC करंट में बदलने का पश्चात उसमें कुछ कचरा सा रह जाता है और उसी कचरे को बैटरी के अंदर जाने से रोकने के लिए लगाया जाता है कैपेसिटर को ।
रेसिस्टर :
चार्जर में एम्पियर की मात्रा अधिक होता है । तो अधिक एम्पियर होने से बैटरी या स्मार्टफोन बहुत तेज़ गति से चार्ज होने से सड़ सकता है तो इस एम्पियर को कम करने के लिए रेसिस्टर का इस्तेमाल किया जाता है ।
Charger working in hindi | चार्जर कैसे काम करता है :
चार्जर किस तरह से काम करता है यह जानने से पहले नीचे आप चित्र को देख लीजिये उसी के हिसाब से आपको अच्छी तरह से समझ आएगा । चार्जर में सबसे पहले ac 240 वॉल्ट विधुत प्रवाहित होता है ट्रांसफॉर्मर में और यहां पर ट्रांसफार्मर 240 वॉल्ट को कम करके 5 वॉल्ट में बदलता है जितना वोल्टेज चाहिए होता है बैटरी को चार्ज करने के लिए उसी के हिसाब से उतने ही वोल्टेज वाला ट्रांसफार्मर लगाया जाता है । लेकिन एक बात जरूर ध्यान रखें की जब ट्रांसफार्मर की मदद से जितना अधिक वोल्टेज को घटाया जाता है उतना ही अधिक मात्रा में एम्पियर की मात्रा बढ़ जाती है । एम्पियर दर्शाती है विधुत के चलने की स्पीड को और अधिक एम्पियर से बैटरी जल्दी से चार्ज हो जाती है लेकिन बहुत अधिक एम्पियर होने से बैटरी भी सड़ सकती है ।
Charger working diagram in hindi |
240 वॉल्ट से 5 वॉल्ट में बदल जाने के बाद वह 5 वॉल्ट करंट जो की ac करंट होता है जबकि बैटरी को चार्ज करने के लिए dc करंट की जरूरत होती है । इसके बाद रेक्टिफायर को लगाया जाता है जो की 5 वॉल्ट ac करंट को 5 वॉल्ट dc करंट में कन्वर्ट करता है । Ac करंट को जब dc करंट में बदला जाता है उसके बाद उस dc करंट में थोड़ा सा कचरा रह जाता है जिससे सर्किट में प्रॉब्लम आ जाती है तो इसी कचरे को बैटरी के अंदर जाने से रोकने के लिए कैपेसिटर को लगाया जाता है । इसमें कैपेसिटर का काम होता है विधुत को फिल्टर यानि की साफ करना ।
5 वॉल्ट dc करंट बन जाने के बाद उस dc करंट में एम्पियर (amps) की मात्रा अधिक होती है और इसी को कम करने के लिए रेसिस्टर की जरूरत पड़ती है जो एम्पियर की मात्रा को कम करके देता है । जैसे की अगर बैटरी 1 एम्पियर से चार्ज होती है तो चार्जर के अंदर 1 एम्पियर वाला रेसिस्टर लगाया जाता है । इतना हो जाने के बाद ही हमें सही तरीके से 5 वॉल्ट dc करंट मिलता है जिसकी मदद से हम बैटरी या स्मार्टफोन को चार्ज कर सकते हैं ।
What is fast charger in hindi | फ़ास्ट चार्जर क्या है :
वह चार्जर जो बैटरी को कम समय में तेज़ स्पीड से चार्ज कर देता है उसे फ़ास्ट चार्जर कहा जाता है । फ़ास्ट चार्जर में बस यही होता है की वह चार्जर हमें अधिक एम्पियर का करंट देता है । अधिक एम्पियर होने से बैटरी जल्दी से चार्ज हो जाती है और उसकी मदद से हम साधारण बैटरी भी तेज़ स्पीड से चार्ज कर सकते हैं ।
लेकिन आप एक बात जरूर ध्यान रखें की अल्ट्रा फ़ास्ट चार्जर जिसमें से 3 एम्पियर या इससे भी अधिक एम्पियर का करंट बाहर निकलता है तो उसे करंट से बैटरी चार्ज करने से बैटरी सड़ सकती है इसके लिए वही बैटरी को आवश्यकता होती है जो अल्ट्रा फ़ास्ट चार्जिंग स्पीड को सपोर्ट कर सके । बैटरी बिल्कुल सेफ तरीके से चार्ज करने के लिए कम से कम 1 एम्पियर सही रहता है । अगर बैटरी के साथ ही आपको अल्ट्रा फ़ास्ट चार्जर दिया जा रहा है तो इसका मतलब वह बैटरी अल्ट्रा फ़ास्ट चार्जिंग स्पीड को सपोर्ट करती हैं जिसकी मदद से आप बैटरी को चार्ज कर सकते हैं और इसमें आपको घबराने की कोई जरूरत नहीं है ।
Which type of current give the charger | चार्जर कौन सा करंट देता है :
अधिकतर चार्जरों का इस्तेमाल और बनाया जाता है बैटरी चार्ज करने के लिए तो इसके लिए चार्जर हमें dc करंट ही देता है । अगर देखा जाए तो इनवर्टर की बैटरी में जमा होता है dc करंट जब कि हमारे घरों में जो उपकरण लगे होते हैं वह ac करंट से चलते हैं । इससे इन्वर्टर के अंदर भी ac चार्जर लगा होता है जिसका मुख्य काम होता है बैटरी का dc करंट को ac करंट में बदलना और हमें देना । लेकिन एक बात जरूर ध्यान रखें कि इन्वर्टर में चार्जर दोनों काम करते हैं ac करंट को dc करंट में और dc करंट को ac करंट में बदलने का । जो चार्जर हमें dc करंट देता है उसे dc चार्जर और जो चार्जर हमें ac करंट देता है उसे ac चार्जर कहते हैं ।
Advantages of Charger in hindi | चार्जर के फायदे :
- चार्जर की मदद से बैटरी या स्मार्टफोन को चार्ज किया जाता है ।
- चार्जर जो की हमें dc करंट देता है । लेकिन बहुत कम और कुछ चार्जर ऐसे भी होते हैं जो ac करंट देते हैं ।
- यह विधुत की मात्रा को कम या अधिक करके देता है ।
- इसकी कीमत भी कम होती है जिसे आप आसानी से खरीद सकते हैं ।
Disadvantages of charger in hindi | चार्जर के नुकसान :
- फ़ास्ट चार्जर की कीमत साधारण चार्जर से काफी ज्यादा होती है ।