Rectifier कैसे बनाएं । Make Rectifier in hindi

हेल्लो दोस्तो आपने रेक्टिफायर के बारे में जरूर सुना होगा कि यह क्या है और यह कैसे काम करता है लेकिन क्या आपको रेक्टिफिर बनाना आता है या नहीं, अगर नहीं आता तो आज के इस आर्टिकल में हम रेक्टिफायर बनाएंगे और आपको सिखाएंगे की रेक्टिफायर कैसे बनाते हैं । इसके भी आगे कई प्रकार हैं उसको बनाना भी हम आपको अच्छी तरह से समझ देंगे । तो चलिये जानते हैं रेक्टिफायर कैसे बनाएं बिल्कुल आसान तरीके से और अच्छी जानकारी के साथ ।

How to make rectifier in hindi
How to make rectifier in hindi

 

Half Wave Rectifier कैसे बनाएं :

इस रेक्टिफायर को बनाने की खास जरूरत ही नहीं पड़ती क्योंकि यह बनता ही है एक डायोड से इसीलिए । इस रेक्टिफायर में एक ही डायोड की जरूरत होती हैं जिसे सर्किट में लगा दिया जाता है और इसे ऐसे ही सर्किट में लगाया जाता हैं जहां dc करंट आधा चाहिए होता हैं यानी कि लगातार नहीं चाहिए होता है या करंट रुक-रुक कर चाहिए होता है ।

How to make half wave rectifier in hindi
How to make half wave rectifier in hindi

इसमें डायोड को करंट की तार के बीच मे ही लगा दिया जाता है जबकि इसमें आपको पॉजिटिव और नेगेटिव तार को देखने की जरूरत नहीं है क्योंकि ac करंट की तार का टर्मिनल कांस्टेंट रहता ही नहीं कभी पहली वाली तार पॉजिटिव बन जाती हैं और कभी नेगेटिव ठीक वैसे ही दूसरी तार भी । तो कुल मिलाकर इसको बनाने की जरूरत ही नही पड़ती । लेकिन आप एक बात का जरूर ध्यान रखें कि इसे जहां भी लगाया जाता है वहां इसके कैथोड और एनोड टर्मिनल को देखकर ही लगाया जाता है । कैथोड टर्मिनल से नेगेटिव करंट और एनोड टर्मिनल से पॉजिटिव करंट प्रवाहित होता है ।

 

Full Wave Rectifier कैसे बनाएं :

इसको बनाना भी काफी ज्यादा आसान होता है क्योंकि इसको बनाने के लिए दो ही डायोड की आवश्यकता होती है जिसको आमने सामने लगाया जाता है । जैसा कि आप चित्र में देख सकते हैं ।

 

Bridge Wave Rectifier कैसे बनाएं :

ब्रिज वेव रेक्टिफिएर ही एक ऐसा रेक्टिफायर है जिसको बनाने के लिए बाकी रेक्टिफायर के मुकाबले में अधिक समय लगता है और इसे बनाना भी थोड़ा सा मुश्किल होता है लेकिन बहुत मुश्किल भी नहीं क्योंकि इसको बनाने के लिए आपको एक ट्रिक्स को अपनाना होगा जिसकी मदद से आप ब्रिज वेव रेक्टिफायर को आसानी से बना पाएंगे ।

How to make bridge wave rectifier in hindi
How to make bridge wave rectifier in hindi

सबसे पहले आपको यह जानना बहुत ही जरूरी है कि डायोड का को से टर्मिनल कैथोड और एनोड का है उसी के हिसाब से रेक्टिफायर को बना पाएंगे । इसमी डायोड के जिस टर्मिनल के पास सफेद रंग की पट्टी होती है वह टर्मिनल कैथोड टर्मिनल और बचा हुआ दूसरा टर्मिनल एनोड टर्मिनल होता है । एनोड टर्मिनल से पोस्टिव करंट अंदर जाता है और कैथोड टर्मिनल से बाहर करंट निकलता है । लेकिन यह एक ही दिशा में करंट कोप बहने देता है और वह कैसे इसके लिए हमने अलग डायोड के ऊपर आर्टिकल लिखा हुआ है आप उसको भी पढ़ सकते हैं । बस यही मुख्य बातें आपको ध्यान में रखना है ।

इसमें सबसे पहले आप एक डायोड के कैथोड टर्मिनल को चित्र के अनुसार दूसरे डायोड के एनोड टर्मिनल से जोड़ दें । फिर दूसरे ही डायोड का बचा हुआ कैथोड टर्मिनल को तीसरे डायोड के कैथोड टर्मिनल से जोड़ दें । उसके बाद तीसरे ही डायोड का बचा हुआ एनोड टर्मिनल को जोड़ दें पहले वाले के कैथोड टर्मिनल के साथ । बस आपका ब्रिज वेव रेक्टिफायर बनकर तैयार हो जाएगा ।

 

किस रेक्टिफायर को अधिकतर बनाया और उपयोग में लिया जाता है :

ब्रिज वेव रेक्टिफायर को ही अधिकतर बनाया जाता है क्योंकि आज के समय मे इसी का अधिकतर उपयोग किया  जाता है जबकि बाकी के कुछ रेक्टिफायर जैसे कि हाफ वेव रेक्टिफायर और फुल वेव रेक्टिफायर इन सभी का इस्तेमाल ना के बराबर ही किया जाता है क्योंकि ये रेक्टिफायर ब्रिज वेव रेक्टिफायर की तरह अच्छी तरीके से काम नही कर पाते हैं इसीलिए । जैसे कि ac करंट को पूरी तरीके dc करंट में ना बदल पाना जबकिं फुल वेव रेक्टिफायर तो बदल देता है लेकिन उसमें कुछ खामियां देखने को मिली थी जिससे सर्किट में कुछ ना कुछ प्रॉब्लम देखने को मिल जाती थी । इसी कारण ब्रिज वेव रेक्टिफायर को अधिकतर इस्तेमाल में लाया जाने लगा क्योंकि यह एक तो ac करंट को पूरी तरह से बदल देता है dc करंट में और दूसरा यह अच्छी तरीके से और लगातार करंट देता रहता है जिससे सर्किट में कोई प्रॉब्लम नहीं आती ।

 

कैपेसिटर को रेक्टिफायर के साथ क्यों लगाया जाता है :

जब ac करंट को dc करंट में बदला जाता है उसके बाद उस dc करंट में कुछ ना कुछ कचरा सा रह जाता है जो किसी सर्किट में या उपकरणों में कोई ना कोई प्रॉब्लम कर देते हैं खड़ा । जिससे उपकरण अच्छी तरह से काम नहीं कर पाता और इसी कचरे को रोकने के लिए सभी रेक्टिफायर के साथ में या बीच में कैपेसिटर को लगाया जाता है जो dc करंट को साफ करके आगे भेजता है ताकि उपकरण या सर्किट सही तरीके काम कर सके ।

 

Rectifier बनाने के लिए कितना खर्चा आता है :

रेक्टिफिएर जो कि बहुत ही कम कीमत में ही बन जाता है । फिर भी आप मान के चलो की अधिक से अधिक 30 रुपये तक का खर्चा आ सकता है लेकिन अगर आप डायोड को खरीदते हैं दुकान में । जबकि अगर आप ऑनलाइन खरीदेंगे तो इसके लिए डिलीवरी चार्ज अलग से लगते हैं जिससे यह महंगा भी पड़ जाता है । सबसे अच्छा तरीका तो यही है कि जब भी इलेक्ट्रॉनिक का कोई उपकरण खराब होता है उसको फेंको मत क्योंकि उसमें काफी पार्ट्स मिल जाएंगे जैसे कि डायोड, रेसिस्टर, ट्रांसिस्टर, ट्रांसफार्मर इत्यादि । इनमें से आप डायोड को लेकर रेक्टिफायर को आसानी से बना सकते हैं । लेकिन यह डायोड कितने वोल्टेज पर काम करेगा यह सब कुछ डायोड के ऊपर ही निर्भर करता है ।

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