आलू बैटरी के बारे में तो कम लोग ही जानते हैं और अगर जानते हैं तो उसके बारे में हम यह बताने वाले हैं कि आलू बैटरी को आखिर कैसे बनाया जाता है और क्या इस आलू बैटरी को बनाना आसान भी है । लेकिन सबसे पहले मैं आपको आलू बैटरी के बारे में बता देते हैं कि आलू बैटरी का अधिकतर उपयोग एक्सपेरिमेंट करने के लिए या साइंस के प्रोजेक्ट्स बनाने के लिए ही किया जाता है और यह आलू बैटरी अलग होती है एक साधारण बैटरी से । तो चलिये जानते हैं आलू बैटरी कैसे बनायें बारीकी के साथ ।
आलू बैटरी बनाने के लिए पार्ट्स के नाम :
आलू बैटरी को बनाने के लिए हमें कुछ पार्ट्स या कंपोनेंट्स की आवश्यकता पड़ती है जो आपको आसानी से मिल जाएंगे एयर ये पार्ट्स अधिकतर घरों में पहले से भी पड़े होते हैं और उन पार्ट्स के नाम जो कि इस प्रकार है :
- आलू
- जिंक या जस्ते (कील या मेख) की प्लेट
- तांबे की प्लेट
- दो तारें
- एक बल्ब (0.5 वॉल्ट)
आलू तो मिल ही जाते हैं लेकिन जिंक की प्लेट यानी कि जस्ते की प्लेट जो कि ज्यादातर मिलती नहीं है, अगर आपको जिंक की प्लेट नहीं मिलती है तो इसकी जगह पर आप कर सकते हैं इस्तेमाल एक कील का जिसे मेख भी कह सकते हैं और यह पार्ट्स तो हमारे घरों में तो आसानी से मिल ही जाता है । कोशिश करें कि मेख की चौड़ाई अधिक से अधिक हो । इसके बाद अधिक तांबे की प्लेट लगाई जाती है और यह प्लेट मिल ही जाती है आसानी से बाजार में । फिर 2 तारें जिसमें से 0.5 वॉल्ट का करंट पास होना ही चाहिए कम से कम । आप एक बात जरूर ध्यान रखना की तार के अंदर तांबा अधिक मोटा ना हो जितना अधिक ताम्बे होता है तार में उतना ही वोल्टेज कम होता जाता है । कोशिश करें कि तार पतली से पतली हो । इसके बाद चाहिए होगा एक बल्ब जो चलता हो 0.5 वॉल्ट पर या अधिक से अधिक 1 वॉल्ट पर इसके बारे में हम आपको अगर विस्तार से बताएंगे कि हमने 0.5 वॉल्ट बल्ब को क्यों सेलेक्ट किया है ।
Make Potato Battery in hindi | आलू बैटरी कैसे बनाएं :
सबसे पहले पकड़कर आलू को उसके बीच मे दाएं और बाएं तरफ आमने सामने पत्ती लगा दीजिए यानी कि दाएं तरफ तांबे की पत्ती को और बाएं तरफ लगाएं जिंक या मेख को । यह सब आप चित्र के अनुसार देख सकते हैं । पत्ती आलू के अंदर तक सबसे नीचे तक पहुंचना चाहिए । बस आलू बैटरी बनकर हो जाएगी तैयार इसके बाद आपको करंट बनाने के लिए और कुछ नहीं करना पड़ेगा क्योंकि करंट बनाने के काम अब आलू के अंदर पाया जाने वाला एसिड रस ही करेगा । जो इलेक्ट्रॉन्स को एक पत्ती से लेकर दूसरी पत्ती तक गुज़रने में मदद करेगा जिससे बनता है करंट । इसी करंट को बाहर निकालने के लिए दोनों तारों को अलग-अलग पत्तियों के साथ कनेक्ट करें जिसमें ताम्बे की पत्ती से मिलेगा पॉजिटिव (+) करंट और जिंक या मेख से मिलेगा नेगेटिव (-) करंट । इन दोनों तारों को पॉजिटिव और नेगेटिव के सिग्न को देखकर 0.5 वॉल्ट से चलने वाले बल्ब से कनेक्ट कर दीजिए एयर बल्ब जगने लगेगा । 0.5 वॉल्ट का बल्ब हमने इसीलिए सलेस्ट किया है क्योंकि आलू अधिक वोल्टेज का करंट नहीं बना पाता और आलू से बनने वाला वोल्टेज तकरीबन 0.5 वॉल्ट का ही होता है इसीलिए हमने कम वोल्टेज से चलने वाले बल्ब को लगाया है ।
आलू से स्मार्टफोन कैसे चार्ज करें :
स्मार्टफोन को चार्ज करने के लिए 5 से लेकर 5.5 वोल्टेज करंट की आवश्यकता होती है जबकि आलू से बनने वाला वोल्टेज बिल्कुल कम या तकरीबन 0.5 वॉल्ट ही होता है इससे थोड़ा सा अधिक या कम भी हो सकता है और यह निर्भर करता है आलू के अंदर पाया जाने वाला रस कितना है । तो स्मार्टफोन को चार्ज करने के लिए हमें चाहिए होंगे 10 आलू तभी 5 वॉल्ट मिल पायेगा सभी आलुओं से और सभी आलुओं को पैरेलल के रूप में नहीं बल्कि सीरीज के रूप में जोड़ना है ।
आलू से मिलने वाला करंट कौन सा होता है :
आलू से मिलने वाला करंट हमेशा डायरेक्ट करंट ही होता है यानी कि DC करंट । आप हमेशा एक बात जरूर ध्यान रखना की बैटरी से हमेशा dc करंट मिलता है और इस आलू बैटरी में भी मिलने वाला dc करंट ही होता है । AC करंट मिलता है अधिकतर जनेटरों से ही जबकि बाकी के उपकरणों से AC करंट जल्दी से देने वाला नहीं होता है ।
आलू से कितना वोल्टेज बनता है :
आलू से मिलने वाला वोल्टेज तकरीबन 0.5 वॉल्ट ही होता है जबकि कुछ आलुओं से मिलने वाला वोल्टेज अधिक भी होता है क्योंकि वह आलू बड़ा हो सकता है इसीलिए । जितना एसिड इस आलू के अंदर होता है उतना ही अधिक मात्रा में वोल्टेज का करंट बनने की सम्भावना होती है ।