Potato Battery बैटरी क्या है | Potato Battery कैसे काम करती है

आलू बैटरी के बारे में अपने कभी नहीं सुना होगा । लेकिन यह भी एक बैटरी की तरह ही काम करती है तो इसे आलू बैटरी या पोटैटो बैटरी क्यों कहा जाता है वो भी हम आगे अच्छी तरीके से बता पाएंगे । इसका इस्तेमाल आज के समय में सिर्फ एक्सपेरिमेंट करने के लिए या तो प्रोजेक्ट बनाने के लिए किया जाता है जो प्रोजेक्ट होते हैं साइंस से जुड़ते हैं । इसका इस्तेमाल अधिकतर सुडेंट्स ही करते हैं । तो चलिये जानते हैं आलू बैटरी क्या है और यह कैसे काम करती है । लेकिन हां एक बात पूरी तरह से सही है कि यह आलू बैटरी लंबे समय तक करंट नहीं बना सकती ।

What is Potato battery in hindi
What is Potato battery in hindi

 

What is Potato Battery in hindi | आलू बैटरी क्या है :

आलू बैटरी जो बनती है आलू से और यह काम करती है बैटरी की तरह करंट देने का इसीलिए इसे आलू बैटरी का नाम दिया गया । लेकिन यह बैटरी साधारण इस्तेमाल की जाने वाली बैटरियों से बिल्कुल अलग होती है । जैसे कि आपको पता होगा कि साधारण बैटरी से आप करंट को जमा कर सकते हैं और जब जरूरत पड़ी तो उसे बाद में ले भी सकते हैं लेकिन इस आलु बैटरी जो सिर्फ करंट देने का ही काम करती है यानी कि इसमें करंट जमा नहीं होता । तो देखा जाए तो इसमें करंट अगर जमा नहीं होता तो करंट आता कैसे है यही तो खासियत होती है इस आलू बैटरी की जो फ्री में करंट बनाने का काम करती है और उसी करंट का इस्तेमाल हम इलेक्ट्रॉनिक उपकरणों को चलाने के लिए कर सकते हैं । यही खासियत होती है आलू बैटरी की जो फ्री में और बिना ईंधन के बिजली बनाने का काम करती है ।

 

Potato Battery working in hindi | आलू बैटरी कैसे काम करती है :

अब आपके मन में यह भी सवाल होगा कि आखिर यह आलू बैटरी कैसे काम करती है । इसमें आलू के आसपास जो पत्तियां लगी होती हैं उसी पत्तियों से करंट बाहर निकलता है इसमें से एक पत्ती बनी होती है ताम्बे की और दूसरी बनी होती है जिंक यानी कि जस्ते की या कील (मेख) भी लगा सकते हैं । 

Potato battery working diagram in hindi
Potato battery working diagram in hindi

आलू के अंदर पाया जाता है एसिड और यही करंट बनाने में मदद करता है । जब दोनों प्लेटों को आलू के अंदर रखा जाता है उसके बाद यही एसिड इलेक्ट्रॉन्स को एक प्लेट से दूसरी प्लेट में प्रवाहित करने में मदद करती है या यही एसिड दोनों प्लेटों के इलेक्ट्रॉन्स को तोड़ने में मदद करती है जिससे करंट बनता है और यही करंट बाहर निकल कर हमें मिल पाता है ।

 

कच्चे आलू से अधिक करंट बनता है या उबले आलू से :

करंट तो दोनों आलुओं से मिल ही जाता है लेकिन उबले हुए आलू से करंट कच्चे आलू के मुकाबले में काफी अधिक होता है । जबकि कच्चे आलू से बनने वाला या मिलने वाला करंट कम ही होता है । इसीलिए अगर आप सोच रहे हैं आलू बैटरी बनाने के बारे में तो कोशिश करें कि उबले हुए आलू ही हों ।

 

क्या आलू बैटरी स्मार्टफोन को चार्ज कर सकती है :

जी हां आप आलू की मदद से स्मार्टफोन को कर सकते हैं चार्ज । लेकिन इसके लिए आपको कई आलू चाहिए होंगे तभी स्मार्टफोन को चार्ज कर पाएंगे क्योंकि एक आलू में से मिलने वाला वोल्टेज बहुत कम होता है तकरीबन 0.5 जबकि स्मार्टफोन को चार्ज करने के लिए हमें चाहिए होता है 5 वॉल्ट इसीलिए एक साथ कई आलू को जोड़ा जाता है आपस मे ताकि 5 वॉल्ट मिल सके । जैसे ही 5 वॉल्ट हमें मिलता है उसके बाद हम स्मार्टफोन को चार्ज कर सकते हैं । लेकिन आप स्मार्टफोन चार्ज करने से पहले यह जान लें कि क्या आलू 5 वॉल्ट करंट दे भी रहा है या नहीं । इसको पता करने के लिए आप डिजिटल मल्टीमीटर का भी इस्तेमाल कर सकते हैं ।

 

आलू बैटरी कितने समय तक चलती हैं :

आलू बैटरी एक साधारण बैटरी की तरह ज्यादा लंबे समय तक चलने वाली नहीं होती है क्योंकि इसके दो कारण हैं । पहला कारण यह कि आलू महीनें पड़े-पड़े खराब हो जाते हैं  जबकि उबले हुए आलू कुछ दिन में ही खराब हो जाते हैं अब दूसरा कारण है कि यह लंबे समय तक करंट नहीं दे सकता और यह कितनी देर तक करंट दे सकता है इसके बारे में हमने अभी तक कोई एक्सपेरिमेंट या टेस्ट नहीं किया है टेस्ट करने के बाद हम आपको इसके बारे में बि बता देंगे ।

 

Use of Potato Battery in hindi | आलू बैटरी का उपयोग :

आपने आलू बैटरी को कहीं नहीं देखा होगा और ना ही इसके इस्तेमाल किया जाता है इलेक्ट्रॉनिक के उपकरणों में । तो इस आलू बैटरी का इस्तेमाल सिर्फ एक्सपेरिमेंट करने के लिए ही किया जाता है जैसे कि स्कूल में या कॉलेज में प्रोजेक्ट्स बनाने को कहा जाता है तब उस प्रोजेक्ट को तैयार करने के लिए इस आलू बैटरी को इसी प्रोजेक्ट में ले सकते हैं और इस प्रोजेक्ट्स का नाम होगा आलू बैटरी जो फ्री में बिजली बनाने का काम करती है । इसका इस्तेमाल हर जगह इसीलिए नहीं किया जाता क्योंकि यह बड़ी मात्रा में बिजली नहीं बना पाता और इसमें से मिलने वाला वोल्टेज काफी कम होता है ।

इसके अलावा अगर आप चाहते हैं कि टेलिविज़न जैसे उपकरण जो चल सके आलू बैटरी पर तो इसके लिए आप इस आलू बैटरी को उपयोग में ला सकते हैं लेकिन इसके लिए बहुत सारे आलुओं की आवश्यकता होती है जिससे वोल्टेज हमें अधिक मात्रा में मिल पायेगा लेकिन वह करंट dc करंट होता है जबकिं टेलीविजन ac करंट पर चलता है तो इसके लिये आपको अलग कन्वर्टर खरीदना पड़ेगा जो dc करंट को बदल सके ac करंट में । बस फिर आप इसी आलू बैटरी से टेलिविज़न जैसे उपकरणों को आसानी से चला पाएंगे । लेकिन यह काफी मुश्किल काम भी है क्योंकि इसमें 200 से अधिक आलुओं की आवश्यकता पड़ेगी । आज के समय मे बहुत से स्टूडेंट्स इसी एक्सपेरिमेंट को घर पर उपयोग करके बिजली को जितना हो सके बचा रहे हैं और नए से नया टेक्निक को और बढ़ावा भी दे रहे हैं ।

 

Advantages of Potato Battery in hindi | आलू बैटरी के फायदे :

  1. आलू बैटरी जोकि फ्री में करंट बनाने का करता है काम ।
  2. इसे आप आसानी से घर भी बना सकते हैं ।
  3. आलू बैटरी बिल्कुल आसानी से बन जाती है ।
  4. उबले हुए आलू से करंट अधिक बनता है ।
  5. आलू बैटरी जो कि बन जाता है बिल्कुल ही कम खर्चे में ।
  6. साइंस के प्रोजेक्ट्स बनाने के लिए आलू बैटरी का उपयोग अधिकतर ही किया जाता है ।
  7. उबले हुए आलू जो कि अधिक मात्रा में करंट बनाने की रखता है क्षमता ।
  8. आलू बैटरी से मिलने वाला करंट होता है DC करंट यानि की डायरेक्ट करंट ।

 

Disadvantages of Potato Battery in hindi | आलू बैटरी कर नुकसान :

  1. आलू बैटरी अधिक मात्रा में करंट नहीं बना सकता यानी कि नहीं दे सकता ।
  2. आलू बैटरी से मिलने वाला वोल्टेज काफी कम होता है ।
  3. लंबे समय तक आलू बैटरी टिकने वाली नहीं होती है क्योंकि आलू खराब हो जाते हैं इसीलिए ।
  4. लंबे समय तक आलू बैटरी करंट देने में असमर्थ ।
  5. आलू बैटरी जिसमें करंट को जमा करके नहीं रखा जा सकता ।

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