फोन के लिए कितनी रैम चाहिए

स्मार्टफोन अलग-अलग रैम मैमोरी के हिसाब से कंपनियां बनाती हैं और उसे मार्किट में भेज देती है स्मार्टफोन को बेचने के लिए लेकिन जैसे की आपने देखा ही होगा की स्मार्टफोन 1 GB रैम से शुरू हो जाते हैं और 12 GB रैम तक इसकी मैमोरी मिल जाती है लेकिन क्या हमें अधिक से अधिक मैमोरी वाला ही स्मार्टफोन लेना चाहिए और अधिक रैम होने से स्मार्टफोन में क्या होता है इसके बारे में भी मैं आपको विस्तार के साथ और बारीकी के साथ समझाने वाला हूँ तो चलिए जानते हैं ।

How much Ram is required for Smartphone in hindi
How much Ram is required for Smartphone in hindi

 

Ram required for Smartphone in hindi | स्मार्टफोन के लिए रैम कितनी चाहिए :

रैम तो पहले के समय में 256 MB से शुरू हो जाती थी फिर 512 MB रैम मिलने लगी स्मार्टफोन में लेकिन रैम के कम होने से यानि की रैम की मैमोरी जल्दी से फुल होने से स्मार्टफोन हैंग करने लग जाते थे इसीलिए आज के समय में अब स्मार्टफोन में कम से कम 1GB रैम का उपयोग तो किया ही जाता है इसीलिए मैं 1 GB रैम से ही शुरू कर देता हूँ और रैम की मैमोरी हैं जो की इस प्रकार :

  • 1GB रैम :

इस मैमोरी की रैम का अधिकतर उपयोग तो सस्ते स्मार्टफोन में किया जाता है जिनकी कीमत बिल्कुल कम होती है मैं सिर्फ एंड्राइड स्मार्टफोन के बारे में बात कर रहा हूँ जबकि एप्पल कंपनी की तरफ से बनाये जाने वाले सभी ios से चलने वाले स्मार्टफोन में 1 GB रैम का उपयोग तो अधिकतर महंगे स्मार्टफोन में ही देखने को मिलता है । अब आपके मन में सवाल जरूर उठता होगा की एप्पल कंपनी को शोड़कर बाकि सभी कंपनियों के स्मार्टफोन में 1 GB रैम का उपयोग ही क्यों होता है इसका कारण यह है की एंड्राइड स्मार्टफोन पूरी तरीके से ऑप्टीमाइज़्ड नहीं है क्योंकि ये स्मार्टफोन अधिक रैम यूज़ करते हैं जिससे रैम की मैमोरी भी जल्दी से भरने लगती है जबकि एप्पल कंपनी की तरफ से बनाये गए सस्ते और महंगे स्मार्टफोन में ही कम 1 GB रैम मिलती है उसका कारण यह है की एप्पल कंपनी की तरफ से बनाये गए स्मार्टफोन पूरी तरीके से ऑप्टीमाइज़्ड होते हैं जिसके कारण रैम इतनी कम यूज़ करते हैं की कम रैम से ही स्मार्टफोन की रैम जल्दी से भरती ही नहीं । लेकिन एंड्राइड और ios वर्सन पर चलने वाले स्मार्टफोन सही ही होते हैं बस आप इतना जान लीजिये की ios वर्सन पर चलने वाले स्मार्टफोन की स्पीड थोड़ी सी तेज़ होती है एंड्राइड डिवाइस से ।

अब बात आती है की आपको इस मैमोरी की रैम वाला स्मार्टफोन ले लेना चाहिए या फिर नहीं । देखिये दोस्तों अगर आपने एंड्राइड स्मार्टफोन लेने की सोच रहे हैं और अगर आप बिल्कुल ही साधारण काम करना चाहते हैं स्मार्टफोन में जैसे की व्हाट्सऐप चलाना, फेसबुक चलाना, ट्विटर इत्यादि ऐसे कामों के लिए इस मैमोरी की रैम वाला स्मार्टफोन चुन सकते हैं लेकिन अगर आप एक इससे भी थोडा सा ओर हैवी काम करना चाहते हैं तो आप कम से कम 2 GB रैम वाला स्मार्टफोन ही चुन सकते हैं । जबकि एप्पल जैसे स्मार्टफोन में तो आपके लिए 1 GB रैम काफी है इसमें तो आपको किसी भी प्रकार की टेंशन लेने की जरूरत नहीं होगी और ना ही जल्दी से रैम की मैमोरी भरने वाली है ।

  • 2GB रैम :

कम से कम अगर आप एंड्राइड स्मार्टफोन लेना चाहते हैं साधारण काम करने के लिए तो इसके आप कम से कम 2GB रैम वाला स्मार्टफोन आपको  ले सकते हैं इससे नीचे आपको जाने की जरूरत ही नहीं है । लेकिन देखा जाये तो आज के समय में अधिकतर कंपनियां कम से कम 2GB रैम तो डालती ही है कोई ही ऐसा सस्ते से सस्ता स्मार्टफोन होगा जिसमें 1GB रैम डाली गयी हो लेकिन अधिकतर स्मार्टफोन में 2GB रैम डाली ही जाती है । इस 2GB रैम के एंड्राइड स्मार्टफोन में आप चाहे तो छोटी-छोटी गेम्स भी खेल सकते हैं इसमें आपको कोई प्रॉब्लम नहीं आने वाली है । लेकिन एप्पल कंपनी की तरफ से बनाये गए महंगे स्मार्टफोन में ही 2GB रैम को लगाया जाता है क्योंकि एप्पल के स्मार्टफोन रैम बहुत ही कम मात्रा में यूज़ करते हैं जिससे मैमोरी जल्दी से भरती नहीं है । इस काम को करने के लिए आपके लिए 1GB रैम वाला एप्पल का स्मार्टफोन बेस्ट रहेगा ।

  • 3GB रैम :

बजट स्मार्टफोन में तो कम से कम 3GB रैम तो डाली हो जाती है । अगर आप गेम्स खेलना चाहते हैं जैसे की PUBG, कॉल ऑफ़ ड्यूटी वगैरा-वगैरा तो आपको 3GB रैम काफी है स्मार्टफोन के लिए । लेकिन इसमें आप मल्टीटास्किंग बेहतरीन तरीके से नहीं कर पाएंगे यानि की अगर आप चाहते हैं की हैवी गेम्स खेलते-खेलते और भी साथ में आप कोई काम करना चाहते हैं जो अपने ऐप को सौंप दिया है जैसे की अपने बैकग्राउंड में कोई ऐसी ऐप चला रखी है जो काम कर रही है और दूसरी तरफ आप हैवी गेम्स खेल रहे हैं तो हो सकता है आपके रैम फुल हो सके । अगर रैम फुल होने लगती है तो उसका असर पड़ेगा स्पीड पर जिससे हल्का-हल्का सा स्मार्टफोन कर सकता है हैंग । वैसे 3GB रैम काफी है स्मार्टफोन में अगर आप एक ही हैवी ऐप चलाना चाहते हैं तो जैसे की PUBG, कॉल ऑफ़ ड्यूटी, asphalt 9 इत्यादि । अगर आप ios वर्सन वाला यानि की एप्पल का स्मार्टफोन लेना चाहते हैं तो उसमें भी आप कोशिश कीजिएगा की कम से कम 1GB रैम तो होनी ही चाहिए ।

  • 4GB रैम :

मेरे पास 4GB रैम वाला स्मार्टफोन ही है जिसमें मैं दो वेबसाइट का काम करता हूँ उसी में मैं यूट्यूब चैनल (zoobie gamerz) के लिए वीडियो भी बनाता हूँ और उसी में मैं वीडियो एडिटिंग करता हूँ । इसमें अगर मैं आपको बताऊँ की क्या आपके लिए यह सही रहेगा, इसका जवाब है हाँ क्योंकि मैं एक तरफ asphalt 9 गेम खेलता हूँ और दूसरी तरफ वीडियो को एक्सपोर्ट करने के लिए वीडियो एडिटिंग ऐप खोलकर रखता हूँ जिससे एक तरफ तो मेरी बनायी हुई वीडियो सेव होती रहती है तो दूसरी तरफ asphalt 9 गेम मैं खेल लेता हूँ मुझे इसमें कोई प्रॉब्लम नहीं देखने को मिली है । लेकिन जब मैं तीसरा ऐप यानि की गूगल क्रोम खोल कर उसमें वीडियो अपलोड के लिए डालता हूँ तब रैम फुल हो जाती है मेरे स्मार्टफोन की जिससे तीनों में सा कोई ना कोई ऐप बन्द हो जाता है रैम के कम पड़ने से । देखा जाये तो 4GB रैम वाला स्मार्टफोन कम से कम दो हैवी और भारी-भरकम ऐप्स को बैकग्राउंड में रखने में सक्षम है रैम फुल होती नहीं है लेकिन 200, 300mb रैम तकरीबन खाली पड़ी होती है अब आप इसी पॉइंट पर अंदाज़ा लगा सकते हैं । वैसे मैंने बहुत सारे ऐप्स को खोलकर रखा है और सभी ऐप्स आसानी से उसी जगह पर वापिस चल जाते हैं जहां पर मैंने उसे आखिरी बार चलाया था । तो इसमें मेरे कहने का मतलब यह है की अगर आप दो हैवी एप्प्स को चलाना चाहते हैं वो भी एक साथ तो आपके लिए कम से कम 4GB रैम वाला स्मार्टफोन बेस्ट है । जबकि एप्पल स्मार्टफोन को अगर आप लेना चाहते हैं तो इसके लिए आप कम से कम 2GB रैम वाला स्मार्टफोन ले सकते हैं वह बेस्ट रहेगा आपके लिए ।

  • 6GB रैम :

अगर आपको ऐसा स्मार्टफोन चाहिए जिसमें आप एक तरफ वीडियो सेव करने के लिए kine मास्टर-पॉवर डायरेक्टर जैसे हैवी ऐप्स को खोलकर रखना चाहते हैं, दूसरी तरफ अगर आप ब्राउज़र में यूट्यूब के लिए वीडियो अपलोड करने के लिए ब्राउज़र खोलकर रखना चाहते हैं और तीसरी तरफ अगर आप PUBG जैसी गेम्स खेलना चाहते हैं तब आपके लिए बेस्ट रहेगा है 6GB रैम वाला स्मार्टफोन । जबकि एप्पल के स्मार्टफोन के लिए तो कम से कम 2GB रैम ही काफी है अगर आप इस तरह से काम करना चाहते हैं तो ।

  • 8GB रैम :

इस रैम वाले स्मार्टफोन को आपको तभी लेना चाहिए है जब आप हैवी गेमर हो यानि की बड़ी-बड़ी गेम्स खेलना पसन्द करते हैं और वीडियो एडिटिंग करना चाहते हैं प्रोफेशनल तरीके से और एक साथ कई ऐप्स को खोलकर काम करना चाहते हैं तब आपके लिए इस रैम वाला स्मार्टफोन बेस्ट है । इसीलिए आपको कम से कम 8GB रैम वाला स्मार्टफोन लेना ही चाहिए अगर आप हैवी-हैवी गेम्स और काम करना चाहते हैं एक ही समय में कई काम तब आपके लिए सही रहेगी इस मैमोरी की रैम वाला स्मार्टफोन । जबकि अगर आप एप्पल कंपनी का स्मार्टफोन लेना चाहते हैं तो आप ऐसा स्मार्टफोन लेने की कोशिश करें जिसमें कम से कम 3GB रैम तो लगी ही हो और 4GB रैम तो बेस्ट है ।

  • 12GB रैम और इससे अधिक :

सबसे अधिक मैमोरी वाले स्मार्टफोन की तो अभी तक आपको इतनी जरूरत नहीं पड़ने वाली है । लेकिन अगर आपका काम बहुत बड़ा है जैसे की अगर आपका काम ऐसा है की आपको एक समय में बहुत सारे हैवी ऐप्स को खोलकर रखना पड़ता है और उसमें काम करना पड़ता है वो भी भारी-भरकम जैसे काम तब आपको इस मैमोरी वाले स्मार्टफोन लेने की आवश्यकता है वैसे देखा जाये तो 12GB रैम की इतनी जरूरत नहीं पड़ती है लेकिन हो सकता है आने वाले समय में कोई ऐसा ऐप्स आ जाये जिसमें इतनी रैम चाहिए हो तब सही रहेगा आपके लिए । वैसे आप 12GB रैम वाला स्मार्टफोन ले सकते हैं इसमें आपको कोई प्रॉब्लम नहीं आने वाली है । जबकि एप्पल स्मार्टफोन के लिए इस तरह के काम करने के लिए कम से कम 4GB रैम तो चाहिए ही होगी । लेकिन इससे ऊपर तो रैम मैमोरी एप्पल कंपनी अपने बनाये हुए स्मार्टफोन में नहीं लगाती है क्योंकि रैम इतनी यूज़ ही नहीं हो पाती है इसीलिए ।

नोट :

दोस्तो आप मन में यह मत सोच लेना की मैं जितना अधिक रैम वाला स्मार्टफोन खरीदुंगा उतना ही स्मार्टफोन तेज़ चलेगा लेकिन रैम के अधिक होने से जरूरी नहीं होता की आपका स्मार्टफोन तेज़ चले और ना ही हैवी-हैवी ऐप्स आसानी से चल पायेगी इसके लिए स्मार्टफोन में ताकतवर प्रोसेसर का होना सबसे ज्यादा जरूरी होता है क्योंकि इसी की वजह से स्मार्टफोन तेज़ चलते हैं, काम जल्दी से होता है और हैवी-हैवी ऐप्स चल पाते हैं । हां इतना आप जरूर ध्यान रखना की रैम के कम पड़ने से या रैम के फुल होने से स्मार्टफोन की स्पीड जरूर कम हो जाती है । अधिक रैम की जरूरत आपको तभी पड़ेगी जब आप कई सारे ऐप्स को खोलकर काम करना चाहते हैं ताकि ऐप्स वापिस उसी जगह पर खुल सके यानि की बन्द ना हो ।

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