कंपनियों ने कंप्यूटर या फिर लैपटॉप के लिए काफी मात्रा में प्रोसेसर बनाएं हैं और सभी प्रोसेसरों का उपयोग किया जाता है अलग-अलग काम के हिसाब से और इनके प्रकार भी अलग-अलग दिए गए हैं ताकि यूजर अपने हिसाब से प्रोसेसर को खरीद सके । इससे पहले आप इस बात का जरूर ध्यान रखें कि लैपटॉप और कंप्यूटर प्रोसेसर के प्रकार एक जैसे ही होते हैं लेकिन कुछ अंतर देखने को मिलता है । लेकिन क्या आपको पता है कि आपको कौन सा प्रोसेसर लेना चाहिए और किस प्रोसेसर का इस्तेमाल आप किस काम के लिए कर सकते हैं वो आप जान जाएंगे इसी आर्टिकल में वो भी अच्छी जानकारी और बारीकी के साथ तो चलिए अब हम शुरू करते हैं ।
Types of computer Processor in hindi | कंप्यूटर प्रोसेसर के प्रकार :
प्रोसेसर के प्रकार चाहे कितने भी हो वह सभी प्रकार कोर पर निर्भर करते हैं । कोर जो कि प्रोसेसर के अंदर ही होते हैं प्रोसेसर के अंदर जितने अधिक मात्रा में कोर शामिल होंगे उतना ही अधिक प्रोसेसर जो कि पावरफुल बनता जाता है जिससे उसमें पॉवर आ जाती है जल्दी से काम करने की और बड़े और हैवी सॉफ्टवेयर को चलाने की इत्यादि । अधिक कोर होने से प्रोसेसर के अंदर इतनी अधिक पॉवर कब आती है यह भी आपको इसके प्रकार को ही पड़कर पता चल जाएगा, जो कि इस प्रकार है :
- सिंगल कोर प्रोसेसर :
सिंगल कोर प्रोसेसर सबसे पहले लेवल का प्रोसेसर होता है और जिस प्रोसेसर में सिंगल कोर होता है उस प्रोसेसर को सिंगल कोर प्रोसेसर के नाम से ही जाना जाता है । इस प्रोसेसर में कोर एक ही शामिल होता है जिसके कारण डिवाइस का सारा काम इसे ही दिया जाता है या इसके पास ही पहुंचता है जिससे काम जब अधिक मात्रा में इस प्रोसेसर को दिया जाता है तब उस काम को खत्म करने के लिए यह प्रोसेसर सबसे अधिक समय ले लेता है जिससे समय भी काफी बर्बाद हो जाता है । पहले के समय में बिल्कुल साधारण काम करना हो या कम काम करना हो तब ही इस सिंगल कोर प्रोसेसर को इस्तेमाल में लाया जाता था । लेकिन आज के समय में इसकी बिक्री बेहद कम है क्योंकि इसकी स्पीड और परफॉर्मेंस काफी कम है जिसकी वजह से इस प्रकार के प्रोसेसर अधिक गर्म होने से या फिर अधिक काम करने पर जल्दी हैंग होने लग जाते हैं इसीलिए इस प्रकार के प्रोसेसर अब कंपनियां बनाती नहीं है ।
- ड्यूल कोर प्रोसेसर :
प्रोसेसर का दूसरा प्रकार या फिर दूसरे लेवल का प्रोसेसर होता है ड्यूल कोर प्रोसेसर । जिस प्रोसेसर में दो कोर शामिल होते हैं या शामिल किए जाते हैं उसे ड्यूल कोर प्रोसेसर ही कहा जाता है । क्योंकि ड्यूल का मतलब होता है दो । प्रोसेसर में दो कोर होने से डिवाइस का सारा काम ये दोनों कोर मिलकर खत्म करते हैं जिससे काफी जल्दी हो जाता है अगर हम इसकी तुलना सिंगल कोर प्रोसेसर से करते हैं तो । वैसे देखा जाए तो ड्यूल कोर प्रोसेसर का भी इस्तेमाल साधारण काम के लिए किया जाता है इस प्रोसेसर की स्पीड और परफॉर्मेंस सिंगल कोर प्रोसेसर की तुलना में काफी बढ़िया है इसीलिए इसका अधिकतर इस्तेमाल आज के समय मे किया जाता है और इसकी कीमत भी कम होती है । लेकिन अगर आप ऑफिस या फिर दुकानों में काम करने के लिए प्रोसेसर को सेलेक्ट करना चाहते हैं तो यही प्रोसेसर एकदम बेस्ट रहेगा क्योंकि इस प्रकार के प्रोसेसर साधारण कामों को आसानी से निपटा लेते हैं और इनकी किमत भी काफी कम होती है ।
- Quad कोर प्रोसेसर :
तीसरे लेवल का प्रोसेसर कंपनी ने बनाया है जिसका नाम रखा है quad कोर प्रोसेसर । इस प्रोसेसर में शामिल होते हैं कुल 4 कोर हैं, quad का मतलब होता है 4, इसीलिए इसे quad कोर प्रोसेसर कहते हैं । अधिकतर इस प्रोसेसर का इस्तेमाल बड़े-बड़े ऑफिसों में किया जाता है । अगर इसकी तुलना सिंगल कोर से करते हैं तो इसकी स्पीड 4 गुना तेज़ मिलती है । जिससे काम 4 गुना तेज़ गति से खत्म हो जाता है । जैसे कि अगर आप एक काम देते हैं सिंगल कोर प्रोसेसर को तो सिंगल कोर प्रोसेसर के अंदर एक ही कोर होगा जिससे वही कोर अकेला ही आपके दिए हुए काम को करने लगेगा लेकिन अगर आप वही काम क्वैड कोर प्रोसेसर को दे देते हैं तो फिर आपका काम क्वैड कोर प्रोसेसर अपने अंदर लगे चारों कोर को कुछ-कुछ हिस्सों में बांट देता है या फिर हम यह भी कह सकते हैं कि आपका काम क्वैड कोर प्रोसेसर के अंदर लगे चारों कोर मिलकर करेंगे जिससे काम काफी जल्दी से करके देगा यह प्रोसेसर । लेकिन देखा जाए तो इस प्रोसेसर की कीमत भी सिंगल कोर प्रोसेसर की तुलना में काफी अधिक होती है ।
- हेक्सा कोर प्रोसेसर :
इसके बाद चौथे लेवल का प्रोसेसर आता है हेक्सा कोर प्रोसेसर । जिस प्रोसेसर में 6 कोर होते हैं उसे हेक्सा कोर प्रोसेसर कहा जाता है । हेक्सा का मतलब होता है 6 । किसी प्रोसेसर में 6 कोर होने से उस सिस्टम या डिवाइस में परफॉर्मेंस और स्पीड और ताकत वृद्धि हो जाती है । इसका अधिकतर इस्तेमाल किया जाता है वीडियो एडिटिंग और गेमिंग करने के लिए । 6 कोर होने से पूरे डिवाइस को जो भी काम होता है वह सभी काम बांट दिया जाता है 6 हिस्सों में फिर इन सभी कोर को दे दिया जाता है जिससे काम काफी से जल्दी हो जाता है ।
- ऑक्टा कोर प्रोसेसर :
इसके बाद कंपनी ने बनाया था ऑक्टा कोर प्रोसेसर और ऑक्टा का मतलब होता है 8 । इस प्रोसेसर में शामिल होते हैं कुल 8 कोर । जिसकी वजह से डिवाइस का सारा काम यह प्रोसेसर काफी जल्दी से कर देता है । सिंगल कोर प्रोसेसर की तुलना में यह प्रोसेसर 8 गुना तेज़ गति से काम करने की काबलियत रखता है क्योंकि काम ये सभी 8 कोर मिलकर करते हैं इसीलिए । वैसे देखा जाए तो इसका अधिकतर इस्तेमाल प्रोफेशनल वीडियो एडिटिंग और गेमिंग करने के लिए किया जाता है या बड़े-बड़े हैवी सॉफ्टवेयर या एप्लीकेशन चलाने हो डिवाइस में तब इसी प्रोसेसर का इस्तेमाल होता है । लेकिन ये प्रोसेसर काफी महँगे होते हैं । 8 कोर होने से डिवाइस का पूरा काम 8 हिस्सों में बंटकर इन्हें कम-कम मात्रा में मिलता है जिससे काम आसानी से हो जाता है ।
- मल्टी कोर प्रोसेसर :
सबसे पॉवरफुल और ताकतवर प्रोसेसर होते हैं मल्टिकोर प्रोसेसर । इस प्रोसेसर में अधिकतम आपको 32 कोर मिलते हैं । जिससे डिवाइस का पूरा काम 32 हिस्सों में बंटने से सभी कोर को मिलता है जिससे थोड़ा सा ही काम मिलने की वजह से या फिर सभी कोर मिलकर काम करने से आपका काम जल्दी खत्म हो जाता है । इसका इस्तेमाल किया जाता है प्रोफेशनल वीडियो एडिटिंग करने के लिए, गेमिंग करने के लिए और फ़िल्म इंडस्ट्रियों में । लेकिन इन प्रोसेसरों की कीमत सबसे ज्यादा और बहुत अधिक होती है इसीलिए इसे बहुत कम लोग ही खरीदते हैं । अभी तक इस प्रोसेसर में 32 कोर ही शामिल किए जा चुके हैं लेकिन आने वाले समय मे और बढ़ती हुई टेक्नोलॉजी के साथ इसमें कोर ओर भी बढ़ जाएंगे जिससे प्रोसेसर और भी पॉवरफुल बन जायेगा ।
नोट :
दोस्तो प्रोसेसर स्मार्टफोन, टैबलेट के लिए अलग बनाये जाते हैं और कंप्यूटर, लैपटॉप के लिए अलग । अभी तक स्मार्टफोन के लिए जो भी प्रोसेसर बने हैं उसमें कंपनियां अधिक से अधिक 8 कोर ही शामिल कर पायी है लेकिन जो प्रोसेसर कंप्यूटर या फिर लैपटॉप के लिए बने हैं उसमें आपको अधिक से अधिक 32 कोर देखने को मिलते हैं ।
कंप्यूटर प्रोसेसर में अधिक कोर होने से फायदा क्या होता है :
अधिक कोर होने से आप हैवी काम जल्दी से कर पाओगे डिवाइस में क्योंकि प्रोसेसरों में कोर की संख्या बढ़ने से कीमत तो बढ़ती ही है लेकिन उसमें ताकत, स्पीड और परफॉरमेंस भी काफी बढ़ जाती है । आप इन कोर की उदाहरण भी जान लीजिए जैसे की सिंगल कोर प्रोसेसर की मदद से अगर आप सॉफ्टवेयर खोलते हैं तो प्रोसेसर 20 सेकंड ले लेगा और लेकिन आप वही सॉफ्टवेयर अगर ड्यूल कोर प्रोसेसर की मदद से ओपन करेंगे तो आधा समय लेगा प्रोसेसर यानी कि 10 सेकंड ही लगेंगे । बस ऐसे ही कोर में अंतर होता है । जितने अधिक कोर होते हैं उतना ही जल्दी काम हो पाता है । अधिक कोर होने से एक ओर फायदा आपको यह देखने को मिलेगा की आप मल्टीटास्किंग भी कर पाएंगे डिवाइस में यानी कि आप एक साथ कई सारे काम डिवाइस में कर सकते हैं जैसे कि आप एक तरफ गेम्स खेल रहे है और दूसरी तरफ आपने कोई सॉफ्टवेयर खोल रखा है काम करने के लिए और इससे भी ओर कई काम आसानी से हो जाते हैं वो भी उस प्रोसेसरों में जिस प्रोसेसर में होते हैं अधिक कोर ।
कंप्यूटर प्रोसेसर में अधिक कोर होने से नुकसान क्या होता है :
आप इस बात का भी जरूर ध्यान रखें कि कंप्यूटर प्रोसेसर में कोर की संख्या अधिक होने से प्रोसेसर बिजली की खपत भी अधिक करेगा और कीमत भी उसकी बढ़ती है अधिक कोर होने से ।
Nice article thanks