Computer build requirements in hindi | कंप्यूटर बनवाने के लिए पार्ट्स के नाम

कंप्यूटर आज सभी ले लिए जरूरी हो गया है साधारण काम से लेकर प्रोफेशनल कामों तक के लिए । लेकिन इससे पहले हमें ये जानना होगा आखिर हमें कौन-कौन से पार्ट्स की आवश्यकता होती है और इसमें कितना खर्चा आएगा उन सभी के बारे में भी मैं आज आपको बताऊंगा । जैसे की कंप्यूटर बनाने के लिए पार्ट्स या कंप्यूटर बनाने के लिए जरूरी पार्ट्स इत्यादि । तो चलिए शुरू करते हैं ।
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Computer build requirements in hindi

Which parts is required to build a computer in hindi | कंप्यूटर बनवाने के लिए जरूरी पार्ट्स :

सबसे पहले मैं आपको यह बता देता हूँ की कंप्यूटर बनवाने या बनाने के लिए कुछ उपकरणों का होना बहुत ही जरूरी होता है उसके बिना कंप्यूटर काम नहीं करता जैसे की प्रोसेसर, केबल, ग्राफ़िक कार्ड, रैम, मदरबोर्ड, मेमोरी ड्राइव, मॉनिटर इत्यादि ।

  • बजट :

सबसे पहले आपको कंप्यूटर लेने से पहले अपना बजट बनाना होगा की आप कितने पैसे लगा सकते हैं या लगाना चाहते हैं उसी के हिसाब से पार्ट्स को खरीदना पड़ता है । अगर आप दुकान या फिर ऑफिस में काम के लिए लेना चाहते हैं तब आपको पैसे की तरफ ध्यान कम देना चाहिए क्योंकि ऑफिस में हमें अपने काम के हिसाब से कंप्यूटर के फीचर्स की जरूरत पड़ती है । तो सबसे पहले बजट ही जरुरी होती है उसी के हिसाब से कंप्यूटर बनवाना जाता है ।

  • प्रोसेसर :

कंप्यूटर बनवाने के लिए सबसे पहले प्रोसेसर सेलेक्ट करना होता है । आप कंप्यूटर पर कैसा काम करना चाहते हैं साधारण या प्रोफेशनल । साधारण काम के लिए तो ऐसे प्रोसेसर की जरूरत होती है जिसकी पॉवर कम हो और इस प्रोसेसर की कीमत भी कम होती है । प्रोफेशनल कामों के लिए तो पॉवरफुल प्रोसेसर की जरूरत होती है जो हैवी सॉफ्टवेयर को चला सके और ये प्रोसेसर महंगे होते हैं । इसके बाद जो भी प्रोसेसर आप सेलेक्ट करते हैं उस प्रोसेसर की बनावट यानि की उसके बाहर कितने pins लगी होती हैं उसी के हिसाब से मदर-बोर्ड सेलेक्ट करना होता है । कंप्यूटर में आपको दो कंपनियों के प्रोसेसर हमें देखने को मिलते हैं पहला इंटेल और दूसरा AMD । इन दोनों में से दोनों अपनी-अपनी जगह पर हैं और दोनों प्रोसेसर जो की अच्छी तरीके से काम करते हैं इनमें से आप कोई भी चुन सकते हैं ।

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  • मदर-बोर्ड :

प्रोसेसर चुनने के बाद प्रोसेसर के हिसाब से ही मदर-बोर्ड चुनना पड़ता है फिर इसके बाद इसे CPU के सॉकेट में लगाया जाता है । आप एक बात जरूर ध्यान रखें की मदर-बोर्ड भी साधारण से लेकर एडवांस्ड फीचर्स तक आते हैं एडवांस्ड फीचर्स वाले मदर-बोर्ड में आपको यही खासियत मिलती है की आपको इसमें दो या इससे अधिक रैम लगाने के लिए स्लॉट्स मिल जाते हैं, इंटरनल मेमोरी और ग्राफ़िक कार्ड को लगाने के लिए भी अधिक स्लॉट्स मिल जाते हैं और भी बहुत कुछ । इसीलिए आपको यह देखना होगा की आप कंप्यूटर में साधारण काम करना चाहते हैं या फिर प्रोफेशनल । प्रोसेसर लगाने के लिए आपको कई सारे मदरबोर्ड देखने को मिल जायेंगे जो आपके दुआरा चुने गए प्रोसेसर को सपोर्ट भी करेंगे । इसीलिए यह आपको सोचना पड़ेगा की आप बेसिक मदरबोर्ड खरीदना चाहते हैं या एडवांस्ड फीचर्स वाला मदरबोर्ड । अगर इसकी कीमत की बात करें तो 2000 रूपए से इसकी कीमत शुरू हो जाती है ।

  • रैम :

इसके बाद हमें चुननी पड़ती है रैम । आज के समय में आपके कंप्यूटर में कम से कम 2 जीबी की रैम चाहिए ही होती है । लेकिन मैं आपको यही सलाह दूंगा की आप कम से कम 4 जीबी की रैम अपने कंप्यूटर में लगवाएं । बाद में अगर जरूरत पड़ी तो आप मदरबोर्ड के अंदर आपको रैम लगाने के लिए अलग से स्लॉट मिल जाता है जिससे आप एक और रैम कार्ड भी लगा सकते हैं । रैम भी अलग-अलग स्पीड के हिसाब से आती है जैसे की 1666 mhz, 2600 mhz, 3000 mhz और 3200 mhz । जितने अधिक नंबर होंगे mhz के साथ उतनी अधिक रैम की स्पीड होगी और कीमत भी साथ में बढ़ती है । अगर रैम की कीमत की बात करें तो इसकी कीमत तकरीबन 800 रुपए से शुरू हो जाती है ।

  • केबल :

अलग-अलग केबल्स का उपयोग इसमें लगाया जाता है जैसे की (SMPS) कंप्यूटर को पॉवर देने के लिए, HDD या SSD कनेक्ट करने के लिए, मॉनिटर कनेक्ट करने के लिए और भी बहुत  कुछ । जो आपको साथ में ही मिल जाती है लेकिन फिर भी आप ध्यान रखें की आपको सभी केबल मिल रही है की नहीं ।

  • मेमोरी :

मेमोरी तीन प्रकार की होती हैं HDD, SSD और SSHD । इन तीनों मेमोरीयों का इस्तेमाल डेटा को जमा करने के लिए ही किया जाता है । इन तीनों मेमोरी में अगर अंतर है तो वह है इसकी स्पीड का तो चलिए आगे जानते हैं । आप इनमें से कोई भी मेमोरी को सेलेक्ट कर सकते हैं डेटा को स्टोर करने के लिए ।

  • HDD और SSD :

मेमोरी लगाने के लिए आपको दो से अधिक पोर्ट मिलते हैं जिसमें से एक पोर्ट HDD , दूसरा पोर्ट SSD के लिए और तीसरा पोर्ट SSHD मेमोरी के लिए होता है जो की इसे केबल की मदद से लगाया जाता है । इसमें से आप कोई भी मेमोरी डिवाइस ले सकते हैं । HDD की स्पीड सबसे कम होती है लेकिन यह सस्ती भी होती है उसी तरह SSD की स्पीड सबसे तेज़ होती है जिससे डेटा जल्दी से जमा और ट्रांसफर हो पाता है लेकिन इसकी कीमत बहुत अधिक होती है । तीसरी मेमोरी SSHD है इसकी स्पीड HDD से अधिक और SSD से कम होती है और इसकी कीमत भी ना अधिक है और ना ही कम । अब आपके ऊपर निर्भर करता है की आप कंप्यूटर में स्पीड चाहते हैं या आप पैसे कम लगाना चाहते हैं । जैसे-जैसे मेमोरी बढ़ती जाती है वैसे-वैसे उस मेमोरी की कीमत भी बढ़ती जाती है । यह आपके ऊपर निर्भर करता है की आप अपने कंप्यूटर में कितनी मेमोरी लगवाना चाहते हैं । साधारण काम करना चाहते हैं तो आपके लिए अधिक से अधिक 500 gb मेमोरी काफी है ।

  • Body (CPU) :

इन सब पार्ट्स को खरीदने के बाद या चुनने के बाद अब बारी आती है की इन सब पार्ट्स को रखना होता है बॉडी में । बॉडी हमें खरीदनी पड़ती है इसका चित्र आप फ़ोटो में देख सकते हैं । इस बॉडी के अंदर सभी पार्ट्स को कनेक्ट करके टिकाया जाता है । जैसे की मदरबोर्ड पॉवर कनेक्ट SMPS इत्यादि । बाकि के पार्ट्स जो की मदरबोर्ड के ऊपर ही लगा दिए जाते हैं । इन सभी पार्ट्स जब इस बॉडी में रखा जाता है तो उस बॉडी को CPU कहते हैं । CPU का मतलब होता है सेंट्रल प्रोसेसिंग यूनिट । इसकी बॉडी साधारण से लेकर प्रोफेशनल तक की आती है । प्रोफेशनल बॉडी में आपको अलग-अलग जगह अधिक कंपोनेंट्स लगाने के लिए मिल जाती है और गर्मी को बाहर निकालने में सक्षम होते हैं । इसे इस तरह से डिज़ाइन किया जाता है की एक तरह गर्म हवा बाहर निकले और दूसरी तरफ बाहर की हवा अंदर आ सके । 1000 रूपए से लेकर 10000 रूपए तक में CPU की बॉडी हमें देखने को मिल जाती है । अगर आप साधारण काम करने के लिए कंप्यूटर बनवाना चाहते हैं तो आप साधारण बॉडी ही लें जिसमें सारे पार्ट्स जो की आराम से आ जाते हैं ।

  • मॉनिटर :

मॉनिटर जिसे स्क्रीन या डिस्प्ले भी कहते हैं । कंप्यूटर के अंदर जो भी डेटा होता है वह इसी स्क्रीन पर दिखाया जाता है । मॉनिटर भी अलग-अलग प्रकार के होते हैं जैसे की TFT, LCD, LED, QLED इत्यादि । इसमें सबसे कम कीमत TFT की और सबसे अधिक कीमत QLED की है । इसमें आपको यह सोचना पड़ेगा की आपको कौन सा मॉनिटर लेना है अपने बजट के हिसाब से । अलग-अलग प्रकार के मॉनिटर में आपको क्लैरिटी में अंतर मिलता है । सबसे कम क्लैरिटी tft डिस्प्ले में उससे अधिक क्लैरिटी LCD में उससे अधिक LED में और उससे अधिक QLED में क्लैरिटी देखने को मिलती है । 2000 रुपए से लेकर 50000 रूपए  तक की रेंज में मॉनिटर हमें देखने को मिल जायेंगे जो की अलग-अलग फीचर्स और क्वालिटी के साथ आते हैं ।

  • कीबोर्ड :

इसके बाद कंप्यूटर तो स्टार्ट हो जाता है लेकिन यह वह तभी कंट्रोल होता है जब कीबोर्ड कनेक्ट किया जाता है इसी की मदद से हम कंप्यूटर को कण्ट्रोल कर सकते हैं और इसी की मदद से हम कुछ टाइप या write (लिख) सकते हैं, फाइल्स खोल या बन्द कर सकते हैं और अपना जरूरी काम कर सकते हैं । यह कीबोर्ड CPU के बाहर ही usb की मदद से मदरबोर्ड कनेक्ट किया जाता है । अगर इसकी कीमत की बात करें तो 300 रूपए से लेकर 2000 रूपए तक के माउस हमें देखने को मिल जाते हैं । महंगे कीबोर्ड के अंदर से RGB लाइट यानि की रंग बिरंगी लाइट निकलती है जिससे कीबोर्ड और भी शानदार बन जाता है ।

  • माउस :

माउस भी किसी कंप्यूटर में अहम भूमिका निभाता है । इसी की मदद से हम कण्ट्रोल कर पाते हैं जैसे की फ़ाइल को खोलना, बंद करना इत्यादि । इसे घुमाने से ही इसका एरो आगे पीछे होता है जिसकी मदद से हम कंप्यूटर को कण्ट्रोल कर पाते हैं । अगर इसकी कीमत की बात करें तो 100 रूपए से लेकर 2000 रूपए तक के माउस देखने को मिल जाते हैं । महंगे माउस जो की स्पेशल होते हैं जैसे की डिज़ाइन आकार में होना और उसमें से रंग बिरंगी लाइटों का जगना इत्यादि ।

ऑप्शनल पार्ट्स :

ऊपर हमने जो भी उपकरण बताए हैं उसे लगाना जरूरी है तभी कंप्यूटर काम करता है और जब की नीचे दिए गए सभी उपकरण आपको जरूरत पड़ी तो लगा सकते हैं इसके बिना कंप्यूटर भी चल जाता है । तो चलिए इनके बारे में भी जान लेते हैं ।

  • स्पीकर :

वीडियो देखने के लिए या गाने सुनने के लिए आप स्पीकर भी लगा सकते है । इसमें से ऑडियो यानि की आवाज सुनाई देती है जिसे CPU के बाहर ही मदरबोर्ड के साथ कनेक्ट किया जाता है ।

  • डेडिकेटेड ग्राफ़िक कार्ड :

वैसे तो मदरबोर्ड के साथ ग्राफिक कार्ड लगकर भी आते हैं और आप खुद अलग से लगा भी सकते हैं । अलग से ग्राफिक कार्ड लगाने से आप प्रोफेशनल वीडियो एडिटिंग और गेमिंग करना चाहते हैं तो आप अलग से डेडिकेटेड ग्राफ़िक कार्ड भी लगा सकते हैं । ग्राफ़िक कार्ड अलग से लगाने की जरूरत तब पड़ती है जब आप ग्राफ़िकल काम करना चाहते हैं  जैसे की वीडियो एडिटिंग करना और गेमिंग करना इत्यादि ।

  • UPS :

कंप्यूटर चलाते समय जब अचानक बिजली के चले जाने से जब कंप्यूटर सीधा ही बन्द हो जाता है तब डेटा के या विंडो के उड़ जाने का खतरा बना रहता है । इसी को दूर करने के UPS को बनाया गया । UPS एक छोटी बैटरी ही होती जिसे हम छोटा इन्वर्टर बैटरी भी कह सकते हैं । जब बिजली चली जाती है तब यह बैटरी कंप्यूटर को चलाकर रखती है उसे बन्द नहीं होने देती । जिससे जिसकी मदद से हम जरूरी काम बिजली के जाने के बाद भी कर सकते हैं । लेकिन इस बैटरी का बैकअप अधिकतम 20 मिनट का ही होता है । अगर आप अधिक देर तक कंप्यूटर को चलाना चाहते हैं तो इसके लिए आपको बड़ा इन्वर्टर बैटरी खरीदना पड़ेगा । क्योंकि कंप्यूटर लैपटॉप से अधिक बिजली की खपत करता है । 1500 रुपए तक की कीमत में आपको UPS बैटरी देखने को मिल जायेगी ।

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