स्मार्टफोन लेने जा रहे हो या फिर dslr कैमरा उसमें आपको देखने को यही देखने को मिलता है की यह कैमरा 2 मेगा पिक्सेल का है वह 8 मेगापिक्सेल का है और वह 22 मेगा पिक्सेल का है इत्यादि । वैसे देखा जाये तो मेगापिक्सेल का कैमरे में काफी अधिक महत्व होता है तो चलिए जानते हैं मेगापिक्सेल क्या होता है और मेगापिक्सेल कैसे काम करता है ।
What is Megapixel in hindi | Megapixel क्या होता है :
MP का पूरा नाम होता है Mega Pixel (मेगा पिक्सेल) । एक मेगा पिक्सेल में 1 मिलियन पिक्सेल होते हैं यानि की 10 लाख पिक्सेल । उसी तरह 2 मेगा पिक्सेल में होते हैं 20 लाख मेगा पिक्सेल । आज के समय में स्मार्टफोन में 150 मेगापिक्सेल वाला या इससे अधिक मेगापिक्सेल वाला कैमरा दिया जा रहा है जो की महंगा भी है । 1 मेगापिक्सेल की फ़ोटो का अगर आप रेसोलुशन देखना चाहते हैं यानी कि फ़ोटो कितनी बड़ी होगी उसे भी आप जान सकते हैं । 1 मेगापिक्सेल का रेसोलुशन 1152×864 होता है और ठीक वैसे ही 2 मेगापिक्सेल के कैमरे का रेसोलुशन 1600×1200 होता है । जितने अधिक मेगापिक्सेल होंगे कैमरे में होंगे उतना ही आदिम रेसोलुशन होगा और उतनी ही बड़ी फ़ोटो होगी । अधिक मेगापिक्सेल से कुछ पिक्चर्स की क्वालिटी में अंतर देखने को जरूर मिलता है ।
Megapixel working in hindi | मेगापिक्सेल कैसे काम करता है :
अब मैं आपको और बारीकी से लेकर जाता हूं । 1 मेगा पिक्सेल के अंदर 10 लाख पिक्सेल होने का मतलब यह होता है की कैमरा का हर एक पिक्सेल एक-एक रंग को कैप्चर करता है । उसी तरह 1 मेगापिक्सेल वाला कैमरा एक पिक्चर में 10 लाख रंगो को कैप्चर यानि की फ़ोटो ले सकता है जिससे उन सभी 10 लाख रंगो को एक साथ मिलाने से ही एक फ़ोटो बनकर तैयार हो जाती है ।
उसी तरह अगर आप 2 मेगापिक्सेल वाला कैमरा लेकर किसी चीज़ की फ़ोटो खींचते हैं तो उस फ़ोटो के अंदर 20 लाख पिक्सेल होंगे जिसमें अलग-अलग रंग होंगे । अलग-अलग जब 20 लाख रंग इक्कठे हो जाते हैं तब वह फ़ोटो आकार में और भी बड़ी दिखाई देती है । यह मेगापिक्सेल किस तरह से काम करता है यह आप इस चित्र को देखकर समझ सकते हैं । इसमें सभी पिक्सेल किस तरह से काम करते हैं और कैसे एक-एक पिक्सेल जो की अलग-अलग रंग को कैप्चर करके सेंसर में रखता है जिससे अलग-अलग पिक्सेल अलग-अलग रंग को कैप्चर करके रखता है जिससे एक फ़ोटो तैयार होती है । मेगापिक्सेल जिसे सेंसर के ऊपर रखा जाता है । सेंसर का आकार कितना होता है उसी के हिसाब से मेगापिक्सेल को लगाया जाता है । जैसे अगर सेंसर छोटा है तो उसमें 1 मेगापिक्सेल ही लगेगा ठीक वैसे ही अगर सेंसर बड़ा होगा तो उसमें 2 मेगापिक्सेल ही आयेंगे । इसी तरह सेंसर के हिसाब से मेगापिक्सेल को लगाया जाता है उसके ऊपर ।
क्या छोटे सेंसर में अधिक मेगापिक्सेल आ जाते हैं :
इसके दो जवाब हैं हाँ भी और ना भी । वो ऐसा इसीलिए की छोटे सेंसर में मेगापिक्सेल कम ही आते हैं लेकिन आज के समय में अब कंपनियां छोटे सेंसर में अधिक मेगापिक्सेल लगा रही हैं । ऐसा इसीलिए हो पाता है की कंपनियां मेगापिक्सेल को दो हिस्सों में बाँट कर या उसे और छोटा करके छोटे सेंसर में ही लगा देती है ।
MP diagram in hindi |
जिससे छोटे सेंसर में अधिक मेगापिक्सेल आ जाते हैं लेकिन फ़ोटो की क्वालिटी में कुछ खास अंतर देखने को नहीं मिलेगा क्योंकि सेंसर का आकार तो जितना था उतना ही होता है या फिर उसमें कुछ टेक्नोलॉजी डाल देती है अगर कुछ बदला जाता है तो वो है मेगापिक्सेल का आकार । इसमें मेगापिक्सेल का आकार बहुत छोटा कर दिया जाता है जिससे छोटे सेंसर में अधिक मेगापिक्सेल आ जाते हैं । जैसे कि आप चित्र में देख सकते हैं पहले और दूसरे चित्र में सेंसर का आकार एक जैसा ही है बस अंतर मेगापिक्सेल के छोटे और बड़े होने में दिखता है ।
क्या अधिक mp से फ़ोटो साफ आती है :
जरूरी नहीं होता की ज्यादा मेगा-पिक्सेल से आपकी फ़ोटो अच्छी आएगी फ़ोटो । फ़ोटो की क्वालिटी mp से नहीं बल्कि सेंसर से बढ़ती है । जैसे की dslr में आपको 8 mp का कैमरा दिया जाता है तो दूसरी तरफ स्मार्टफोन में भी 108mp का कैमरा दिया जाता है तो इसमें फ़ोटो की क्वालिटी dslr की ही बढ़िया होगी क्योंकि dslr में सेंसर का आकार काफी बड़ा दिया जाता है जैसा की आप चित्र में देख सकते हैं । जिससे सेंसर फ़ोटो को अच्छी तरह से कैप्चर कर लेता है । जब की 108 या 150 मेगा पिक्सेल वाला कैमरे के अंदर सेंसर का साइज़ छोटा ही होता है बस उसमें अंतर इतना ही होता है कि पिक्सेल को और छोटा करके सेंसर में अधिक मात्रा में डाल दिये जाते हैं । सेंसर में भी मेगापिक्सेल की लिमिट होती है जैसे की अगर छोटे सेंसर में 12 मेगापिक्सेल ही पूरा आता है तो उसमें 12 मेगापिक्सेल से अधिक पिक्सेल डाल नहीं सकते । लेकिन कुछ कंपनियां छोटे सेंसर में ही बड़ा कैमरा दे देते हैं जैसे की 108 मेगापिक्सेल का कैमरा इसमें सेंसर का साइज़ छोटा ही होता है बल्कि मेगा पिक्सेल का साइज़ और छोटा कर दिया जाता है । तो कुल मिलाकर मेगा पिक्सेल चाहे कितना भी बढ़ा लो फ़ोटो की क्वालिटी सेंसर से ही आती है ।स्मार्टफोन में जगह कम होने के कारण इसमे छोटा सेंसर दिया जाता है लेकिन फ़ोटो की क्वालिटी उतनी अच्छी नहीं होने के कारण क्योंकि उसमें मेगापिक्सेल ही बढ़ा दिए जाते हैं ताकि फ़ोटो की क्वालिटी में कुछ फर्क पड़ जाये । लेकिन ज्यादा मेगापिक्सेल से आप फ़ोटो को ज़ूम करके एक-एक कोना देख सकते हैं लेकिन स्मार्टफोन में ज़ूम करने की वजह से फ़ोटो फटने लगती है इसका कारण है सेंसर का अच्छी तरह से कोने-कोने की डिटेल ना ले पाना ।
पिक्चर की क्वालिटी किससे बढ़ती है :
आप जान ही गए होंगे की पिक्चर की क्वालिटी सेंसर से ही बढ़ती है । फ़िल्म इंडस्ट्री जो कैमरा इस्तेमाल किया जाता है उसमें सेंसर काफी बड़ा लगाया जाता है ताकि दिन हो या रात फ़ोटो की क्वालिटी में कोई असर ना पड़े । अगर वहीं दूसरी तरफ आप 108 mp वाला स्मार्टफोन और dslr कैमरा से रात को फ़ोटो कैप्चर करोगे तब स्मार्टफोन बिल्कुल बेकार हो जाता है क्योंकि स्मार्टफोन में लगा छोटा सेंसर अच्छी तस्वीर नहीं ले पाता कम रोशनी में ।
Benefits of more megapixel in hindi | अधिक मेगापिक्सेल से क्या फायदे होते हैं :
अधिक मेगापिक्सेल से फ़ोटो का आकार बढ़ जाता है । यही सबसे बड़ी खासियत होती है अधिक मेगापिक्सेल होने से । जब आपके पास स्मार्टफोन हो और आप पोस्टर छपवाना चाहते हैं स्मार्टफोन के कैमरे से खींची हुई फ़ोटो का तब उस वक्त अधिक मेगापिक्सेल वाले कैमरे से फ़ोटो खींचनी होती है जिससे फ़ोटो साफ छप जाती है बड़े पोस्टर में । कम मेगापिक्सेल के कैमरे से फ़ोटो खींचने फ़ोटो छोटी आती है अगर उसे छोटी स्क्रीन या छोटे पोस्टर में देखें तो कोई फर्क नहीं पड़ता लेकिन अगर बड़े पोस्टर में फ़ोटो छपवाने से या बड़ी स्क्रीन में फ़ोटो देखने से फ़ोटो फटने लगती है यानी कि फ़ोटो धुंधली दिखाई देती है । बड़े सेंसर वाले कैमरे से खींची हुई और छपवाई हुई फ़ोटो साफ ही आती है ।