Inverter के प्रकार मार्किट में आपको देखने को मिल जायेंगे कई सारे पर उन सभी के बारे में बहुत से लोग नहीं जानते हैं । अच्छा सा इन्वर्टर सेलेक्ट नहीं करने से या गलत प्रकार का इन्वर्टर सेलेक्ट करने से आपके उपकरण खराब भी हो सकते हैं । इसीलिए हम इस आर्टिकल में सभी प्रकार के इन्वर्टर के बारे में बताने वाले हैं और साथ में ये भी बताने वाले हैं कौन-कौन से इन्वर्टर से हमें क्या कुछ कमियां देखने को मिल सकती हैं तो चलिए जानते हैं ।
बैटरी के लिए Inverter के प्रकार
Inverter के प्रकार कुल तीन हैं जबकि इसके आलावा कुछ प्रकार ऐसे हैं जोकि कैपेसिटी और उपयोग के आधार पर ही निर्भर करता है । पर अगर आप मार्किट में इन्वर्टर देखने जायेंगे तो आपको उस वक्त सिर्फ दो ही इन्वर्टर के बारे में पुचा जायेगा जैसे की स्क्वायर वेव इन्वर्टर चाहिए या साइन वेव इन्वर्टर । इसके आलावा जितने भी इन्वर्टर के प्रकार हैं वे सब प्रकार आपके ऊपर ही निर्भर करेंगे जिसको हमने एक-एक करके नीचे की तरफ बताया हुआ है जोकि इस प्रकार है :
- स्क्वायर वेव इन्वर्टर :
सबसे पहला बनने वाला इन्वर्टर स्क्वायर वेव इन्वर्टर ही था और आज भी है लेकिन कुछ कमियों के कारण आज के समय में स्क्वायर वेव इन्वर्टर का उपयोग नहीं किया जाता है । स्क्वायर वेव इन्वर्टर इसको इसीलिए कहा जाता है क्योंकि इससे निकलने वाला ac करंट का साईकल स्क्वायर वेव में होता है यानी की स्क्वायर आकार में होता है जबकि बाहर से यानी की सरकार से मिलने वाला ac करंट का साईकल साइन वेव जैसा होता है जैसे की आप चित्र में देख सकते हैं ।
स्क्वायर वेव इन्वर्टर से स्क्वायर आकार में बिजली मिलने से आवाज काफी ज्यादा आती है और इस स्क्वायर वेव इन्वर्टर से चलने वाले उपकरण भी आवाज करने लगते हैं । जैसे की रेडियो में सिग्नल ना मिलने पर आवाज आना ठीक वैसे ही आवाज इस स्क्वायर वेव इन्वर्टर में सुनने को मिलती है । इसी वजह से इसकी जगह पर तो साइन वेव इन्वर्टर का ही इस्तेमाल किया जाता है अधिकतर ।
जैसे की आपको पता चल गया होगा की स्क्वायर वेव इन्वर्टर पहले काफी अधिक इस्तेमाल में लिए जाते थे । क्योंकि उस वक्त सिर्फ इसी प्रकार का इन्वर्टर हुआ करता था मार्किट में लेकिन इसकी कीमत काफी ज्यादा कम है जिसकी वजह से अगर कम से कम पैसों में कोई इन्वर्टर खरीदना हो तो दुकानदार आपको स्क्वायर वेव इन्वर्टर खरीदने की ही सलाह देंगे ।
पर आपको स्क्वायर वेव इन्वर्टर नहीं खरीदना चाहिए क्योंकि इससे निकने वाली आवाज काफी ज्यादा और इस इन्वर्टर से मिलने वाली बिजली से अगर कोई उपकरण जैसे की पंखा चलाते हैं तो आवाज अधिक मात्रा में सुनने को मिलेगी जिसकी वजह से उपकरण खराब होने का खतरा भी हो सकता है यानि की अगर पखा 5 साल चलने वाला होगा तो इस इन्वर्टर के कारण उसकी जिन्दगी कम हो जाएगी ।
- मॉडिफाइड साइन वेव इन्वर्टर :
स्क्वायर वेव इन्वर्टर बनने के बाद तो मॉडिफाइड स्क्वायर वेव इन्वर्टर ही बनाया गया जोकि स्क्वायर वेव इन्वर्टर से थोड़ा सा अच्छा था । क्योंकि स्क्वायर वेव इन्वर्टर से मिलने वाला ac करंट का साईकल स्क्वायर आकार में था जबकि मॉडिफाइड स्क्वायर वेव इन्वर्टर से मिलने वाला ac करंट का साईकल साइन वेव आकार में और स्क्वायर वेव आकार में दोनों आकार में निकलता है । यानी की यह इन्वर्टर ना ही स्क्वायर वेव इन्वर्टर है और ना ही प्योर साइन वेव इन्वर्टर ।
मॉडिफाइड स्क्वायर वेव इन्वर्टर आवाज तो करते है लेकिन कम और इससे चलने वाले उपकरणों में से आवाज भी काफी कम देखने को मिलती है । पर मार्किट में इस प्रकार के मॉडिफाइड स्क्वायर वेव इन्वर्टर के बारे में बात नहीं की जाती है । अगर आपने सस्ते से सस्ते इन्वर्टर सेलेक्ट किया है तो आपको या तो स्क्वायर वेव इन्वर्टर मिलेगा या फिर मॉडिफाइड स्क्वायर वेव इन्वर्टर । इन दोनों में से आपको कोई भी इन्वर्टर मिल सकता है अगर आप पैसे कम से कम खर्चना चाहते हैं तो ।
परन्तु हमारी तरफ से सलाह तो यही है की आप मॉडिफाइड स्क्वायर वेव इन्वर्टर भी ना लें क्योंकि इस इन्वर्टर से चलने वाले उपकरणों की जिन्दगी तो कम होती है, साथ में खराब होने का खतरा हो सकता है और आवाज तो थोड़ी सी सुनने को मिलेगी ही । स्क्वायर वेव इन्वर्टर की कीमत साइन वेव इन्वर्टर से थोड़ी सी कम देखने को मिलती है पर इस नाम से इन्वर्टर मार्किट में आपको शायद ही देखने को मिलेंगे क्योंकि इसे बहुत ही कम दुकानदार रखते हैं क्योंकि ये इन्वर्टर सही तरीके से काम नहीं करते हैं ।
- साइन वेव इन्वर्टर :
सबसे अधिक इस्तेमाल में लाया जाने वाला इन्वर्टर और सबसे बेस्ट इन्वर्टर तो साइन वेव इन्वर्टर ही होता है क्योंकि इसमें से निकलने वाली आवाज बेहद कम होती है पर आपको पता तब चलेगा जब आप इन्वर्टर के नजदीक जाकर ध्यान से सुनते हैं तो । इस साइन वेव इन्वर्टर से कोई भी उपकरण चला लो उसमें से आवाज आयेगी ही नहीं । क्योंकि इससे मिलने वाला ac करंट का साईकल साइन वेव में है यानी की साइन आकार में है ।
हमारे घरों में सप्लाई किया जाने वाला ac करंट का साईकल साइन वेव में होता है और उसी करंट से उपकरण चलाने पर आवाज नहीं आती है ठीक उसी को देखकर ही साइन वेव इन्वर्टर ही बनाया गया है जोकि बिल्किल उसी शेप में ac करंट देता अहि जो शेप में हमें बाहर से यानी की ट्रांसफार्मर से मिलता है । आपको साइन वेव इन्वर्टर यानी की प्योर साइन वेव इन्वर्टर ही खरीदना चाहिए पर इसकी कीमत बहुत अधिक होती है अगर इसकी तुलना स्क्वायर वेव इन्वर्टर से करते हैं तो ।
जानिए इन्वर्टर बैटरी के प्रकार
उपयोग के आधार पर Inverter के प्रकार
ऊपर तो हमने अलग-अलग प्रकार के यानी की टेक्नोलॉजी के हिसाब से इन्वर्टर के प्रकार के बारे में बताया है जबकि अब हम नीचे की तरफ उस इन्वर्टर के प्रकार के बारे में बात करेंगे जिसको बनाया गया है आपकी आपके उपयोग के हिसाब से जोकि इस प्रकार है :
- स्टैण्डर्ड इन्वर्टर :
स्टैण्डर्ड इन्वर्टर साधारण इन्वर्टर कहलाते हैं जोकि कम पॉवर से लेकर अधिक पॉवर तक के देखने को मिल जाते हैं । स्टैण्डर्ड इन्वर्टर इसीलिए कहते हैं क्योंकि ये इन्वर्टर बिजली की खपत सबसे कम करते हैं और कीमत भी सबसे कम होती है । पर दिक्कत ये देखने को मिलती है की अलग-अलग तरफ के फीचर्स इसमें देखने को नहीं मिलेंगे ।
जैसे की इन्वर्टर के खराब होने पर बिजली आपके घर को नहीं मिलेगी उस वक्त आपको खुद ही प्लग को निकल कर बोर्ड में डालना पड़ेगा, बैटरी कितनी चार्ज हुई है या बैटरी कितनी खाली हो चुकी है इस तरह के फीचर्स स्टैण्डर्ड इन्वर्टर में देखने को नहीं मिलते हैं । जबकि ऐसे फीचर्स जरुर देखने को मिलते हैं स्टैण्डर्ड इन्वर्टर में जैसे की बैटरी फुल चार्ज हो चुकी है, बिजली चली गयी है, बैटरी चार्ज हो रही है या डिस्चार्ज वो भी led इंडिकेटर के जरिये ।
अगर आप मार्किट में कम से कम कीमत में इन्वर्टर खरीदने जा रहे हैं तब आपको स्टैण्डर्ड इन्वर्टर ही देखने को मिलेंगे । पर आपको इतना जरुर ध्यान रखना है की स्टैण्डर्ड इन्वर्टर दो प्रकार के आते हैं जैसे की स्क्वायर वेव इन्वर्टर और साइन वेव इन्वर्टर और इन दोनों इन्वर्टरों के बारे में हमने ऊपर ही बताया हुआ है ।
- कनेक्टेड इन्वर्टर :
कनेक्टेड इन्वर्टर भी आपकी सुविधा के लिए ही बनाये गये हैं जैसे की इस इन्वर्टर में ऐसे फीचर्स दिए हैं जिसे आप स्मार्टफोन की मदद से कण्ट्रोल कर सकते हैं क्योंकि इस इन्वर्टर में ब्लूटूथ या फिर wifi कनेक्टिविटी का आप्शन दिया गया है । इसी आप्शन से आप इस इन्वर्टर को स्मार्टफोन के साथ कनेक्ट करने के बाद इन्वर्टर को कण्ट्रोल कर सकते हैं और बैटरी के बारे में जानकारी प्राप्त कर सकते हैं ।
जैसे की बैटरी कितनी प्रतिशत चार्ज हुई है या कितनी चार्ज हो चुकी है, इन्वर्टर को बंद करना या चालु करना, वोल्टेज लेवल चेक करना, इन्वर्टर को बाईपास करना इत्यादि इन सभी के बारे में जानकारी आपको स्मार्टफोन में ही देखने को मिल जायेगी । अगर आप स्मार्टफोन में नहीं देखना चाहते हैं तो भी कोई दिक्कत नहीं क्योंकि इस इन्वर्टर के बीच में छोटी सी डिस्प्ले दे दी गयी है जिसमें बैटरी के बारे में सब कुछ पता चल जाता है ।
कनेक्टेड इन्वर्टर की कीमत साधारण इन्वर्टर से यानी की स्टैण्डर्ड इन्वर्टर से थोड़ी सी अधिक होती है और इसमें सेफ्टी फीचर्स भी कई सारे देखने को मिल जाते हैं जैसे की बैटरी के ओवरलोड होने पर सड़ने से बचाना, इन्वर्टर को अत्यधिक गर्म ना होने देना और बैटरी के अंदर पानी डालने के लिए बीप जैसे आवाज करनी और भी कई सारे फीचर्स देखने को मिल जाते हैं । ये इन्वर्टर प्रीमियम इन्वर्टर की केटेगरी के अंदर ही आते हैं ।
- प्रीमियम इन्वर्टर :
प्रीमियम इन्वर्टर की कीमत काफी अधिक होती है क्योंकि ये इन्वर्टर भी कई सारे फीचर्स के साथ देखने को मिल जाता है जोकि कनेक्टेड इन्वर्टर ही होता है क्योंकि कनेक्टेड इन्वर्टर और प्रीमियम इन्वर्टर में अंतर होता बस इतना है की कुछ प्रीमियम इन्वर्टर को स्मार्टफोन की मदद से कण्ट्रोल किया जा सकता है । जबकि कुछ प्रीमियम इन्वर्टर में ऐसा आप्शन नहीं है इसके आलावा बाकी के सभी फीचर्स एक जैसे ही हैं ।
प्रीमियम इन्वर्टर में बहुत सारे सेफ्टी फीचर्स देखने को मिल सकते जैसे की बैटरी के ओवरलोड होने पर सड़ने से बचाना, इन्वर्टर को अत्यधिक गर्म होने पर पंखा तेज़ घूमना, बैटरी पूरी तरह से खाली नहीं करने देना ताकि बैटरी की जिन्दगी कम ना हो, बैटरी को अत्यधिक चार्ज ना करना, बाईपास स्विच का मिलना इत्यादि । प्रीमियम इन्वर्टर के सबसे आगे की तरफ छोटी सी डिस्प्ले दी जाती है जिसमें बैटरी बैकअप और जरूरी सुचना के बारे में पता चलता रहता है जैसे की बैटरी लेवल इंडिकेटर यानी बैटरी कितनी प्रतिशत चार्ज हुई है या डिस्चार्ज हुई है इत्यादि ।
- इंटीग्रेटेड इन्वर्टर :
इंटीग्रेटेड इन्वर्टर अकेला इन्वर्टर नहीं बल्कि इसके साथ बैटरी को ही फिक्स्ड कर दिया जाता है । कहने का मतलब यह है की इंटीग्रेटेड इन्वर्टर के साथ बैटरी को ही साथ में लगा दिया जाता है । इंटीग्रेटेड इन्वर्टर अलग से नहीं मिलते और ना ही अलग से बैटरी मिलती है । इंटीग्रेटेड इन्वर्टर के साथ लगने वाली बैटरी लायन बैटरी होती है जिसे लिथियम बैटरी कहते हैं ।
इस इंटीग्रेटेड इन्वर्टर की खासियत यह है की इसकी जिन्दगी तकरीबन 10 साल की होती है और इसका आकार इतना छोटा होता है की इसे दीवार से तंग भी सकते हैं क्योंकि इनका वजन काफी कम होता है । वैसे इसकी जरूरत तभी पडती है जब जगह अधिक खाली चाहिए होती है लेकिन इस इंटीग्रेटेड इन्वर्टर की कीमत सबसे अधिक होती है जिसकी वजह से बहुत कम लोग इस इंटीग्रेटेड बैटरी को खरीदते हैं ।
- हाई कैपेसिटी इन्वर्टर :
अत्यधिक उपकरणों को चलाने के लिए या हैवी उपकरणों को चलाने के लिए यानी की ऐसे उपकरण जो बहुत अधिक बिजली की खपत करते हैं अगर उन सभी उपकरणों को चलाना हो तो हाई कैपेसिटी वाले इन्वर्टर आते हैं जिसमें आप अत्यधिक लोड पाया जा सकता है और इसमें एक साथ दो से अधिक बैटरी को कनेक्ट किया जा सकता अगर आपको अधिक बैटरी बैकअप चाहिए होता है तो ।
वैसे इसकी कीमत बहुत अधिक होती है और इसकी जरूरत तभी पडती है जब बिजली के चले जाने के बाद अगर आप बैटरी पर अत्यधिक लोड पाना चाहते हैं तो । इसीलिए हाई पॉवर इन्वर्टर बनाये गये हैं । पर आप इतना भी जरुर ध्यान रखें की हाई कैपेसिटी वाले इनवेटर को खरीदने की जरूरत जभी पडती है जब एक से अधिक बैटरी को एक साथ जोड़ना होता है ।
कौन सा इन्वर्टर बेस्ट होता है :
सबसे बेस्ट इन्वर्टर का प्रकार तो साइन वेव इन्वर्टर ही होता है लेकिन थोड़ी सी कीमत तो अधिक होती है पर आपको यही खरीदना चाहिए ताकि आने वाले समय में आपके घरों में लगे उपकरणों को कोई नुकसान ना हो और आवाज ना आये और साइन वेव इन्वर्टर ही सबसे बेस्ट इन्वर्टर होते हैं ।
Luminous कम्पनी के इन्वर्टर सबसे पहले नंबर पर जबकि दुसरे नंबर पर इनवर्टर माइक्रोटेक कम्पनी के हैं और कीमत अधिक तो luminous इन्वर्टर की जबकि माइक्रोटेक कम्पनी की तरफ से बनाये गये इन्वर्टर की कीमत कम होती है । सबसे अधिक मात्रा में बिकने वाले इन्वर्टर हैं luminous कम्पनी के साइन वेव इन्वर्टर ।