USB Port क्या है | USB Port के प्रकार

USB पोर्ट्स के बारे में हम आपको बारीकी के साथ सब कुछ बताने वाले हैं ताकि आपको सही और पूरी जानकारी प्राप्त हो सके । हलांकि कुछ लोग नहीं जानते की USB पोर्ट के प्रकार भी होते हैं । USB पोर्ट्ससबसे ज्यादा इस्तेमाल में लाया जाने वाला पोर्ट्स है क्योंकि अधिकतर इस्तेमाल । USB पोर्ट क्या है, USB पोर्ट के प्रकार और USB पोर्ट के उपयोग इत्यादि ।

 

USB full form in hindi | USB पोर्ट का फुल फॉर्म :

USB पोर्ट का फुल फॉर्म यानी की पूरा नाम है यूनिवर्सल सीरियल बस । हलांकि नाम काफी लम्बा होने की वजह से इसे शोर्ट कर दिया गया जिससे इसका नाम पड़ गया USB । पोर्ट जोकि एक केटेगरी होती है जिसके अंदर काफी सारे पोर्ट्स आते हैं और प्रकार सभी के अलग-अलग होते हैं ।

 

What is USB port in hindi | USB पोर्ट क्या है :

USB पोर्ट तो एक है लेकिन इस्तेमाल करके अलग-अलग प्रकार के कई डिवाइस कनेक्ट हो जाते हैं यानी की पोर्ट एक काम अनेक । USB पोर्ट एक 4 पिन वाला इलेक्ट्रॉनिक पोर्ट है और कुछ पोर्ट में तो इससे अधिक पिन भी लगे देखने को मिलते हैं । हलांकि USB पोर्ट को इसीलिए बनाया गया ताकि एक डिवाइस का डाटा दुसरे डिवाइस तक आसानी से और जल्दी से पहुंचाया जा सके, एक डिवाइस को दुसरे डिवाइस के साथ बिना किसी प्रॉब्लम से आसानी से कनेक्ट किया जा सके और डिवाइस चार्ज करने के लिए । पर USB पोर्ट मेल और फीमेल दोनों होते हैं जिसमें से फीमेल पोर्ट डिवाइस में और मेल पोर्ट केबल में लगाते हैं तभी पोर्ट एक दुसरे से कनेक्ट हो पाते हैं । इसीलिए हमने ऊपर कहा था एक पोर्ट अनेक काम करता है । हलांकि इससे पहले जब USB पोर्ट नहीं हुआ करते थे तब अलग-अगल पोर्ट का इस्तेमाल करना पड़ता था अलग-अलग-डिवाइस कनेक्ट करने के लिए जैसे की माउस-कीबोर्ड कनेक्ट करने के लिए अलग पोर्ट, स्टोरेज डिवाइस कनेक्ट करने के लिए अलग पोर्ट इत्यादि । लेकिन USB एक पोर्ट होने के बाद भी एक डिवाइस को आपस में जोड़कर रखता है यानी डिवाइस आसानी से कनेक्ट हो जाते हैं ।

Types of USB ports in hindi
Types of USB ports in hindi

USB पोर्ट का आविष्कार कब हुआ :

USB पोर्ट की शुरुआत हुई थी साल 1994 में । साल 1994 में USB पोर्ट्स का आविष्कार हुआ था वो भी सात कंपनियों की मदद से और उन कंपनियों का नाम है कॉम्पैक, DEC, IBM, इंटेल, माइक्रोसॉफ्ट, NEC और नोर्टेल । 7 कंपनियों का एक ग्रुप था जिन्होंने ऐसा पोर्ट बनाना था जिसका इस्तेमाल कई सारे डिवाइस को एक डिवाइस से दुसरे डिवाइस से आसानी से कनेक्ट किया जा सके यानी की एक पोर्ट से अलग-अलग प्रकार के डिवाइस कनेक्ट किया जा सके या कई काम हो सके । आखिर में इन सात कंपनियों ने साल 1994 में USB का निर्माण किया जोकि काफी मददगार साबित हुआ । लेकिन इसका इस्तेमाल डिवाइस में साल 1995 में किया जाने लगा था और 1996 ईस्वी में ही USB पोर्ट्स को रिलीज़ किया गया । हलांकि USB पोर्ट का सबसे पहले इस्तेमाल इंटेल कम्पनी के कर्मचारी अजय भट्ट और इसकी टीम ने इंटीग्रेटेड सर्किट में किया यानी की USB पोर्ट का इस्तेमाल करके नया इंटीग्रेटेड सर्किट बनाया और इसे मार्किट में उतारा गया । इसका मतलब पहला इंटीग्रेटेड सर्किट USB पोर्ट सपोर्ट करने वाला साल 1995 में बना था इंटेल कम्पनी की तरफ से । कहने का मतलब यह है की इंटेल कम्पनी ने साल 1995 पहला ऐसा इंटीग्रेटेड सर्किट बनाया था जो USB पोर्ट को सपोर्ट करने में सक्षम था ।

इसके बाद तो कई USB पोर्ट के प्रकार बनाये गये जिसके बारे में हमने नीचे एक-एक करके बताया हुआ है ताकि आप एक-एक करके सभी USB पोर्ट्स के प्रकार के बारे में जान सकें यानी की किस वक्त किस पोर्ट का अविष्कार हुआ था और उसकी डिटेल के बारे में ।

Types of USB ports in hindi | USB पोर्ट के प्रकार :

USB पोर्ट के प्रकार कई हैं लेकिन उनमें से जरूरी प्रकार कुल तीन हैं जैसे की USB टाइप-A, USB टाइप-B और USB टाइप-C । इन प्रकार के आगे भी कई प्रकार और भी बन गये जो टेक्नोलॉजी के ऊपर निर्भर करते हैं जोकि इस प्रकार है :

  • USB टाइप-A
    • USB 0.7
    • USB 0.8
    • USB 0.9
    • USB 0.99
    • USB 1.0 RC
    • USB 1.0
    • USB 1.1
    • USB 2.0
    • USB 3.0
    • USB 3.1
    • USB 3.2
    • USB 4
    • USB टाइप-A मिनी
    • USB टाइप-A माइक्रो
  • USB टाइप-B
    • USB टाइप-B 2.0
    • USB टाइप-B 3.0
    • USB टाइप-B मिनी 2.0
    • USB टाइप-B मिनी 3.0
    • USB टाइप-B माइक्रो 2.0
    • USB टाइप-B माइक्रो 3.0
  • USB टाइप-C
    • USB टाइप-C 2.0
    • USB टाइप-C 3.0
    • USB टाइप-C 3.1
    • USB टाइप-C 3.2
    • USB टाइप-C 4.0
 

USB टाइप-A :

सबसे बनने वाला USB पोर्ट था USB टाइप-A । इसे टाइप A नाम इसीलिए रखा गया ताकि आने वाले समय में जब भी नई टेक्नोलॉजी का इस्तेमाल USB पोर्ट के ऊपर यानी की इसी आकार के पोर्ट के ऊपर किया जाए तो इसके नाम बदलने की बजाय सिर्फ नंबर ही रखे जाएँ । जैसे की USB पोर्ट टाइप-A के अंदर कम नंबर से लेकर अधिक नंबर तक वाले पोर्ट आते हैं और इसका मतलब आप बारीकी के साथ नीचे जान पाएंगे जोकि इस प्रकार है :

  • USB 0.7 :

USB टाइप-A पोर्ट में से सबसे पहले पोर्ट की उत्पत्ति हुई थी USB 0.7 । USB 0.7 पोर्ट बना था 11 नवम्बर 1994 ईस्वी में और उस समय यही सबसे पहले बनने वाला पोर्ट था । उस वक्त तो नया पोर्ट तो था लेकिन आज के समय में बनने वाले नये पोर्ट की तुलना इससे की जाए तो USB 0.7 पोर्ट की टेक्नोलॉजी काफी पुरानी है । जिससे स्पीड ( डाटा ट्रान्सफर या विधुत ट्रान्सफर करने की स्पीड ) बहुत ही कम थी और इसका इस्तेमाल आज के समय में किसी भी सर्किट या डिवाइस में नहीं किया जाता । USB 0.7 के सबसे पीछे नंबर दर्शाता है करंट प्रवाह होने की स्पीड के बारे में । जैसे की USB 0.7 अधिक से अधिक 0.7 amps का करंट प्रवाह होने दे सकता है और डाटा ट्रान्सफर स्पीड इस पोर्ट 12 mbit/s ( मेगा बिट पर सेकंड ) से भी कम थी यानी की 1mb का डाटा ट्रान्सफर करने के लिए तकरीबन 1 सेकंड से भी ज्यादा का समय लगता था ।

  • USB 0.8 :

USB 0.8 को बनाया गया था दिसम्बर 1994 ईस्वी में । हलांकि इसकी स्पीड के बारे में अभी किसी को बहुत कुछ नहीं पता । लेकिन फिर भी बता दें की USB 0.8 पोर्ट की डाटा ट्रान्सफर स्पीड 12 mbit/s ( मेगा बिट पर सेकंड ) से भी कम है । परन्तु आज के समय में इतनी स्पीड तो बहुत ही कम है यानी समय भी काई लग जायेगा और अगर डिवाइस को चार्ज करने में भी समय अधिक लगेगा क्योंकि यह पोर्ट अधिक से अधिक 0.8 amps का करंट ही प्रवाह होने देता है लेकिन इससे अधिक नहीं । वैसे बैटरी चार्ज करने के लिए USB 0.8 सही तो है लेकिन डाटा ट्रान्सफर करने के लिए नहीं क्योंकि स्पीड बेहद कम है ।

  • USB 0.9 :

USB 0.9 बना था 3 अप्रैल साल 1995 में । ऊपर दिए गये सभी पोर्ट की तुलना में इस पोर्ट का इस्तेमाल भी आज के समय में नहीं किया जाता है । क्योंकि डाटा ट्रान्सफर फ्लो करवाने की स्पीड USB 0.9 की बेहद कम है लेकिन ऊपर दिए गये सभी पोर्ट्स में से यह पोर्ट्स फिर भी ठीक-ठाक है लेकिन आज के समय में इस पोर्ट का इस्तेमाल भी नहीं किया जाता । अधिक से अधिक 0.9 amps का करंट ही फ्लो करवा सकता है जबकि डाटा ट्रान्सफर स्पीड इसकी अधिकतम 12 mbit/s ( मेगा बिट पर सेकंड ) ही है जोकि आज के समय में बहुत ही कम है ।

  • USB 0.99 पोर्ट :

USB 0.99 पोर्ट बना था अगस्त महीने में 1995 ईस्वी में । USB 0.99 पोर्ट भी USB 0.9 पोर्ट की तरह ही है लेकिन अंतर बहुत नहीं बल्कि मामूली सा ही है । जैसे की डाटा ट्रान्सफर स्पीड USB 0.99 पोर्ट की अधिकतम 12 mbit/s ( मेगा बिट पर सेकंड ) और करंट फ्लो करवाने की अधिक स्पीड है 0.99 amps लेकिन USB 0.9 पोर्ट की तुलना में थोड़ी सी अधिक ।

  • USB 1.0-RC पोर्ट :

USB 1.0-RC पोर्ट आया था नवम्बर महीने में साल 1995 में । हलांकि USB 1.0-RC की स्पीड भी USB 0.99 जितनी ही है तकरीबन 12 mbit/s ( मेगा बिट पर सेकंड ) तक की डाटा ट्रान्सफर स्पीड । लेकिन करंट फ्लो करवाने की स्पीड USB 0.99 पोर्ट की तुलना में थोड़ी सी अधिक है जैसे की USB 0.99 पोर्ट

  • USB 1.0 पोर्ट :

15 जनवरी 1996 को USB 1.0  पोर्ट बना था और उस दिन यह पोर्ट काफी इस्तेमाल भी किया जाने लगा था खासकर डिवाइस चार्ज करने के लिए । क्योंकि USB 1.0 पोर्ट अधिकतम 1 amps का करंट बहाने में मदद करता है और आज के समय में कम कीमत के स्मार्टफोन चार्जर में इसी पोर्ट का इस्तेमाल कर लिया जाता है । लेकिन USB 1.0 पोर्ट की डाटा ट्रान्सफर स्पीड भी अधिक नहीं बल्कि कम देखने को मिलती है जैसे की USB 1.0 पोर्ट की डाटा ट्रान्सफर स्पीड 12 mbit/s ( मेगा बिट पर सेकंड ) तक की है ।

  • USB 1.1 पोर्ट :

USB 1.1 पोर्ट अधिकतर तो नहीं किया जाता जबकि खासकर स्मार्टफोन के चार्जर में तो बिल्कुल भी नहीं किया जाता । जबकि USB 1.1 पोर्ट अधिकतम 1.1 amps का करंट प्रवाह होने दे सकता है इसीलिए इस पोर्ट का नाम रखा गया USB 1.1 पोर्ट । USB 1.1 पोर्ट की डाटा ट्रान्सफर स्पीड भी USB 1.0 पोर्ट जितनी ही है जैसे की अधिकतम डाटा ट्रान्सफर स्पीड है 12 mbit/s ( मेगा बिट पर सेकंड ) ।

  • USB 2.0 पोर्ट :

USB 2.0 पोर्ट आया था अप्रैल 2000 ईस्वी में और यह पोर्ट ऊपर दिए गये सभी पोर्ट में से बेहतर और लेटेस्ट टेक्नोलॉजी से बना हुआ USB पोर्ट है । क्योंकि USB 2.0 पोर्ट की अधिकतम 480 mbit/s ( मेगा बिट पर सेकंड ) तक की डाटा ट्रान्सफर स्पीड है जोकि ऊपर दिए गये किसी भी पोर्ट में इतनी स्पीड देखने को नहीं मिलती । हलांकि USB 2.0 पोर्ट अधिकतम 2 amps का करंट प्रवाह होने दे पाता है इसीलिए इसका उपयोग कम कीमत से लेकर अधिक कीमत तक के डिवाइस में किया जाता है डिवाइस चार्ज करने के लिए भी और डाटा ट्रान्सफर करने के लिए डाटा केबल में इसका उपयोग में किया जाता है ।

  • USB 3.0 पोर्ट :

USB 2.0 पोर्ट बनने के बाद यानी की 8 साल बाद नवम्बर 2008 में USB 3.0 पोर्ट बना था जोकि काफी बेहतर डाटा ट्रान्सफर स्पीड और करंट प्रवाह होने की स्पीड भी काफी तेज़ है इस पोर्ट की । USB 3.0 पोर्ट की अधिकतम डाटा ट्रान्सफर स्पीड है 625 mbit/s ( मेगा बिट पर सेकंड ) है और 3 amps तक का अधिकतम करंट यह पोर्ट प्रवाह होने दे पाता है । इसी कारण USB 3.0 पोर्ट का इस्तेमाल भी बहुत अधिक मात्रा में किया जा रहा है ।

  • USB 3.1 पोर्ट :

जुलाई 2013 में बना था USB 3.1 पोर्ट और यह पोर्ट USB 3.0 पोर्ट की तुलना में थोड़ा सा बेस्ट है जैसे की डाटा ट्रान्सफर स्पीड USB 3.1 पोर्ट की 1350 mbit/s ( मेगा बिट पर सेकंड ) तक की और 3.1 amps का करंट बहाने में मदद कर पाता है और इसका इस्तेमाल कम कीमत के डिवाइस में नहीं किया जा रहा । USB 3.1 पोर्ट के दो जनरेशन हैं जोकि टेक्नोलॉजी, स्पीड और करंट की वजह से अलग-अलग नाम दिए हैं जोकि इस प्रकार है :

    • USB 3.1 जनरेशन 1 पोर्ट :

USB 3.1 जनरेशन 1 पोर्ट की अधिकतम डाटा ट्रान्सफर स्पीड है 625 mbit/s ( मेगा बिट पर सेकंड ) ।

    • USB 3.1 जनरेशन 2 पोर्ट :

USB 3.1 जनरेशन 2 पोर्ट की अधिकतम डाटा ट्रान्सफर स्पीड है 1250 mbit/s ( मेगा बिट पर सेकंड ) जोकि USB 3.1 जनरेशन 2 पोर्ट की तुलना में दुगनी तेज़ है ।

  • USB 3.2 पोर्ट :

अगस्त 2017 में आया था USB 3.2 पोर्ट और इसी साल ही इसे बिक्री के लिए उपलब्ध किया गया था । हलांकि USB 3.2 पोर्ट की डाटा ट्रान्सफर स्पीड बहुत तेज़ यानी की अधिकतम 2700 mbit/s ( मेगा बिट पर सेकंड ) यानी की 2.7 gbit/s ( गीगा बिट पर सेकंड ) यानी की 2700 mbit/s तक की है और करंट बहाने की अधिकतम वैल्यू 3.2 amps है जोकि फ़ास्ट बैटरी चार्ज करने के लिए एकदम बेस्ट है ।

  • USB 4 पोर्ट :

अब तक का सबसे लेटेस्ट टेक्नोलॉजी से बना हुआ पोर्ट है और इसी पोर्ट का इस्तेमाल भी आज काफी अधिक मात्रा में किया जा रहा है जैसे डाटा केबल और महंगे डिवाइस में । क्योंकि यह पोर्ट अधिकतम 4 amps तक का करंट बहाने में मदद करता है जोकि आज के समय काफी अधिक है । USB 4 पोर्ट की डाटा ट्रान्सफर आज के समय में बहुत तेज़ है जैसे की अधिकतम 5 gbit/s ( गीगा बिट पर सेकंड ) और आज के समय में सबसे तेज़ है ।

 

  • USB टाइप-A मिनी पोर्ट :

USB टाइप-A मिनी पोर्ट प्रकार है USB टाइप A का और यह एक उससे भी छोटा पोर्ट है । USB टाइप-A मिनी पोर्ट की अधिकतम डाटा ट्रान्सफर स्पीड है 480 mbit/s ( मेगाबिट पर सेकंड ) । USB टाइप-A मिनी पोर्ट के अंदर का प्लास्टिक सफेद रंग का ही होता है यही इसकी पहचान है और इसे बनाया गया है ऐसे डिवाइस के लिए जो बहुत छोटे और पतले होते हैं जैसे की PSP डिवाइस, MP3 ऑडियो प्लेयर और मोबाइल फोन इत्यादि । लेकिन आज के समय में बनने वाले लेटेस्ट मोबाइल फोन और mp3 ऑडियो प्लेयर में इन पोर्ट्स का इस्तेमाल नहीं किया जाता । ताकि स्मार्टफोन के चार्जर का इस्तेमाल स्मार्टफोन चार्ज करने के साथ-साथ इन छोटे-छोटे डिवाइस के लिए भी जा सके क्योंकि स्मार्टफोन और मोबाइल के चार्जर USB टाइप-B माइक्रो पोर्ट के साथ ही आते हैं । पहले के बनने वाले मोबाइल, PSP और ऑडियो प्लेयर में तो आपको USB टाइप-B मिनी पोर्ट ही देखने को मिलेंगे । USB टाइप-B मिनी पोर्ट 5 पिन वाला छोटा पोर्ट है जिसका इस्तेमाल पुराने डिवाइस चार्ज करने के लिए या डाटा ट्रान्सफर करने के लिए ही किया जाता है परन्तु आज के समय में नहीं ।

  • USB टाइप-A माइक्रो पोर्ट :

USB माइक्रो-A पोर्ट 5 पिन वाला बेहद छोटा सा पोर्ट है और दीखता है USB माइक्रो-B पोर्ट की तरह लेकिन अंतर थोड़ा सा जरुर है अगर आप ध्यान से चित्र देखते हैं तो । USB माइक्रो-A पोर्ट बिल्कुल चौरस पोर्ट है जबकि USB माइक्रो-B पोर्ट थोड़ा सा दाईं और बाईं तरफ मुड़ा हुआ है । USB टाइप-A माइक्रो पोर्ट की अधिकतम डाटा ट्रान्सफर स्पीड है 480 mbit/s ( मेगाबिट पर सेकंड )  हलांकि USB माइक्रो-A पोर्ट का उपयोग पहले के समय में मोबाइल, mp3 जैसे छोटे और पोर्टेबल डिवाइस में किया जाता था लेकिन अब इसकी टेक्नोलॉजी पुरानी होने की वजह से इसकी जगह पर USB माइक्रो-B पोर्ट का ही अधिकतर उपयोग हो रहा है ।

  • USB टाइप-B पोर्ट :

चित्र में दिखाया गया USB टाइप-B पोर्ट आकार में चपटा और बड़ा होता है  USB टाइप-B पोर्ट का इस्तेमाल कंप्यूटर या लैपटॉप को प्रिंटर और स्कैनर जैसे डिवाइस के साथ कनेक्ट करने के लिए किया जाता है । हलांकि USB टाइप-B पोर्ट को कंप्यूटर या लैपटॉप में नहीं देखने को मिलते जबकि ये प्रिंटर, स्कैनर, इलेक्ट्रॉनिक कीबोर्ड, इलेक्ट्रॉनिक ड्रम, इलेक्ट्रिक पियानो, सिंथेसीज़र इत्यादि में देखने को मिलते हैं । केबल के एक तरफ टाइप-A पोर्ट लगा होता है जिसको कंप्यूटर के टाइप-A पोर्ट से जोड़ते हैं और केबल की दूसरी तरफ USB टाइप-B मेल पोर्ट होता है जिसे प्रिंटर और स्कैनर में लगे फीमेल USB टाइप-B पोर्ट से कनेक्ट किया जाता है । हलांकि USB टाइप-B पोर्ट के आपको दो प्रकार देखने को मिल सकते हैं या USB टाइप-B पोर्ट 2.0 या USB टाइप-B पोर्ट 3.0 उसकी जानकारी हेठ लिखे इस प्रकार है :

 

    • USB टाइप-B 2.0 पोर्ट :

USB टाइप-B पोर्ट में सबसे का पहला पोर्ट का पूरा नाम है USB टाइप-B 2.0 पोर्ट  यह पोर्ट USB 4 पिन वाला पोर्ट है जोकि आकार में चपटा देखने को और आकार में थोड़ा सा मोटा अधिक होता है  USB टाइप-B 2.0 पोर्ट की डाटा ट्रान्सफर स्पीड 480 mbit/s ( मेगा बिट पर सेकंड ) तक की है । हलांकि इस पोर्ट का इस्तेमाल भी पेरिफेरल डिवाइस के अंदर किया जाता है जैसे की स्कैनर, प्रिंटर में ताकि इनको कंप्यूटर से कनेक्ट किया जा सके 

    • USB टाइप-B 3.0 पोर्ट :

USB टाइप-B 3.0 पोर्ट में दुसरे नंबर पर बनने वाला पोर्ट है जोकि USB टाइप-B 2.0 पोर्ट की तुलना में थोड़ा सा अधिक मोटा देखने को मिलता है । यह पोर्ट भी USB 4 पिन वाला पोर्ट है और डाटा ट्रान्सफर स्पीड अधिकतम 5gbit/s ( गीगाबिट पर सेकंड ) तक की है । हलांकि इस पोर्ट का इस्तेमाल भी पेरिफेरल डिवाइस के अंदर किया जाता है जैसे की स्कैनर, प्रिंटर में ताकि इनको कंप्यूटर से कनेक्ट किया जा सके 

 

    • USB टाइप-B मिनी पोर्ट :

USB टाइप-B मिनी पोर्ट के प्रकार कुल दो हैं जैसे की USB टाइप-B मिनी पोर्ट 2.0 और USB टाइप-B मिनी पोर्ट 3.0  USB टाइप-B मिनी पोर्ट भी USB टाइप-A मिनी पोर्ट की तरह दिखने वाला पोर्ट होता है जबकि इस पोर्ट का रंग काला होता है और पिन की संख्या इसमें कुल 5 होती हैं । USB टाइप-B मिनी पोर्ट की अधिकतम डाटा ट्रान्सफर स्पीड इसके प्रकार के ऊपर ही निर्भर करती है जिसके बारे में हमने नीचे बताया है  USB टाइप-B मिनी पोर्ट के जितने भी प्रकार हैं उन सभी का उपयोग पुराने डिवाइस जैसे की PSP, मोबाइल, mp3 ऑडियो प्लेयर इत्यादि । क्योंकि पुराने डिवाइस अधिकतर तो USB टाइप-B मिनी पोर्ट के साथ ही आते थे जबकि आज के समय में तो इन पोर्ट्स की जगह पर USB टाइप-B माइक्रो पोर्ट का इस्तेमाल किया जाने लगा है । USB टाइप-B मिनी पोर्ट के प्रकार आगे दो हैं जोकि उसकी डाटा ट्रान्सफर स्पीड और करंट बहाने की स्पीड पर ही निर्भर करते हैं जैसे की USB टाइप-B मिनी पोर्ट 2.0 और USB टाइप-B मिनी पोर्ट 3.0 ।

    • USB टाइप-B मिनी 2.0 पोर्ट :

यह पोर्ट USB टाइप-B मिनी 2.0 पोर्ट का ही प्रकार है और यह 5 पिन वाला पोर्ट है । USB टाइप-B मिनी 2.0 पोर्ट अधिकतम 2 amps का करंट बहा सकता है यानी की अगर चार्जर 2 amps का बनाना हो तो यह पोर्ट बेस्ट है जबकि इससे अधिक का करंट प्रवाह नहीं हो सकता । डाटा ट्रान्सफर स्पीड अधिकतम USB टाइप-B मिनी 2.0 पोर्ट की 480 mbit/s ( मेगा बिट पर सेकंड ) तक की है ।

    • USB टाइप-B मिनी 3.0 पोर्ट :

USB टाइप-B मिनी 3.0 पोर्ट के अंदर पिन की संख्या कुल 10 होती है और इसका काम वही है जो हमने ऊपर USB मिनी (टाइप-B) पोर्ट के बारे में बताया है । USB टाइप-B मिनी 3.0 पोर्ट की डाटा ट्रान्सफर स्पीड अधिकतम है 600 mbit/s ( मेगाबिट पर सेकंड ) । जबकि अधिक से अधिक यह 3 amps का करंट फ्लो करवा सकता है यानि की 3 amps का करंट को सपोर्ट करता है ।

 

  • USB टाइप-B माइक्रो पोर्ट :

USB टाइप-B माइक्रो पोर्ट सबसे अधिक मात्रा में और कम कीमत के पोर्ट होते हैं । इन्हीं पोर्ट का इस्तेमाल आज के समय में काफी अधिक किया जाता है जैसे की स्मार्टफोन, लेटेस्ट mp3 ऑडियो प्लेयर इत्यादि । USB टाइप-B माइक्रो पोर्ट का इस्तेमाल डाटा ट्रान्सफर और डिवाइस चार्ज करने के लिए किया जाता है । USB टाइप-B माइक्रो पोर्ट 5 पिन वाला पोर्ट है और डाटा ट्रान्सफर स्पीड इसकी अधिकतम 480 mbit/s ( मेगाबिट पर सेकंड ) तक की है और करंट तकरीबन 1 amps ही सपोर्ट कर पाता है । वैसे USB टाइप-B माइक्रो पोर्ट

    • USB टाइप-B माइक्रो 2.0 पोर्ट :

USB टाइप-B माइक्रो 2.0 पोर्ट 5 पिन वाला बेहद छोटा सा पोर्ट होता है और इसका इस्तेमाल आज के समय में कम कीमत के स्मार्टफोन में अधिकतर किया जा रहा है । डाटा ट्रान्सफर स्पीड USB टाइप-B माइक्रो 2.0 पोर्ट की अधिकतम 480 mbit/s ( मेगाबिट पर सेकंड ) तक की है और यह पोर्ट अधिक से अधिक 2 amps का करंट ही प्रवाह होने दे सकता है जोकि साधारण माइक्रो USB टाइप-B पोर्ट की तुलना में काफी तेज़ है ।

    • USB टाइप-B माइक्रो 3.0 पोर्ट :

USB टाइप-B माइक्रो 3.0 पोर्ट आकार में थोड़ा सा बड़ा और दो हिस्सों में बंटा हुआ होता है  जिसमें से पहले के हिस्से के अंदर पिन की संख्या 5 और दुसरे हिस्से में भी 5 पिन लगी होती है यानी की पिन की संख्या इस पोर्ट में कुल 10 होती है । अधिकतम यह पोर्ट 1 amps का करंट ही प्रवाह होने दे सकता है जबकि डाटा ट्रान्सफर स्पीड इस पोर्ट की अधिकतम 5 gbit/s ( गीगा बिट पर सेकंड ) तक की है जोकि बहुत ही तेज़ है । हलांकि USB टाइप-B माइक्रो 3.0 पोर्ट का इस्तेमाल किया जाता है हार्ड ड्राइव, प्रिंटर्स और नेटवर्क हब जैसे डिवाइस में 

USB टाइप-C पोर्ट :

अब तक का सबसे लेटेस्ट और सबसे लेट बनने वाला पोर्ट का नाम है USB टाइप-C पोर्ट और इसकी डाटा ट्रान्सफर बहुत ही तेज़ है साथ यह पोर्ट करंट भी अधिक मात्रा में बहा सकता है यानी की सपोर्ट करने में सक्षम है । इसीलिए हाई पॉवर वाले डिवाइस या कम पॉवर वाले डिवाइस में इसका इस्तेमाल किया जा रहा है जैसे की लैपटॉप, स्मार्टफोन, लेटेस्ट गैजेट्स इत्यादि इन सभी डिवाइस को चार्ज करने के लिए भी । हलांकि USB टाइप-C पोर्ट का नाम इतना नहीं बल्कि बड़ा है जोकि इसके प्रकार ही देखने को मिलेंगे आपको जैसे की USB टाइप-C 2.0, USB टाइप-C 3.0, USB टाइप-C 3.1, USB टाइप-C 3.2, USB टाइप-C 4.0 इत्यादि और इनके बारे में जानकरी नीचे की तरफ इस प्रकार है :

 

  • USB टाइप-C 2.0 पोर्ट :

USB टाइप-C 2.0 पोर्ट सबसे पहले बनने वाला पोर्ट था और इसकी स्पीड उस वक्त काफी तेज़ थी लेकिन आज के समय में इतनी काफी नहीं क्योंकि इससे भी तेज़ डाटा ट्रान्सफर स्पीड वाले पोर्ट आ गये हैं । USB टाइप-C 2.0 पोर्ट की डाटा ट्रान्सफर स्पीड अधिकतम है 480 mbit/s ( मेगाबिट पर सेकंड ) जोकि कम है क्योंकि इतनी स्पीड तो USB टाइप-B माइक्रो पोर्ट में भी देखने को मिल जाती है और 10 वॉट तक का ही करंट प्रवाह होने दे सकता है जोकि काफी कम है । इसीलिए कोशिश करें की आप USB टाइप-C 2.0 पोर्ट की जगह पर कम से कम USB टाइप-C 3.0 पोर्ट 

  • USB टाइप-C 3.0 पोर्ट :

USB टाइप-C 2.0 पोर्ट की तुलना में USB टाइप-C 3.0 पोर्ट काफी बेस्ट पोर्ट है क्योंकि इसकी स्पीड काफी तेज़ है । जैसे की USB टाइप-C 3.0 पोर्ट की अधिकतम डाटा ट्रान्सफर स्पीड है 5 gbit/s ( गीगाबिट पर सेकंड ) और अधिक से अधिक 60 वॉट ( अधिकतम 20 वोल्ट * अधिकतम 3 amps ) तक का पॉवर डिलीवर कर सकता है जोकि लैपटॉप चार्ज करने के लिए काफी है 

 

  • USB टाइप-C 3.1 पोर्ट :

USB टाइप-C 3.0 पोर्ट की तुलना में USB टाइप-C 3.1 पोर्ट थोड़ा सा और अपग्रेड किया गया है जिसके कारण स्पीड तेज़ अधिक देखने को मिलती है । यानी की अधिकतम डाटा ट्रान्सफर स्पीड है 10 gbit/s ( गीगाबिट पर सेकंड ) और अधिक से अधिक 60 वॉट तक का करंट प्रवाह होने दे सकता है 

 

  • USB टाइप-C 3.2 पोर्ट :

USB टाइप-C 3.1 के बाद आया है USB टाइप-C 3.2 पोर्ट जिसकी स्पीड टाइप-C 3.1 पोर्ट की तुलना में थोड़ी सी अधिक है । जैसे की USB टाइप-C 3.2 पोर्ट की अधिकतम डाटा ट्रान्सफर स्पीड है 10 gbit/s ( गीगाबिट पर सेकंड ) और अधिक से अधिक 100 वॉट तक का करंट प्रवाह होने दे सकता है । इस हिसाब से तो इस पोर्ट का इस्तेमाल लैपटॉप चार्ज करने के लिए कर सकते हैं और किया भी जाता है 

 

  • USB टाइप-C 4.0 पोर्ट :

सबसे महंगा पोर्ट USB टाइप-C 4.0 पोर्ट ही है क्योंकि इसकी डाटा ट्रान्सफर स्पीड काफी भयानक देखने को मिलती है जोकि 40 Gbit/s ( गीगाबिट पर सेकंड ) तक की अधिकतम देखने को मिलती है । इसके साथ ही पॉवर डिलीवरी USB टाइप-C 4.0 पोर्ट की अधिकतम है 100 वॉट यानी की 100 ( अधिकतम 25 वोल्ट * अधिकतम 4 amps ) वॉट तक का विधुत या प्रवाह कर देने में सक्षम है इसीलिए इसका उपयोग लैपटॉप चार्ज करने के लिए किया जा रहा है 

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