वायरलेस चार्जिंग टेक्नोलॉजी जिसका इस्तेमाल आज के समय मे सभी कंपनियां करना चाहती हैं जिसमें से काफी सारी कंपनियों ने इस चार्जिंग टेक्नोलॉजी का इस्तेमाल करके काफी सारे गैजेट्स भी बना दिये हैं जैसे कि वायरलेस चार्जर और भी कई उपकरण । वायरलेस चार्जिंग क्या है यानी कि वायरलेस चार्जिंग टेक्नोलॉजी क्या है और वायरलेस चार्जिंग टेक्नोलॉजी कैसे काम करती है ।
वायरलेस चार्जिंग की खोज किसने की :
वायरलेस चार्जिंग जोकि टेक्नोलॉजी है जिसका निर्माण किया था महान वैज्ञानिक निकोला टेस्ला ने । यही वो वैज्ञानिक थे जिन्होंने ac करंट के निर्माण किया था । वायरलेस चार्जिंग की बात करें तो निकोला टेस्ला ने देखा कि करंट को एक दो coil की मदद से यानी कि दो इंडक्टर की मदद से एक coil से दूसरी coil तक ट्रांसफर किया जा सकता है । बिना तार के करंट को एक coil से दूसरी coil में ट्रांसफर करना काफी बड़ी बात है और आज इस टेक्नोलॉजी का इस्तेमाल चार्जर में किया जाता है जिसे वायरलेस चार्जिंग टेक्नोलॉजी के नाम से जाना जाता है ।
What is Wireless Charging | वायरलेस चार्जिंग क्या है :
ऐसी टेक्नोलॉजी जो बिना तार को किसी डिवाइस को चार्ज कर सके उस टेक्नोलॉजी को नाम दिया गया वायरलेस चार्जिंग टेक्नोलॉजी । वायरलेस चार्जिंग टेक्नोलॉजी का उपयोग फिलहाल के लिए आज के समय में वायरलेस चार्जर में किया जा रहा है ताकि बिना तार के किसी भी छोटे डिवाइस को चार्ज किया जा सके ।
वायरलेस चार्जिंग के बारे :
जानकारी के किये आप जान लें कि वायरलेस चार्जिंग में होता इतना है कि करंट एक जगह से लेकर दूसरी जगह तक बिना किसी तार के पहुंचता है । इस टेक्नोलॉजी का इस्तेमाल तो सबसे पहले ट्रांसफॉर्मर में ही किया गया था क्योंकि ट्रांसफॉर्मर के अंदर दो coil होती हैं जो आपस मे नहीं जुड़ी होती और उसमें से एक coil के अंदर करंट जाता है । पहली coil में गया हुआ करंट बिना किसी तार के दूसरी coil तक जाता है जिससे ट्रांसफॉर्मर काम करता है । कहने का मेरा मतलब ये है कि ट्रांसफॉर्मर में भी वायरलेस टेक्नोलॉजी को उपयोग में लाया गया है जोकि काफी सालों से हो रहा है । जबकि इस टेक्नोलॉजी का इस्तेमाल चार्जर में अभी ही शुरू किया है क्योंकि ये टेक्नोलॉजी इतनी ज्यादा एडवांस्ड नहीं थी कि डिवाइस को बिना किसी तार के चार्जर से चार्ज किया जा सके । बढ़ती हुई टेक्नोलॉजी की वजह से वायरलेस चार्जिंग को उपयोग में अब लाया गया जिससे वायरलेस चार्जर बना और इसका उपयोग आज के समय मे काफी तेजी से हो रहा है ।
पहला वायरलेस चार्जिंग टेक्नोलॉजी वाला गैजेट :
चार्जर में सबसे पहले वायरलेस चार्जिंग टेक्नोलॉजी का इस्तेमाल किया था palm कंपनी ने जिसने स्मार्टफोन और वायरलेस चार्जर दोनों बनाये और दोनों डिवाइस के अंदर वायरलेस चार्जिंग टेक्नोलॉजी को उपयोग में लाया । हलांकि इनकी टेक्नोलॉजी ज्यादा एडवांस्ड नहीं थी उस समय में और कुछ समय बाद सैमसंग कंपनी ने ही सही में फ़ास्ट चार्जिंग वाला स्मार्टफोन और चार्जर लांच किया जोकि काफी प्रचलन में रहा ।
Wireless Charging working in hindi | वायरलेस चार्जिंग कैसे काम करती है :
वायरलेस चार्जिंग टेक्नोलॉजी में होता ऐसा है कि डिवाइस को बिना किसी वायर के चार्ज किया जाता है और इसमें करंट को बिना तार के एक जगह से दूसरी जगह तक पहुंचाना होता है जैसे कि वायरलेस चार्जर में होता है जो करंट को बिना तार के दूसरे डिवाइस में पहुंचा देता है ।
फिलहाल के लिए जब जब एक coil (इंडक्टर) में हाई फ्रीक्वेंसी वाले ac करंट को coil में प्रवाहित किया जाता है तब इस coil के आसपास बड़ा सा मैग्नेटिक फील्ड बन बनने लगता है जिसे चुम्बकीय छेत्र भी कहते हैं । जितनी देर करंट को coil में प्रवाहित किया जा रहा हो चुम्बकीय फील्ड उतनी ही देर तक बना रहा है और इसी चुम्बकीय फील्ड के अंतर्गत जब दूसरी coil को रखते हैं यानी कि निकट लेकर जाते हैं तब मैग्नेटिक फील्ड के अंतर्गत दूसरे coil के आने से दूसरी coil में करंट पहुंचने लगता है । बस ऐसे ही वायरलेस चार्जिंग टेक्नोलॉजी काम करती है । इसी वायरलेस चार्जिंग टेक्नोलॉजी का इस्तेमाल किया जाता है वायरलेस चार्जरों में । इस टेक्नोलॉजी की वजह से करंट बिना किसी तार के दूसरी जगह पहुंचता है जबकि ये टेक्नोलॉजी नई नहीं बल्कि काफी सालों से उपयोग में लायी जा रही है जैसे कि ट्रांसफॉर्मरों में । क्योंकि ट्रांसफार्मर के अंदर दो coil होती है जिसमें से करंट एक coil से दूसरी coil तक बिना किसी वायर के पहुंचता है । इस तरह की टेक्नोलॉजी को उस समय वायरलेस चार्जर में डालना उचित नहीं था जबकि आज के समय मे टेक्नोलॉजी बढ़ चुकी है जिससे वायरलेस चार्जर बनने लगे हैं ।
वायरलेस चार्जिंग किस करंट पर काम करती है :
वायरलेस चार्जिंग ac करंट और dc करंट दोनों पर काम करती है । लेकिन dc करंट का उपयोग अगर इस टेक्नोलॉजी में करें तो उचित नहीं है क्योंकि विधुत काफी ज्यादा व्यर्थ हो जाता है जबकि ac करंट में विधुत ज्यादा नहीं बल्कि थोड़ा सा ही व्यर्थ होता है । इसीलिए वायरलेस चार्जिंग टेक्नोलॉजी में ac करंट को ही काम में लिया जाता है ।
Benefits of Wireless Charging in hindi | वायरलेस चार्जिंग के फायदे :
- बिना तार के करंट को एक उपकरण से दूसरे उपकरण तक पहुंचाया जाना
- वायरलेस चार्जिंग टेक्नोलॉजी से तारों के झंझट से छुटकारा मिलना
- वायरलेस चार्जिंग का उपयोग किया जाता है वायरलेस चार्जर बनाने में
Drawbacks of Wireless Charging in hindi | वायरलेस चार्जिंग के नुकसान :
- वायरलेस चार्जिंग की वजह से कुछ मात्रा में करंट का व्यर्थ जाना
- वायरलेस चार्जिंग DC करंट पर काम करने में नहीं है उचित