मॉनिटर का इस्तेमाल आज के समय में काफी अधिक मात्रा में किया जा रहा है और इसी के बारे में हम आपको इस आर्टिकल में विस्तार से बताने वाले हैं जैसे की मॉनिटर क्या है, मॉनिटर के पार्ट्स के नाम, मॉनिटर के प्रकार और भी बहुत कुछ । हलांकि मॉनिटर के बारे में काफी लोग जानते तो हैं लेकिन इसके काम के बारे में अधिकतर लोग नहीं जानते हैं । मॉनिटर काम कैसे करता है ये टॉपिक आर्टिकल में समझाना बहुत ही मुश्किल होता है जिसे विडियो के माध्यम से ही समझना आसान होता है लेकिन मुश्किल जरुर होता है । पर इस आर्टिकल में हम आपको बेसिक पॉइंट्स के बारे में ही विस्तार से बतायेंगे ।
What is Monitor in hindi | Monitor kya hai :
मॉनिटर को स्क्रीन कहते हैं जिसे कंप्यूटर के साथ कनेक्ट किया जाता है और यह उसी के साथ ही आता है । मॉनिटर को डिस्प्ले भी कहते हैं लेकिन जब ये कंप्यूटर के साथ आता है तब इसे मॉनिटर कहा जाने लगा ताकि पहचानने में आसानी हो । मॉनिटर जो टेलीविज़न की तरह ही दिखने वाला होता है लेकिन टीवी से काफी पतला होता है परंतु टेलीविज़न में ट्यूनर कार्ड होता है जो मॉनिटर में नहीं होता । इसके आलावा मॉनिटर जिसमें अधिक रेसोलूशन, फुल कंटोल फ़ीचर्स, कम बिजली की खपत और हाईएस्ट फ्रेम रेट जैसे फायदे देखने को मिलते हैं ।
Monitor क्या करता है :
मॉनिटर का काम होता है डाटा को दिखाने का जो कंप्यूटर के CPU में स्थित होता है । मॉनिटर जो CPU के अंदर लगे मदरबोर्ड के साथ कनेक्ट होता है । मदरबोर्ड के अंदर लगे ग्राफ़िक्स कार्ड यानी की विडियो कार्ड से ही मॉनिटर को केबल की मदद से कनेक्ट किया जाता है । ग्राफ़िक्स कार्ड ही डाटा को केबल की माध्यम से मॉनिटर तक भेजती है और मॉनिटर ही उस डाटा को दिखाता है । मॉनिटर का काम होता है ग्राफिकल डाटा को दिखाना जैसे की पिक्चर, विडियो इत्यादि ।
Monitor के बारे में :
मॉनिटर को टेलीविज़न में कन्वर्ट किया जा सकता है लेकिन इसके लिए अलग से तकरीबन 1500 रूपए का बॉक्स को मॉनिटर के साथ लगाना पड़ता है । टेलीविज़न की तुलना में मॉनिटर काफी बेस्ट रहता है क्योंकि ये सक्षम होते हैं हाईएस्ट क्वालिटी वाली विडियो को दिखाने में जिससे बड़ी से बड़ी विडियो को क्लैरिटी के साथ देखा जा सकता है जैसे की बारीक़ अक्षर जो टेलीविज़न में धुंधले दिखाई देते हैं वे इस मॉनिटर में साफ़ दिखाई देते हैं । परन्तु इसके लिए मॉनिटर की टेलीविज़न के रूप में इस्तेमाल करने की जरूरत नहीं क्योंकि इसकी जगह पर दुसरे LCD, LED वाले टेलीविज़न ले सकते हैं जो मॉनिटर की तरह साफ़ विडियो दिखाने में सक्षम होते हैं ।
Monitor full form in hindi | मॉनिटर का फुल फॉर्म :
मॉनिटर का फुल फॉर्म होता है जो आपने कभी सुना नहीं होगा की मॉनिटर का भी फुल फॉर्म होता है जो इस तरह है नीचे की तरफ :
- M–Mass
- O–On
- N–Newton
- I–Is
- T–Train
- O–On
- R–Rat
Types of Monitor in hindi | मॉनिटर के प्रकार :
मॉनिटर के प्रकार बहुत हैं क्योंकि मॉनिटर की शुरुआत काफी सालों पहले हुई थी और नई-नई टेक्नोलॉजी के आने की वजह से उसको मॉनिटर में लगाया गया जिससे नये-नये प्रकार के मॉनिटर बनते गये जो नीचे की तरफ इस तरह हैं :
सबसे पहले बनने वाले मॉनिटर CRT मॉनिटर ही हुआ करते थे । परन्तु आज के समय में CRT मॉनिटर बनते ही नहीं क्योंकि इससे भी अच्छी टेक्नोलॉजी वाले मॉनिटर अब मार्किट में मिलने लगे हैं वो भी कम कीमत में इसीलिए इस CRT मॉनिटर को बनाना बंद कर दिया गया । लेकिन कुछ लोगों के पास इस तरह के CRT मॉनिटर अभी भी रखे हुए हैं । CRT मॉनिटर की प्रॉब्लम काफी सारी थी जैसे की वजन में सबसे भरी हुआ करते थे, आकार में सबसे बड़े हुआ करते थे, बिजली की खपत अधिक करते थे, रिफ्रेश रेट कम हुआ करता था, पिक्चर की क्वालिटी बेहतर तरीके से नहीं दिखा पाते थे और भी बहुत कुछ ।
इतनी सारी कमियां तभी देखने को मिलती है अगर इसकी तुलना दुसरे मॉनिटर से करते हैं तो । CRT मॉनिटर के अंदर CRT टयूब होती है जो पिक्चर दिखाने का काम करती है । CRT टयूब का पूरा नाम होता है कैथोड रे टयूब और यही टयूब जगती है ।
TFT मॉनिटर का फुल फॉर्म होता है थिन फिल्म ट्रांजिस्टर । CFT मॉनिटर के बाद और तरक्की होने के बाद नई टेक्नोलॉजी बनी जिसे नये मॉनिटर में अजमाया गया और बना न्य TFT मॉनिटर । TFT मॉनिटर जो CRT मॉनिटर की तुलना काफी बेस्ट होते हैं जैसे की वजन में काफी कम होना, बेहतर पिक्चर क्वालिटी दिखाना, कम बिजली की खपत करना और आकार में पतला होना । TFT मॉनिटर की मांग यानी की बिक्री आज के समय में है लेकिन सबसे कम जबकि इस तरह मॉनिटर अधिकतर कम कीमत वाले लैपटॉप में ही अधिकतर देखने को मिलते हैं ।
हलांकि TFT मॉनिटर की कीमत सबसे कम होने की वजह से ही अधिकतर यूज होते हैं जिसका बजट कम से कम होता है कंप्यूटर या लैपटॉप खरीदने के लिए । TFT मॉनिटर आँखों को नुकसान अधिक पहुंचाते हैं इसीलिए आपको इस TFT मॉनिटर की बजाय दुसरे मॉनिटर को सेलेक्ट करना चाहिए ।
LCD मॉनिटर का फुल फॉर्म है लिक्विड क्रिस्टल डिस्प्ले । TFT मॉनिटर के बाद LCD मॉनिटर बना जो LCD मॉनिटर की तुलना काफी बेस्ट साबित हुए जैसे की वजन में काफी कम होना, बेहतर पिक्चर क्वालिटी दिखाना, कम बिजली की खपत करना, आकार में पतला होना और हाईएस्ट रिफ्रेश रेट इत्यादि । LCD मॉनिटर आज के समय में सबसे अधिक मात्र में बनते हैं क्योंकि इसका इस्तेमाल तब किया जाता है जब कम कीमत में बेस्ट मॉनिटर चाहिए होता है ।
कम से कम कीमत में मॉनिटर चाहिए तो आप TFT मॉनिटर मत सेलेक्ट करना सीधा LCD मॉनिटर को सेलेक्ट कर सकते हैं । LCD मॉनिटर के पीछे की तरफ ccfl बल्ब का इस्तेमाल किया जाता है जो टयूब की तरह होती हैं और इसका काम लाइट डालने के लिए किया जाता है इसका चित्र आप देख ही सकते हैं । LCD मॉनिटर को अगर आप सामने देखोगे तो ही पिक्चर साफ़ दिखेगी । अगर आप सामने से देखने की बजाय दायें और बाएं एंगल या मॉनिटर को टेड़ा करके देखोगे तब पिक्चर साफ़ दिखाई नहीं देती ।
मॉनिटर के बिल्कुल सामने बैठने की बजाय थोड़ा सा इधर-उधर बैठने से इतना फर्क नहीं पड़ता । LCD मॉनिटर के सामने बैठने की बजे अगर आप ज्यादा ही साइड में साइड में बैठे हैं तो पिक्चर धुंधली दिखेगी । आप LCD मॉनिटर को सेलेक्ट कर सकते हैं जो काफी अच्छे होते हैं और आपको ज्यादा घबराने की जरूरत नहीं है अगर आपका बजट कम है तो । अगर आप इससे भी अधिक पैसे लगा सकते हैं तो आप LED मॉनिटर सेलेक्ट करें क्योंकि उस मॉनिटर को आप किसी भी एंगल से देखो पिक्चर साफ ही दिखेगी ।
LED मॉनिटर का पूरा नाम है लाइट एमिटिंग डायोड । ये मॉनिटर LCD मॉनिटर की तरह होते हैं पर अंतर होता बीएस इतना है की LED मॉनिटर के पीछे की तरफ led बल्ब का उपयोग किया जाता है जो लाखों के हिसाब से लगे होते हैं । यही एक-एक बल्ब मिलकर पिक्चर दिखाने का काम करते हैं । जब मॉनिटर का कोई कौना काला होता है जैसे की विडियो में जब अँधेरा होता है तब मॉनिटर के पीछे लगे कुछ बल्ब बंद हो जाते हैं जिससे बिजली कुछ हद तक बच जाती है ।
जैसे की मॉनिटर अगर चल रहा है और उसमें आधी स्क्रीन काली है और अधिक सफेद तो ऐसे में अधिक स्क्रीन जो काली होती है वहां पर जितने भी बल्ब मौजूद हैं वे बंद हो जाते हैं जिससे बिजली बचती है । LED मॉनिटर सबसे कम बिजली की खपत करते हैं अगर इसकी तुलना LCD मॉनिटर से करते हैं तो । इसके आलावा हाई क्वालिटी वाली विडियो दिखाने में, हाई रिफ्रेश रेट और पतले अकार में बने होते हैं LED मॉनिटर । LED मॉनिटर को सामने रखने के बाद उसे किसी भी एंगल से देखो पिक्चर साफ़ ही दिखाई देती है जबकि LCD मॉनिटर को अगर आप सामने देखोगे तभी पिक्चर साफ़ दिखती है ।
OLED मॉनिटर LED मॉनिटर का ही अपग्रेडेड वर्सन है । OLED मॉनिटर का पूरा नाम है ऑर्गेनिक लाइट एमिटिंग डायोड । OLED मॉनिटर की कीमत अधिक होती है साधारण LED मॉनिटर की तुलना में क्योंकि OLED मॉनिटर हाई शार्प वाली पिक्चर और विडियो दिखाने में सक्षम होते हैं और अधिक रेसोलुशन वाली विडियो को भी दिखाने में ।
सके अलावा OLED मॉनिटर बिजली की खपत LED मॉनिटर की तुलना में और भी कम खाते हैं और हाई रिफ्रेश रेट के साथ आते हैं । लेकिन इसकी कीमत अधिक होने की वजह से कम ही लोग खरीदते हैं । इस मॉनिटर के सामने बैठने की बजाय अगर आप लेफ्ट या राईट बैठकर देखते हैं तो भी पिक्चर क्वालिटी आपको साफ ही दिखाई देगी यानी की धुंधली दिखाई नहीं देगी ।
QLED मॉनिटर अब तक क सबसे महंगे मॉनिटरों में से एक हैं क्योंकि ये मॉनिटर बाकी के सभी मॉनिटर से बिल्कुल अलग होते हैं । इसके अंदर भी सबसे पीछे की लाखों के हिसाब से छोटे-छोटे LED बल्ब लगे होते हैं जोकि सभी मिलकर एक पिक्चर बनाने का काम करते हैं । परन्तु QLED मॉनिटर हाई से हाई क्वालिटी वाली विडियो को दिखाने में, हाई रिफ्रेश रेट गेम्स को दिखाने में और कम से कम बिजली की खपत करते हैं । पॉवरफुल कंप्यूटर और पॉवरफुल लैपटॉप में ही इस तरह के मॉनिटर का उपयोग किया जाता है ।