Carbon ब्रश क्या है और मोटर में कार्बन ब्रश क्यों लगाते हैं । इसके बारे में हम आपको यहां बताएंगे विस्तार से । इसके अलावा कार्बन ब्रश के बारे में जितनी भी जानकारी है वो तो जान पाएंगे । आखिर motor me carbon brush kya hota hai और मोटर में कार्बन ब्रश क्यों लगाते हैं ।
Carbon ब्रश क्या है :
कार्बन ब्रश ऐसे ब्रश जो बना होता है कार्बन से ना कि किसी धातु है । कार्बन को छोटा सा आकार दिया जाता है जिसकी वजह से इसको कार्बन ब्रश कहा जाने लगा । मोटर में लगे हुए अधिकतर ब्रश कार्बन के बने होते हैं इसी कारण इस ब्रश को कार्बन ब्रश कहते हैं लेकिन बड़ी मोटरों में जो ब्रश लगे होते हैं वे ब्रश कार्बन और ग्रेफाइट का मिश्रण होते हैं ।
Motor में कार्बन ब्रश क्यों लगाते हैं :
तो चलिए जानते हैं आखिर मोटर में कार्बन ब्रश क्यों लगाते हैं । मोटर के प्रकार काफी सारे होते हैं जिसमें से दो प्रकार बने हैं मोटर की वाइंडिंग के आधार पर । जैसे कि ऐसी मोटर जिसकी वाइंडिंग स्टेटर पर की हुई होती है जबकि कुछ मोटरें ऐसी होती हैं जिसकी वाइंडिंग स्टेटर में ना करके सिर्फ रोटर में ही होती है । ऐसी मोटर जिसकी वाइंडिंग स्टेटर में कई गयी है उसको सीधा बिजली से जोड़कर रोटर को घुमाया जा सकता है जिससे किसी ब्रश की जरूरत नहीं होती ।
लेकिन जिस मोटर की वाइंडिंग उसके रोटर में की हुई होती है तो रोटर जो घूमने वाला पार्ट होता है वह घूमेगा तो वाइंडिंग भी घूमेगी जिससे अगर बिजली की तार को सीधा ही रोटर से जोड़ दिया जाए तो तार का कनेक्शन टूट जाएगा जब रोटर घूमेगा ।
तो ऐसे में अगर हम रोटर के सबसे ऊपर कम्यूटेटर से दो तांबे की तार टच करके बिजली दें तो रोटर घूमने तो लग जायेगा लेकिन तांबे की तार या कोई और मेटल की तार को कम्यूटेटर के साथ लगाने से मोटर का कम्यूटेटर अत्यधिकः घिस कर खराब हो जाता है ।
कम्यूटेटर घिसे ना ऐसे में कार्बन ब्रश को लगाया जाता है मोटर के अंदर जिसे रोटर के ऊपरी हिस्से कम्यूटेटर के साथ टच कर दिया जाता है जिससे कार्बन ब्रश के जरिये रोटर में लगी वाइंडिंग को करंट मिलता रहता है । रोटर चाहे जितनी मर्जी घूमे उसका कम्यूटेटर घिसेगा नहीं क्योंकि कार्बन ब्रश काफी ज्यादा सॉफ्ट होते हैं जो कम्यूटेटर से रगड़ खाने के बाद खुद ही घिस-घिस कर छोटे हो जाते हैं जिसे आसानी से कम से कम खर्चे में दुबारा से बदला भी जा सकता है लेकिन अगर कम्यूटेटर घिस कर खराब हो गया तो पूरा का पूरा रोटर बदलना पड़ सकता है जिससे खर्चा काफी ज्यादा आता है ।
हलांकि रोटर के ऊपर एक से अधिक वाइंडिंग होती है जो बारी-बारी कार्बन ब्रश से टच होकर करंट लेकर घूमती है । अगर कार्बन ब्रश की जगह पर तांबे की तार को रोटर के कम्यूटेटर से जोड़कर बिजली दें तो भी मोटर काम करने लग जायेगी लेकिन कुछ दिनों बाद रोटर का ऊपरी हिस्सा यानी कि कम्यूटेटर अत्यधिकः घिस जाएगा तार के साथ रगड़ खाने की वजह से जिससे बार-बार कम्यूटेटर या रोटर बदलने की नोबत आ जायेगी ।
कार्बन ब्रश का ही उपयोग क्यों किया जाता है :
तांबा, एल्युमीनियम, सिल्वर जैसे मेटल की तार का उपयोग भी किया जा सकता है मोटर के अंदर लगे रोटर को करंट देने के लिए लेकिन जब रोटर तेज़ गति से घूमने लगता है तब तार रोटर के कम्यूटेटर से रगड़ खानी शुरू कर देती है जिससे तार खुद तो घिसेगी ही साथ मे कम्यूटेटर भी अत्यधिकः घिसने के कारण खराब हो जाएगा । इसीलिए कार्बन ब्रश के जरिये मोटर के अंदर लगे रोटर को करंट दिया जाता है । कार्बन ब्रश ज्यादा सॉफ्ट होने से कम्यूटेटर को घिसाते नहीं और खुद घिस जाते हैं ताकि ज्यादा खर्चा ना हो ।
दूसरी तरफ कार्बन ब्रश जो 3500 डिग्री गर्मी सहन करने में सक्षम है जबकि अच्छी धातु जैसे कि तांबा जो 1050 डिग्री गर्मी सहन करने में ही सक्षम है । मोटर के अंदर रोटर के साथ किसी धातु के टच होने के बाद अत्यधिकः गर्म होने से वह धातु पिघल भी सकती है जबकि कार्बन ब्रश पिघलेगा नहीं ।
कार्बन ब्रश किसका बना होता है :
कार्बन ब्रश बना होता है कार्बन पदार्थ से ही लेकिन बड़ी मोटरों में इस्तेमाल किये जाने वाले कार्बन ब्रश तो दो पदार्थ से मिलाकर बनाये जाते हैं जैसे कि कार्बन और ग्रेफाइट । लेकिन छोटी से छोटी मोटर में तो कार्बन के ही ब्रश बनाये जाते हैं । कार्बन ब्रश ज्यादा सॉफ्ट होने से जल्दी घिस जाने से इसे बदलना भी पड़ता है जिसका खर्चा कम ही होता है । कार्बन ब्रश को तार के माध्यम से ही बिजली वाली तार से कनेक्ट किया जाता है ।
कार्बन ब्रश किस मोटर में लगाया जाता है :
कार्बन ब्रश सभी मोटरों में नहीं लगाए जाते बल्कि ऐसी मोटरों में लगाये जाते हैं जिस रोटर के ऊपर वाइंडिंग लगाई जाती है । क्योंकि रोटर के ऊपर वाइंडिंग होने से रोटर जब घूमता है तो साथ में वाइंडिंग भी घूमेगी जिससे तार का कनेक्शन टूटेगा तो इसी को रोकने के लिए ही ब्रश का उपयोग किया जाता है । जैसे कि DC मोटरों और AC स्लिप रिंग मोटरों में कार्बन ब्रश का उपयोग किया जाता है क्योंकि इनके अंदर लगे रोटर के ऊपर ही वाइंडिंग होती है ना कि स्टेटर के ऊपर । जबकि AC मोटर और BLDC मोटर ऐसी मोटर होती हैं जिनके रोटर ऊपर नहीं बल्कि स्टेटर ऊपर वाइंडिंग होती हैं जो फिक्स्ड होती है जिससे इनमें किसी भी प्रकार के ब्रश की जरूरत नहीं होती है ।
कार्बन ब्रश के फायदे :
- कार्बन ब्रश मोटर के अंदर लगे कम्यूटेटर को घिसाते नहीं जिससे रोटर का कम्यूटेटर सही रहता है ।
- कार्बन ब्रश अत्यधिकः तापमान को सहन कर सकते हैं जिससे ये कम्यूटेटर से रगड़ खाने के बाद पिघलते नहीं ।
- किसी और धातु की तुलना में जैसे कि तांबे के ब्रश की तुलना में कार्बन ब्रश काफी ज्यादा सॉफ्ट होते हैं ।
कार्बन ब्रश के नुकसान :
- कार्बन ब्रश रोटर से लगातार घिसने से इसका पाउडर आसपास बॉडी पर गिरता है जिससे इसकी बॉडी साफ करवानी पड़ती है जब नया कार्बन ब्रश डाला जाता है तब ।
- कार्बन ब्रश जिसको कई बार मोटर में डलवाना पड़ता है जब ये अत्यधिकः घिस जाते हैं तब क्योंकि अत्यधिकः घिसने से कार्बन ब्रश छोटे हो जाने से रोटर से टच न होने के कारण करंट वाइंडिंग को नहीं मिलता ।
- कार्बन ब्रश के घिसने से इसका पाउडर आसपास बॉडी में बिखर जाता है जिससे बॉडी अंदर से कार्बन की वजह से काली हो जाती है । जिसको साफ करवाने की जरूरत पड़ जाती है कुछ समय बाद ।