अगर आप ये जानने के लिए आये हैं कि eraser कैसे बनती है तो ये आर्टिकल आपको सब कुछ विस्तार से बताने वाला है । factory me eraser kaise banti hai इसके तरीके हम आपको बताने वाले हैं ताकि आपको नई जानकारी हासिल हो सके । हलांकि रबड़ और इरेज़र में अंतर नहीं होता है लेकिन इरेज़र को लोग दूसरे कामों के हिसाब स समझ बैठते हैं इसीलिए हम आपको eraser के हिसाब से जानकारी देंगे । तो चलिए जानते हैं eraser kaise banta hai ।
फैक्ट्री में eraser कैसे बनता है :
फैक्ट्री में इरेज़र बनने के तरीके मशीनों और इंसान की मदद से ही हो पाता है । इसको बनाने के लिए कई तरीके आजमाने पड़ते हैं जिसकी लिस्ट नीचे की तरफ है :
- प्राकृतिक रबड़ एकत्रित करना :
इरेज़र बनाने कस लिए सबसे पहले प्राकृतिक रबड़ एकत्रित की जाती है जो खुद से नहीं बनाई जाती बल्कि ये रबड़ अपने आप ही बनती है पेड़ पौधों से इसीलिए प्राकृतिक रबड़ कहते हैं । Hevea Brasiliensis नामक पेड़ से रबड़ सबसे पहले एकत्रित की जा जाती है । इस पेड़ की छाल में छोटा टेढ़ा से कट लगाया जाता है ताकि इस पेड़ की लकड़ी से दूध जैसा निकलने वाला पदार्थ बाहर निकल सके । इसी दूधिए पदार्थ को सभी पेड़ों से एकत्रित करने होता है लेकिन निकलता एक-एक बूंद करके ही जिससे काफी समय लग जाता है इसीलिए । सभी पेड़ों के साथ बर्तन टांग दिए जाते हैं ताकि दूधिया पदार्थ सीधा बर्तन में ही गिरे ।
- दूधिए पदार्थ को रबड़ में बदलना :
सभी पेड़ों से दूधिए पदार्थ के एकत्रित कर लेने के बाद इसे फैक्ट्री में ले जाया जाता है जहां लर इसे बड़े से बर्तन में डाल दिया जाता है । दूध से पनीर बनाने के लिए कुछ लोग नींबू का रस डालते हैं दूध के अंदर । ठीक वैसे ही इसी दूधिये पदार्थ में थोड़ा सा केमिकल डाला कर कुछ घण्टों के लिए ऐसा ही छोड़ दिया जाता है । जिसके बाद पानी और रबड़ अलग हो जाता है । रबड़ या eraser पानी के ऊपर तैरने लगती है जिसे निकाल लिया जाता है और फिर से मशीन या धूप की मदद से सूखा लिया जाता है । रबड़ को ही इरेज़र कहते हैं जैसे कि ब्रिटिश में इसे रबड़ और usa में इसे इरेज़र के नाम से जाना जाता है ।
- इरेज़र को सख्त बनाना :
Eraser को एकत्रित कर लेने के बाद इसके अंदर सल्फर केमिकल को मिलाया जाता है ताकि ये इरेज़र पेंसिल से लिखे हुए अक्षर को जल्दी से मिटा सके या आसानी से मिटा सके । इरेज़र को सख्त बनाना होता है क्योंकि ये eraser या रबड़ काफी ज्यादा नरम होती है । कठोर बनाने के लिए इसे बेलनाकार मशीन में से गुजारा जाता है जहां पर ये मशीनें इसे सख्त यानी कि कठोर बनाती हैं । अगर इरेज़र अलग-अलग रंग की बनानी है तो इसे कठोर करने से पहले इसके अंदर रंग डालकर कर मिक्स किया जाता है । अगर पहले से बचे हुए इरेज़र के टुकड़े हैं तो भी मशीन में डालकर मिक्स कर लिया जाता है बेलनाकार मशीन में । इरेज़र के कठोर बन जाने के बाद इसे गर्म और दाब देने वाली मशीन में डाला जाता है । जहां पर ये मशीन इरेज़र पर अत्यधिकः दाब देकर गर्म करती है जिससे रबड़ और भी ज्यादा कठोर होकर ज्यादा छोटी हो जाती है । इसके बाद इसे बाहर निकाल कर ठंडा होने के लिए पानी मे डाल दिया जाता है । अगर एक इरेज़र को दो रंगों में बदलना हो तो। तो अलग-अलग रंग की इरेज़र के टोटे को मशीन में लेफ्ट और राइट साइड रखकर मशीन की मदद से अत्यधिकः दाब देकर गर्म किया जाता है जिससे इरेज़र आपस मे जुड़ जाती है और जल्दी से टूटती नहीं ।
- इरेज़र को छोटे टुकड़ों में काटना :
इरेज़र जो अभी भी बड़ी शीट जैसी होती है जिसे किसी और मशीन में डाल दिया जाता है जहां ओर ये मशीन इसी इरेज़र की बड़ी शीट को छोटे-छोटे टुकड़ों में बदल देती है । इस मशीन का काम सिर्फ इरेज़र को छोटे टुकड़ों में करना होता है । अगर इरेज़र नुकीली बनी हुई है तो इसे दूसरी मशीन के अंदर इसकी नुकीली जगह को कम कर दिया जाता है जहां पर दूसरी मशीन जो इरेज़र को घुमाती हैं जिससे इरेज़र की साइड वाली नुकीली जगह कम हो जाती है ताकि इरेज़र जल्दी से ना टूटे ।
- ब्रांडिंग करना :
इरेज़र के छोटे-छोटे कई टुकड़ों के बन जाने के बाद ये इरेज़र दुसडी मशीन के पास अपने आप पट्टे की मदद से पहुंच जाती है जहां ओर ये मशीन इरेज़र के ऊपर कंपनी की ब्रांडिंग करती है जैसे कि कंपनी का नाम और लोगो छापना । फिर ये आगे चली जाती है ।
- पैकिंग करना :
मशीन खुद ब खुद तैयार होकर आगे के प्रोसेस में चली जाती हैं जहां ओर कंपनी का कर्मचारी होता है वह इन इरेज़रों को छोटी-छोटी डिब्बियों में पैक करता है । जबकि कुछ फैक्टरियों में इरेज़र पैक करने के लिए मशीनें होती हैं ।
Eraser किस से बनता है :
इरेज़र को सबसे पहले Hevea Brasiliensis नामक पेड़ से एकत्रित किया जाता है । इसके वाद इसे फैक्ट्री में ले जाकर कुछ केमिकल डालकर इरेज़र बनाया लिया जाता है । आकार बड़ा होने के कारण इसे छोटे-छोटे टुकड़ों में काट दिया जाता है । आप इतना जरूर याद रखना की इरेज़र और रबड़ दोनों के नाम अलग-अलग सुनने को मिलते हैं लेकिन दोनों एक ही चीज़ हैं जो हमें सबसे पहले पेड़ से प्राप्त होता है । ज्यादा विस्तार से जानने के लिए आप ऊपर वाला टॉपिक पढ़ें जैसे कि इरेज़र को एकत्रित करने ।
इरेज़र बनने के तरीके के बारे में मेरी राय :
इरेज़र बनने का तरीका आपको जरूर पसंद आया होगा । आपको कुछ बातों को जरूर से याद रखना होगा कि । इरेज़र और रबड़ दोनों एक ही चीज़ होती है जो सबसे पहले पेड़ से ही मिलती है । उसके बाद इसे फैक्ट्री में ले जाकर इसको इसमें कुछ समान डालकर इरेज़र बना लिया जाता है । हलांकि इरेज़र बनाने का प्रोसेस इतना ज्यादा लम्बा भी नहीं है कि आपको समझने में मुश्किल है । रबड़ कैसे बनता है इसके बारे में भी आपको आर्टिकल पढ़ लेना चाहिए आपको और भी कुछ जानने को मिल सकता है ।