काला नमक कैसे बनता है | काला नमक कहाँ से आता है

दोस्तों क्या आप जानते हैं काला नमक कैसे बनता है, अगर नहीं तो ये आर्टिकल आपके लिए ही है । कुछ लोग ये भी कहते हैं की काला नमक तो पाकिस्तान से आता है लेकिन दोस्तो ऐसा नहीं है । काला नमक पाकिस्तान से नहीं आता है और इसके रिलेटेड आपके मन में जितने भी सवाल हैं वो इस आर्टिकल में को रीड करने के बाद दूर होने वाले हैं ।

इस आर्टिकल में हम आपको बताने वाले हैं की काला नमक कैसे बनता है और आखिर काला नमक कहाँ से आता है हमें । साथ में ही इस आर्टिकल में हम आपके काला नमक के बारे में कुछ सवालों के जवाब भी देने वाले हैं ताकि ये आर्टिकल आपको काफी कुछ सिखाए । तो चलिए जानते हैं ये काला नमक कैसे बनता है

Black Salt-काला नमक कहाँ से आता है :

काले नमक जो पाकिस्तान या किसी और देश से मंगवाया नहीं जाता बल्कि खुद से ही भारत में ही बनाया जाता है और इसे बड़ी-बड़ी कंपनियां और मजदूर खुद से बना लेते हैं लेकिन इसके लिए खारे नमक यानी की सादे या सफेद नमक की जरूरत पड़ती है । इसीलिए आप दिमाग में ये बात निकाल दें की काला नमक पहाड़ी से खुदाई करके या किसी देश से नहीं बनाया जाता है । काला नमक कैसे बनता है उसके तरीके हमने नीचे की तरफ विस्तार से समझाया है ।

काला नमक कैसे बनता है
काला नमक कैसे बनता है

Black Salt-काला नमक कैसे बनता है :

काला नमक फैक्ट्रीयों और मजदूर खुद से बना लेते हैं । लेकिन हम वही तरीका बताने वाले हैं जो मजदूर लोग पिछले कई सालों पहले से करते आ रहे हैं, जबकि फैक्ट्री में तरीका काफी अलग नहीं होता है वो आपको इस आर्टिकल को पूरा रीड करने के बाद ही पता चल जाएगा । काला नमक कैसे बनता है इसके तरीके नीचे की तरफ कुछ इस प्रकार है :

  • सबसे पहले कोयले की लम्बी सी भट्टी बनानी :

काले नमक को बनाने के लिए सबसे पहले ऐसी भट्टी बनाई जाती है जिसके अंदर लक्कड़ों, पाथियों (गोबर के उपले), और कोयले को जलाया जा सके । ये भट्टी पहले से ही बनी होती है या बना ली जाती ही खुद से अपने हिसाब । कितनी मात्रा में नमक बनना है उसी के हिसाब से भट्टी बना ली जाती है जिसका अकार लम्बा काफी होता है । ये भट्टी कोई लोहे की नहीं बल्कि मिटटी की ही बनी होती है जिसे काफी मोटा बनाया जाता है और इसका चित्र आपको नीचे की तरफ देखने को मिल जाएगा ।

काला नमक कहाँ से आता है
काला नमक कहाँ से आता है
  • घड़ों को बनाना :

भट्टी तो पहले से ही बनी होती है लेकिन जितनी बार काले नमक को बनाना होता है उतनी ही बार घड़ों को बनाना होता है । ये घड़े केवल मिटटी के नहीं बनाये जाते बल्कि मिटटी और रेट को मिक्स करने के बाद ही इन घड़ों को बनाया जाता है । घड़ों को धुप को पहले से ही काफी ज्यादा मात्रा में बना लिया जाता है जिसे बड़े से कमरे में एडवांस में जमा करके रख लिया जाता है ।

  • घड़ों को भट्टी में डालना :

अभी एक-एक करके सभी घड़ों को भट्टी के अंदर डाला जाता है लेकिन इससे पहले लक्कड़ों को नीचे की तरफ बिछा लिया जाता है और उसके बाद ही घड़ों के इनके ऊपर रखा जाता है । घड़ों के भट्टी के ऊपर रखे जाने के बाद इसके आसपास की खाली जगह को गोबर के उपलों और कोयले से भर दिया जाता है । अभी बहती पूरी तरीके से तैयार हो चूका है ।

  • खारे नमक और पाउडर को घड़ों में भरना :

अभी इसके बाद सादे नमक यानी कि सफेद नमक जो रोड़े जितने अकार के होते हैं उन्हें इन घड़ों में भर दिया जाता है । बिलकुल पिसे हुए नमक डालने की जरूरत नहीं पड़ती इसीलिए नमक के डले का ही इस्तेमाल कर लिया जाता है जिसकी कीमत काफी कम होती है इसीलिए ।

लेकिन केवल नमक से काम नहीं चलता है, यानी की इसके अंदर थोड़ा सा स्पेशल पाउडर भी डाला जाता है जो अलग-अलग चीजों से बनता है जैसे की बाबुल की छाल, छोटी हरड़, बड़ी हरड़ इत्यादि को पिस कर इसके अंदर दाल दिया जाता है । बड़ी-बड़ी कंपनियों काले नमक को बेहतर बनाने के लिए इसके अंदर बदाम के छिलकों और कई पदार्थो का भी इस्तेमाल कर लेती हैं । पाउडर और खारे नमक को घड़ों में भरकर इसे ऊपर से ढक्कन की मदद से बंद कर दिया जाता है ।

  • घड़ों को ढकना :

अभी घड़ें के अंदर मिश्रण का डाले जाने के बाद इन्हीं घड़ों के आसपास कोयले डालकर इन्हीं घड़ों को ऊपर तक भर दिया जाता है ताकि घड़े चारों तरफ से अत्यधिक गर्म हो सके । नीचे तो गर्म होंगे ही साथ में अगर कोयले को ऊपर भी डाला जाए तो घड़ा ऊपर से भी गर्म होगा जिससे काला नमक अच्छी तरह से बनता है ।

  • कोयले एवं उपलों को जलाना :

सभी कोयले, लकड़ों इत्यादि को आग लगाकर छोड़ दिया जाता है जिसमें से नमक का मिश्रण तकरीबन 12 घंटो तक अय्धिक गर्म होता रहता है और काफी देर तक गर्म होने से ये मिश्रण यानी की ये नमक इतना ज्यादा गर्म हो जाता है की ये लावा की तरफ दिखने लगता है यानी की ये नमक लिक्विड के रूप में दिखाई देता है अगर इसे ऊपर से खोलकर देखा जाए तो । कुछ घंटो तक ये घड़े तपते रहते हैं ।

  • घड़ों को भट्टी से बाहर निकालना :

अभी अगले दिन तक ये घड़े ठंडे हो जाते हैं यानि की इनका तापमान अब नार्मल हो जाता है जिसे बारी बारी करके सभी भट्टी से बाहर निकाल लिया जाता है । बाहर निकालने के बाद इसे साफ जगह पर लेकर इन्हीं घड़ों के ऊपरी हिस्से को तोड़ा जाता है क्योंकि काला नमक अंदर से जमा हुआ होता है इसीलिए । घड़ों को तोड़ने के बाद इनके अंदर से फूटबाल आकार का काला नमक बाहर निकलता है । इन्हीं काले नमक के बड़े डले को निकलकर तोड़कर छोटे-छोटे हिस्से कर लिए जाते हैं ।

  • काले नमक को पैक करना :

अभी इस तैयार हुए काले नमक को के छोटे-छोटे हिस्से करके पैकेट में पैक कर दिए जाते हैं या बोरियों में भरकर मार्किट में बेच दिया जाता है । इसी नमक को भी पीसकर पैकेट में भर लिया जाता है । काले नमक के छोटे-छोटे हिस्से और पिसा हुआ नमक दोनों मार्किट में बिकते हैं और दोनों ही मार्किट में बेचे जाते हैं ।

फैक्ट्री में काला नमक कैसे बनता है :

काला नमक कैसे बनता है इसके बारे में तो हमने आपको ऊपर बता दिया है और काला नमक कहाँ से आता है इसके बारे में भी । लेकिन फैक्ट्री में काले नमक का तरीका ऊपर दिए गए तरीकों की तुलना में आसान होता है क्योंकि फैक्ट्री में काले नमक को बनाने के लिए मशीनों का सहारा ही सबसे अधिक लिया जाता है । फैक्ट्री में काला नमक कैसे बनता है उसके तरीके नीचे की तरफ इस प्रकार है :

  • स्पेशल पाउडर को बनाना :

सबसे पहले काले नमक को बनाने के लिए स्पेशल पाउडर को बना लिया जाता है और ये पाउडर बनता है बाबुल की छाल, छोटी हरड़, बड़ी हरड़, बादाम के छिलके और भी जरूरी चीजों को पिस कर । जिसमें से कुछ चीजों के बारे म कंपनियां बात नहीं करती और ना ही किसी को बताती हैं ।

  • खारे नमक और पाउडर को मिक्स कर मशीन में डालना :

अभी तैयार हुए पाउडर को खारे नमक के साथ मिक्सिंग मशीन में डाला जाता है जहाँ पर ये मशीन में इसी मिश्रण को आपस में अच्छी तरह से मिक्स करने का काम करती है । इसके बाद ये मिश्रण अब दूसरी मशीन में गर्म होने के लिए चला जाता है । नमक खरीदा जाता है दूसरी कंपनी से लेकिन इसकी सबसे पहले चेकिंग की जाती है जैसे की नमक की और पाउडर की ।

  • मिश्रण को गर्म करना :

अभी मिक्स हुए मिश्रण को मशीन में मदद से अत्यधिक गर्म किया जाता है जिसे लावा जैसे लिक्विड बना दिया जाता है यानी की लावा जैसा दीखता ये मिश्रण जब इसे अत्यधिक गर्म किया जाता है मशीन में । मशीन में अत्यधिक गर्म हो जाने के बाद अब इसे दूसरी मशीन की मदद से इसके तापमान को नार्मल किया जाता है ताकि इसे बहर निकालकर इसके छोटे-छोटे टुकड़े किए जाते हैं ।

  • काले नमक को पैक करना :

काले नमक जिसे मशीन में डाला जाता है जहाँ पर मशीन में इसी काले नमक के छोटे-छोटे टुकड़े करती है मशीन । बाकी के बचे हुए काले नमक के बुरे या टुकड़ों को पिस कर अलग से पैकेट में कर दिया जाता है । ये सब काम मशीन अपने आप ही करती है ।

क्या काला नमक पहाड़ी से मिलता है :

नहीं दोस्तो, काला नमक किसी पहाड़ी या दुसरे देश से नहीं मंगवाया जाता बल्कि इसे खुद से ही बनाया जाता है ।

क्या काला नमक समुन्द्र में बनता है :

काला नमक समुन्द्र से नहीं बनता लेकिन शुरुआत वहीं से होती है । जैसे की सबसे पहले साधारण नमक जो समुन्द्र से ही प्राप्त कर लिया जाता है, फिर स्पेशल पाउडर बना लिया जाता है । दोनों को मिक्स कर, अत्यधिक गर्म करने के बाद तैयार हुए मिश्रण काला नमक बन जाता है ।

काला नमक कैसे बनता है-के बारे में मेरी राय :

इस आर्टिकल में हमने आपको विस्तार से बताया है की “काला नमक कैसे बनता है‘ और ये “काला नमक कहाँ से आता है” । काला नमक को मजदूर और कंपनियां दोनों ही बनाती हैं यानी की कहीं से मंगवाया नहीं जाता । मुझे विश्वास है की इस आर्टिकल को पूरा पढ़ लेने के बाद आपके “काला नमक कैसे बनता है” काफी सारे डाउट क्लियर हो गये होंगे ।

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