अगर आपका है सवाल नालंदा विश्वविद्यालय कहाँ स्थित है, तो ये आर्टिकल आपके लिए है एकदम परफेक्ट । इस साईट के अंदर इस आर्टिकल में मैं विस्तारपूर्वक तरीके से फुल एड्रेस देने वाला हूँ जिससे आपको ये पता चलेगा नालंदा विश्वविद्यालय के लोकेशन के बारे में और साथ ही इससे जुडी कुछ जानकारियां भी । चाहें तो आप नालंदा विश्वविद्यालय की असल लोकेशन पर जा भी सकते हैं और इसके लिए गूगल मैप का भी सहारा लिया जा सकता है क्योंकि गूगल माप लाइव लोकेशन बनता और दिखता रहता है ।
नालंदा विश्वविद्यालय कहाँ स्थित है
नालंदा विश्वविद्यालय स्थित है छबीला रोड पर । ये छबीला रोड पड़ता है राजगीर इलाके में और ये राजगीर पड़ता है बिहार में । यानी बिहार स्टेट में राजगीर इलाके में छबीला रोड पर स्थित है नालंदा विश्वविद्यालय । अगर आप नालंदा विश्वविद्यालय की लोकेशन चाहते हैं तो ऐसे में हमने नीचे लिंक दे रखा है जिस पर क्लिक करने के बाद आप पूरा का पूरा माप देख सकते हैं जो नालंदा विश्वविद्यालय की जगह का है ।
पटना बिहार की राजधानी है और पटना से तकरीबन 90 किलोमीटर दुरी पर ही नालंदा विश्वविद्यालय स्थित है । नालंदा विश्वविद्यालय जिस स्टेट में पड़ता है उस स्टेट का पिनकोड 803116 है जोकि बिहार का है । ऑनलाइन गूगल मैप पर यूजर ने तो इस नालंदा विश्वविद्यालय के बारे में तो अच्छे ही रिव्यु दिये हैं जैसे कि किसी यूजर ने नालंदा विश्वविद्यालय में जाने को कहा है लोगों को क्योंकि यह उनकी नजरों में अच्छी जगह है ।
इसी के साथ यहाँ पर वातावरण भी काफी अच्छा है यूजर के मुताबिक । हलांकि इस बात की फुल जानकारी तो आप इन्टरनेट पर नालंदा विश्वविद्यालय की अलग-अलग फोटो और यूटयूब पर इसकी विडियो देखने के बाद ही हासिल कर सकते हैं ।
नालंदा विश्वविद्यालय क्यों प्रसिद्ध है
लोग नालंदा विश्वविद्यालय के बारे में जानना चाहते हैं क्योंकि ये पिछले समय में काफी प्रसिद्ध था और आज भी है । इसका कारण ये है कि इस नालंदा विश्वविद्यालय में कई साल पहले पुस्तकों का भंडार लगा होता था । जानकारी के मुताबिक इस नालंदा विश्वविद्यालय में 9 मिलियन या 90 लाख पुस्तकें हुआ करती थीं । किन्तु यहाँ पर इन सभी पुस्तकों को किसी इन्सान ने नष्ट कर दिया और उस इन्सान का नाम है मोहम्मद बिन भक्तियार खिलजी । इसका पूरा नाम इख्तियारुद्दीन मुहम्मद बिन बख्तियार खिलजी है जोकि हमलावर था और इसने ही नालंदा विश्वविद्यालय में संग्रहित 90 लाख पुस्तकों को नष्ट कर दिया था और ये बात आज से कई सालों पहले की है ।
पुराने रिकॉर्ड के मुतबिक इख्तियारुद्दीन मुहम्मद बिन बख्तियार खिलजी सनकी था जिसने इसने केवल पुस्तकें ही नहीं बल्कि बुद्धिमान छात्रों को भी मार दिया था । पुराने रिकॉर्ड के मुताबिक ये घटना बताई जा रही है साल 1199 की जब इख्तियारुद्दीन मुहम्मद बिन बख्तियार खिलजी ने 9 मिलियन पुस्तकों को जला दिया और कुछ छात्रों को मार दिया था । आज के समय में तो बिहार में अनपढ़ता दर काफी ज्यादा है जबकि इससे कई सालों पहले तो यहाँ पर कहीं ना कहीं अधिकतर लोग बुद्धिमान हुआ करते थे पुस्तकों के भंडार की वजह से ।
नालंदा विश्वविद्यालय से पहले नालंदा महाविहार स्थित हुआ करता था जिसकी स्थापना कुमारगुप्त ने की थी । किन्तु नालंदा विश्वविद्यालय की स्थापना साल 1951 में शिक्षा मंत्री मौलाना अबुल कलाम आज़ाद के कहने पर की थी डॉ. राजेंद्र प्रसाद द्वारा । आज के समय में नालंदा विश्वविद्यालय एक पर्यटन स्थल बन चुका है क्योंकि इसकी हिस्ट्री किताबों में दर्ज है । नालंदा विश्वविद्यालय और नालंदा महाविहार को लेकर ही हिस्ट्री किताबों में दर्ज है जिसे आज के समय में कहीं ना कहीं स्कूलों में अधिक टीचर की तरफ से पढ़वाया जा सकता हो ।
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