इस “रात को नींद में कभी-कभी ऐसा क्यों लगता है कि किसी ने आपको जकड़ लिया है” सवाल को इन्टरनेट पर भले ही कम मात्रा में ही सर्च किया जा रहा हो, किन्तु उससे ज्यादा लोगों के साथ इस तरह के हादसे देखने को मिल जाते हैं । इस तरह के जकड़ने के कारण सपने के दौरान ही होते हैं जो सभी के साथ नहीं बल्कि कुछ ही लोगों के साथ देखने को मिलता है, तो चलिए जानते हैं ।
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रात को नींद में कभी-कभी ऐसा क्यों लगता है कि किसी ने आपको जकड़ लिया है
इन्सान के सोने के बाद जब वह नींद के अवस्था में चला जाता है तब उसके बाद उसे सपना आने लगता है । किन्तु सपने व्यक्ति को जरूरी नहीं यही कि जो आप तलाशने आए हैं । किन्तु जिस इन्सान को इस तरह का सपना आता है वह इन्सान सपने में ही ये महसूस करने लगता है कि उसका शरीर किसी ने जकड़ा है, किन्तु ऐसा सच में होता नहीं । जानकारी के लिए आपको बता दूँ कि हमारे शरीर का जकड़ना कोई बड़ी समस्या नहीं अगर ये कभी कभार हो तो क्योंकि ऐसा होना आम बात हो सकती है ।
इस तरह के हादसे सबके साथ नहीं बल्कि कुछ ही लोगों को वो भी कभार देखने को मिलते हैं जिसमें से मैं भी हूँ । मुझे इस तरह के सपने मुश्किल से साल में एक ही बार देखने को मिला था । इस सपने में मैंने क्या कुछ महसूस किया था वो अब मैं आपको बताने वाला हूँ ।
मैंने क्या महसूस किया था इस सपने में
जब मैं नींद में था तब मुझे ऐसा लगा था कि मेरा शरीर जकड़ा हुआ है जबकि शरीर किसी की तरफ से जकड़ा हुआ होता नहीं है । शरीर मेरा केवल जकड़ा हुआ ही महसूस हो रहा था । मैं शरीर को हिलाने की कोशिश कर रहा था किन्तु शरीर हिला नहीं पा रहा था क्योंकि मेरा शरीर जकड़ा हुआ महसूस कर रहा था । शरीर के जकड़ने का यह समय कुछ समय तक चलता रहता है नींद अवस्था में ।
जब सपना हट जाता है तभी मैं ऐसा महसूस कर रहा था कि मेरा शरीर अब खुल चुका है । नींद के खुल जाने के बाद हमारे आसपास नहीं होता कोई और ना ही होती है कोई आत्मा जो हमारे शरीर को जकड़ रही हो । इस तरह का ही हादसा शायद आपके साथ हो रहा होगा । किन्तु इस तरह के सपने से डरने की जरूरत नहीं बल्कि ये आम बात है ।
इस तरह के सपने मुझे पहले आते थे जब मैं बच्चा था और हो सकता है बच्चों को ही इस तरह के सपने आते हैं । अब के समय में मैं बड़ा हो गया हूँ और इस तरह के सपने मुझे नहीं आते जिससे कि मैं अपना शरीर जकड़ा हुआ महसूस करूं । इसी को स्लीप पैरालिसिस कहा जा रहा है इन्टरनेट पर दी गई जानकारी के मुताबिक ।
ऐसा क्यों होता है
इसका कारण ये है कि इन्सान का शरीर सोया हुआ होता है किन्तु दिमाग का कुछ हिस्सा जगा हुआ होता है । जब दिमाग जगा हुआ होता है तो उसकी मदद से ही इन्सान अपने शरीर को कण्ट्रोल में करके कुछ करने की कोशिश करता है जो हो नहीं पाता । उदहरण के तौर अगर आपको बताऊं तो जैसे कि दिमाग से ये सोचा कि हाथ हिलाना है ।
अब हाथ हिलाने के लिए दिमाग ने तो सोच लिया और दिमाग अब आगे काम भी करने लग गया यानि उसने अब आपके हाथ को हिलाने के लिए काम करने के लिए लग गया । किन्तु हाथ हिलता नहीं क्योंकि हमारा पूरा शरीर सोया हुआ होता है जबकि केवल दिमाग का कुछ हिस्सा ही जगा हुआ था जिसका इस्तेमाल हम नींद में कर रहे थे ।
शरीर के जकड़ने का कारण हम यही मान सकते हैं कि हमारी शरीर की मांसपेशियां भी सोयी हुई हैं यानी सक्रिय नहीं है । नींद के खुल जाने के बाद दिमाग का कण्ट्रोल पूरी तरह से पुरे शरीर पर आ जाता है जिससे सब कुछ नार्मल हो जाता है । मुझे विश्वास है कि आपको आपके इस “रात को नींद में कभी-कभी ऐसा क्यों लगता है कि किसी ने आपको जकड़ लिया है” सवाल के जवाब को समझने में आसानी हुई होगी जिसे हमने आसान शब्दों में समझाने की कोशिश की है इस वेबसाइट में लेख के माध्यम से ।
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