कोई ना कोई वायरस हैकर लोग बनाते रहते हैं जो खतरनाक ही होते हैं । अब हैकरों ने नया वायरस बना दिया है जो Daam Virus के नाम से जाना जाता है । इस दाम वायरस ने हाल ही में कुछ दिनों से इन्टरनेट पर तहलका सा मचाना शुरू कर दिया है क्योंकि यह हम सब के लिए काफी खतरनाक साबित होगा अगर दाम वायरस हमारे डिवाइस में एक बार घुस गया तो ।
Daam Virus की वजह से पैदा हुए हालातों और होने वाले नुकसान को लेकर जितनी भी रिपोर्ट निकल कर आई है उसके बारे में हम इस लेख में जानकारी देने वाले हैं । जितनी भी जानकारी हम इस लेख में दाम वायरस को लेकर आपको बताएँगे वह जानकारी सही होगी और यह जानकारी सुरक्षा एजेंसियों ने जाँच पड़ताल करके ही आम जनता के सामने रखी है । मुझे विश्वास है कि इस ब्लॉग के इस लेख को पूरा पढ़ से लेने से आप Daam Virus के बारे में काफी कुछ जान जाएँगे जैसे कि Daam Virus kya hai, Daam Virus kaise kaam karta hai, Daam Virus kya karta hai और Daam Virus se kaise bache ।
Daam Virus क्या है
Daam जोकि वायरस का नया प्रकार है जो नाम से इन्टरनेट पर फ़ैल रहा है, जिसका काम करने का तरीका अन्य वायरस की तुलना में थोड़ा सा अलग है । हलांकि इस Daam Virus के काम करने का तरीका अन्य वायरस की तुलना में सबसे अलग भी नहीं है क्योंकि अधिकतर वायरस का काम होता है डिवाइस में मौजूद डाटा को लॉक करना या फिर बैंक की डिटेल्स चुराकर बैंक अकाउंट से पैसे निकाल लेना । यही काम मुख्य रूप से अधिकतर वायरस में देखने को मिलते हैं ।
दाम वायरस की जहाँ तक बात आती है तो यह वायरस बैंक अकाउंट को खाली करे, इस बात की अभी कोई जानकारी निकल कर तो नहीं आई है । किन्तु यह बैंक अकाउंट से डिटेल्स जरुर से चुरा लेता है और इसका कारण है डिवाइस का कण्ट्रोल पा लेना । बताया जाता है कि Daam Virus जोकि एक बार स्मार्टफोन में घुस जाने के बाद डिवाइस का कण्ट्रोल खुद से ही पाने लगता है इसके बाद वह अपना काम करना शुरू करने लग जाता है ।
Daam Virus कहाँ से आता है
Daam Virus गूगल प्लेस्टोर से तो नहीं आता है बल्कि यह अन्य तरीकों से ही आता है जैसे कि मेसेज के जरिये लिंक के रूप में, ब्राउज़िंग करते समय किसी unsafe वेबसाइट चलाते समय और apk डाउनलोड करने से । Daam Virus की जहाँ तक बात आती है तो यह अधिकतर apk डाउनलोड करने की वजह से ही आ सकता है । जब किसी ऐप को चलाने के लिए पैसे देने पड़ते हैं तब लोग apk डाउनलोड करने के लिए ब्राउज़र में चले जाते हैं । इसके बाद किसी भी वेबसाइट से जाकर apk डाउनलोड करने लग जाते हैं और उसी में Daam Virus हो सकता है ।
हैकरों को इस बात का पता होता है कि अधिकतर लोग apk डाउनलोड करने के लिए वेबसाइट में लोग जरुर आएँगे और इसी कारण से वह नकली वेबसाइट बनाकर उसमें दाम वायरस नाम की apk छोड़ देते हैं जिसका नाम कुछ और ही होता है । इससे लोग अपनी काम की apk डाउनलोड करने के चक्कर में अनजाने में इस Daam Virus को डाउनलोड करके जैसे ही इनस्टॉल कर लेते हैं तो Daam Virus डिवाइस में अपना काम करना शुरू कर देता है ।
वहीँ यह दाम वायरस किसी लिंक के माध्यम से भी आपके डिवाइस में आ सकता है । जैसे कि whatsapp, मेसेज के जरिये, मेल id की मदद से दाम वायरस का एक लिंक आ सकता है, जिस पर अगर आपने क्लिक कर दिया तो आपके डिवाइस में Daam Virus डाउनलोड हो जाएगा अपने आप ही । इस Daam Virus का डिवाइस में इनस्टॉल हो जाने के बाद यह अपने आप काम करने लग जाता है जिसका पता हमको नहीं होता है ।
तो कुल मिलकर दाम वायरस तभी आएगा अगर आपने किसी अनजान लिंक पर क्लिक कर दिया है और यह लिंक वही होगा जो बिना किसी वजह से आप तक पहुंचा हो जैसे कि मेसेज के जरिये, whatsapp के जरिये आदि । हलांकि सुरक्षित वेबसाइट को चलाना तो आपके लिए सही ही है क्योंकि वहां पर Daam Virus नहीं होगा ।
Daam Virus कैसे काम करता है
Daam Virus जब किसी ना किसी तरीके से आपके डिवाइस में इनस्टॉल हो जाए तो यह बिना आपको कुछ महसूस करवाए काम करने लग जाता है । दाम वायरस सबसे पहले डिवाइस की सिक्यूरिटी की बाईपास कर देता है ताकि स्मार्टफोन वायरस को काम करने से रोके ना । स्मार्टफोन की सिक्यूरिटी के बाईपास होने की वजह से दाम वायरस अपना काम बिना किसी रुकावट के करने लग जाता है । स्मार्टफोन की सिक्यूरिटी के बाईपास हो जाने के बाद Daam Virus धीरे-धीरे करके स्मार्टफोन का सारा डाटा हैकर के सर्वर में भेजने लगता है ।
हैकर के सर्वर में डिवाइस का सारा डाटा चले जाने के बाद Daam Virus डिवाइस में मौजूद सारा डाटा कर देता है डिलीट । इसके बाद छोटा सी फाइल .txt के रूप में छोड़ देता है जो पॉप अप होकर यानी सामने से उभर कर हमारे सामने आती है । इस मेसेज में लिखा यही होता है कि डिवाइस का सारा डाटा अगर आपको वापिस चाहिए तो बदले में पैसा उन्हें दो । हैकर को पैसे देने के बाद ही हैकर हमारा डाटा हमें वापिस देगा जो उसके पास उसके सर्वर पर जमा हुआ पड़ा है ।
अगर हम हैकर को पैसे नहीं देते तो इससे हैकर हमारे इसी डाटा का गलत उपयोग करेगा जैसे कि किसी कंपनियों का हमारा डाटा बेचकर पैसे कमा लेना । हलांकि इन हालातों में सुरक्षा एजेंसियां इन हैकरों को पैसे देने के लिए नहीं कहती हैं क्योंकि हैकरों पर भरोसा नहीं होता है कि उन्हें पैसे देने के बाद भी वह हमारा डाटा वापिस लौटाएगा कि नहीं ।
Daam Virus क्या करता है
Daam Virus मुख्य रूप से डिवाइस में मौजूद डाटा को हैकर एक सर्वर तक पहुँचाने के बाद उसी डाटा को डिवाइस में डिलीट कर देता है । यही दाम वायरस का मुख्य काम है । जबकि यह Daam Virus डिवाइस के पासवर्ड को बदल सकता है उसे देख सकते है और डिवाइस में हो रही एक्टिविटीज पर नजर भी रख सकता है क्योंकि हैकर जब वायरस बनाता है तो वह वायरस इस तरह से होता है कि वह वायरस पुरे डिवाइस को ही कण्ट्रोल करे ।
इसीलिए दाम वायरस पुरे डिवाइस को कण्ट्रोल करने में सक्षम है, जिसमें से वह डाटा को चुराने का ही काम करता है । डाटा चुराने के बाद हैकर आपसे पैसे की मांग करेगा अगर आप डाटा वापिस पाना चाहते हैं तो ।
Daam Virus से कौन से डिवाइस हैं सुरक्षित
एप्पल कंपनी की तरफ से आने वाले iPhone ही सुरक्षित है । क्योंकि Daam Virus apk के रूप में डिवाइस में घुसता है जबकि iPhone में apk डाउनलोड होती ही नहीं है । इसी करना से एप्पल कंपनी के iPhone फ़िलहाल के लिए सुरक्षित है । इसके अलावा iPhone के app स्टोर में अगर दाम वायरस किसी app के रूप में पड़ा हुआ है और उसे अगर आपने गलती से इनस्टॉल कर लिया, तो इसे iPhone पर भी अटैक हो सकता है । किन्तु iPhone में मौजूद app स्टोर पर Daam Virus मौजूद नहीं है क्योंकि वहां पर सभी एप्लीकेशन सुरक्षित ही होती हैं ।
जैसे कि आपको हमने बताया है कि दाम वायरस जोकि apk के रूप में आपके डिवाइस में आ सकता है, जबकि एंड्राइड में apk डाउनलोड हो जाती है । इसीलिए एंड्राइड डिवाइस पर ही इस दाम वायरस का अटैक हो रहा है । जानकारी के लिए आपको बता दूँ कि अगर आप गूगल प्लेस्टोर से ही app डाउनलोड करते हैं तो आप सुरक्षित हैं क्योंकि वहां पर Daam Virus app के रूप में नहीं घुस सकता ।
Daam Virus से कैसे बचें
Daam Virus से बचने का एकमात्र तरीका यही है कि आप लोग apk डाउनलोड नहीं करोगे । Apk या app डाउनलोड आप नहीं करोगे किसी ब्राउज़र के माध्यम से । App डाउनलोड ही करनी है तो आप गूगल प्लेस्टोर या फिर app स्टोर का ही सहारा लेंगे क्योंकि इन्हीं दोनों प्लेटफार्म पर सुरक्षित app मौजूद हैं ।
इसके अलावा अगर आपको किसी मेसेज, मेल id, whatsapp या किसी अन्य तरीकों से कोई भी लिंक आता है तो उस लिंक पर आपको क्लिक बिल्कुल भी नहीं करना है । क्योंकि उसी लिंक पर क्लिक करते ही दाम वायरस अपने आप डाउनलोड हो जाने के बाद अपने आप ही डिवाइस में काम करने लग जाएगा, जिसका पता आपको नहीं चलेगा । कई बार whatsapp में कोई लिंक आ जाता है जिसे खोलने की अगर जरूरत पड़ती है तो पहले ये जाँच कर लें कि वह लिंक वही है जो आपके लिए आया है ।
उदाहरण के तौर पर जैसे कि अगर किसी ने आपको यूटयूब विडियो का लिंक भेजा तो उस लिंक के शुरुआत में youtube.com या फिर youtube.in लिखा होगा । तो ये लिंक सेफ है क्योंकि यूटयूब हम लोग चलाते हैं । अगर youtube के पीछे .com या in के अलावा कुछ और ही लिखा हुआ है तो आप समझ लेना कि उसमें वायरस ही है । क्योंकि हैकर हमें नजरों का धोखा देने के लिए जान बुझकर पोपुलर प्लेटफार्म का नकली URL बनाकर आपतक पहुँचाने लगते हैं ताकि लोग पोपुलर प्लेटफार्म को चलाने के चक्कर में लिंक पर क्लिक करे ।
आप उन्हीं वेबसाइट पर जाएँगे जिस वेबसाइट का URL शुरू होता है https से । URL अगर http से ही शुरू हो रहा है तो उन वेबसाइट पर आप जाने से बचें क्योंकि ऐसी वेबसाइट पर ही इस दाम वायरस होने की आशंका सबसे ज्यादा होगी । जबकि अन्य अनजान वेबसाइट पर Daam Virus के होने की आशंका बेहद कम होती है ।