गुजरात के अहमदाबाद में स्थित नरेंद्र मोदी स्टेडियम बैटिंग पिच है या बॉलिंग, इसकी जानकारी क्रिकेट के फैन्स पाना चाहते हैं । क्योंकि अलग-अलग स्टेडियम की पिच में अंतर होता है जैसे कि कुछ पिच में डाली जाने वाली गेंद का उछाल कम-ज्यादा होना, कुछ पिच में ज्यादा रन ना बनना इत्यादि ।
नरेंद्र मोदी स्टेडियम बैटिंग पिच है या बॉलिंग, इस बात की जानकारी दर्शक तभी जानने में लगे हुए होते हैं जब इस स्टेडियम में भारत का मैच किसी दुसरे देश के साथ होना हो । जानकारी मिलने के बाद दर्शकों को अहसास हो जाता है कि भारतीय क्रिकेट टीम गेंदबाज और बैटिंग के हिसाब से क्या वे ज्यादा रन बना पाएँगे या नहीं ।
नरेंद्र मोदी स्टेडियम बैटिंग पिच है या बॉलिंग – विस्तार के साथ
नरेंद्र मोदी स्टेडियम की पिच बैटिंग और बॉलर्स दोनों के लिए एक समान है यानी अब इसमें केवल बैट्समैन या फिर केवल बॉलर्स को ही फायदा नहीं होगा, बल्कि उनके खेलने पर ही निर्भर करेगा । नरेंद्र मोदी स्टेडियम की पिच में गेंद का उछाल ज्यादा होने की वजह से फायदा बैट्समैन को और स्पिनर्स दोनों को मिलने वाला है ना कि किसी एक को । क्योंकि बैट्समैन के लिए ज्यादा रन बनाने के मौके मिलेंगे जबकि गेंदबाज के लिए कैच करवाने के मौके मिलेंगे ।
बैट्समैन के लिए ज्यादा रन बनाने का मौका इसीलिए मिलेगा क्योंकि जब बॉलर गेंद डालेगा तब उस गेंद का उछाल ज्यादा होगा जमीन पर टकराने की वजह से । गेंद का उछाल ज्यादा होने की वजह से बैट्समैन के लिए ऊँचे शॉट्स मारना आसान होता है जिससे छक्के-चौके शामिल है । इसी कारण से बैट्समैन के लिए इस नरेंद्र मोदी स्टेडियम में ज्यादा रन बनाना आसान हो जाता है ।
बॉलर्स के लिए भी यह नरेंद्र मोदी स्टेडियम की पिच बेस्ट है लेकिन स्पिनर्स के लिए सबसे ज्यादा । इसका कारण ये है कि स्पिनर की तरफ से डाली जाने वाली गेंद पर बैट्समैन के लिए शॉट्स मारना काफी मुश्किल होता है । क्योंकि स्पिनर की तरफ से डाली जाने वाली गेंद जमीन पर टकराने की वजह से घुमती हुई ज्यादा उछ्लेगी, जिसकी वजह से बैट्समैन के बैट पर गेंद पर सही से लगने की सम्भावना सबसे ज्यादा होती है । बैट पर गेंद साइड पर ज्यादातर लगने की सम्दभावना ज्यादा होने की वजह से शॉट्स नहीं लगते बल्कि कैच होने का डर काफी बना रहता है, जिससे खिलाडी आउट होगा ।
इसी कारण से बैट्समैन काफी ध्यान से स्पिनर की तरफ से डाली गई गेंद पर खेलते हैं ताकि गलती से गेंद बट्स के साइड पर टच होकर कैच ना चला जाए । ऐसा होने का मुख्य कारण बनता है गेंद का जमीन पर टकराने के बाद ज्यादा उछाल आना क्योंकि उस गेंद पर शॉट्स मारना मुश्किल होता ।
नरेंद्र मोदी स्टेडियम की पिच में अगर स्पिनर की बजाय अन्य खिलाडी गेंद डाले तो बैट्समैन के लिए स्कोर बनाना आसान होता है । जबकि सामने वाली टीम के हारने की आशंका बढ़ जाती है क्योंकि बैट्समैन शॉट्स मारते हैं और इसका मुख्य कारण है गेंद का उछल ज्यादा होना । सामने वाली टीम में अगर अच्छे स्पिनर हैं तो ऐसे में वे अच्छे तरीके से बोलिंग कर कैच करवा सकते हैं क्योंकि ज्यादा उछाल वाली गेंदे बैट्समैन के लिए छेड़ना सही नहीं होता है ।
नरेंद्र मोदी स्टेडियम की पिच के बाद अगर बाउंड्री की बात की जाए तो वह ज्यादा लम्बी है, जिसकी वजह से बैट्समैन को चौके-छक्के मारना थोड़ा सा मुश्किल हो जाता है । जबकि बॉलर्स के लिए मुख्य फायदा होता है स्कोर कम बनने देना और ज्यादा कैच करवा पाना क्योंकि गेंद बैट के बीच में नहीं बल्कि साइड से टच होने के बाद आसानी से बाउंड्री तक नहीं पहुँच सकती और कैच होने की सम्भावना हो जाती है ।
अब आप अच्छे से जान ही गए होंगे कि नरेंद्र मोदी स्टेडियम बैटिंग पिच है या बॉलिंग । अंत में आप बस इतना ही याद रखेंगे कि नरेंद्र मोदी स्टेडियम की पिच में डाली जाने वाली गेंदों का उछाल ज्यादा होता है ।