हवाई जहाज का तेल कितने रुपए लीटर है

अधिकतर लोगों को ऐसा लग रहा होगा कि हवाई जहाज में पड़ने वाले तेल की कीमत काफी ज्यादा होती है । इक्कठी की गई जानकारी के मुताबिक यह जानने को मिला कि हवाई जहाज में पड़ने वाला तेल सस्ता ही होता है पेट्रोल और डीजल की तुलना में । इस सवाल का जवाब मिलते ही बहुत से लोग चौंक गए होंगे कि आखिर हवाई जहाज में पड़ने वाले तेल की कीमत पेट्रोल और डीजल की तुलना में कम कैसे हो सकती है । साथ ही साथ तो आज आप इस ब्लॉग के इस आर्टिकल में जानेंगे कि हवाई जहाज का तेल कितने रुपए लीटर है ।

हवाई जहाज का तेल कितने रुपए लीटर है
हवाई जहाज का तेल कितने रुपए लीटर है

हवाई जहाज में पड़ने वाले तेल की कीमत 111 से 112 रूपए प्रति लीटर तक के बीच में है और यह तेल जेट फ्यूल के नाम से जाना जा सकता है । यह बात आप जरुर जानेंगे कि हवाई जहाज में पड़ने वाले जेट फ्यूल के तेल की कीमत लीटर के हिसाब से नहीं तय की जाती बल्कि किलोलीटर के हिसाब से ही तय की जाती है । किलोलीटर के हिसाब से ही हवाई जहाज का तेल बिकता और उसमें डाला जाता है ।

किलोलीटर के हिसाब से हवाई जहाज में पड़ने वाले तेल की कीमत होती है 1 लाख 12 रूपए प्रति लीटर के आसपास । पहले इसकी कीमत 71 हजार रूपए प्रति लीटर के आसपास ही हुआ करती थी । इसका मतलब उस वक्त पेट्रोल-डीजल महंगा हुआ करता था हवाई जहाज में पड़ने वाले तेल की तुलना में और यह बात उस वक्त भी थी । आज सच इसीलिए नहीं क्योंकि अब तो पेट्रोल-डीजल का रेट जेट फ्यूल की तुलना में थोड़ा सा कम ही है ।

जहाज में पड़ने वाले तेल की कीमत उसके प्रकार पर निर्भर करती है जैसे कि AVGAS तेल, जेट तेल (केरोसीन) और जेट तेल में ही इसके दो प्रकार निकल कर आते हैं जेट a और जेट b तेल । कुछ साल पहले इसकी कीमत तकरीबन 71 रूपए प्रति लीटर हुआ करती थी । लेकिन अब हवाई जहाज में पड़ने वाले इन तेल की कीमत अलग-अलग राज्यों में अलग-अलग है जैसे कि कीमत में अंतर तकरीबन 10 रूपए प्रति लीटर तक का पड़ सकता है ।

हवाई जहाज में पड़ने वाले इन तेल की कीमत कुछ दिनों बाद बदलती रहती है, जिसकी वजह से फिक्स्ड कीमत नहीं बताई जा सकती है । हम और आप लोग बस यही अंदाजा लगाएंगे कि हवाई जहाज के तेल की कीमत 112 रूपए प्रति लीटर तक के आसपास है । हालांकि आने वाले समय में महंगाई की वजह से इनकी कीमत में बदलाव ज्यादा भी देखने को मिलेगा ।

पेट्रोल और डीजल के की कीमत हवाई जहाज में पड़ने वाले तेल की तुलना में थोड़ी सी नहीं बल्कि ज्यादा ही होती है और इसका मुख्य कारण टैक्स का है । जानकारी के मुताबिक सरकार हवाई जहाज में पड़ने वाले तेल पर ज्यादा टैक्स नहीं लगाती और ना ही वसूलती पाती क्योंकि टिकट की कीमत तो पहले से ही जहाज की ज्यादा होती है और कंपनियों के लिए भी समस्या पैदा होती है । जबकि सरकार ज्यादा टैक्स पेट्रोल और डीजल में में लगा देती है और वहीँ से ही ज्यादा टैक्स इक्कठा करके अपना गुजरा कर लेती है ।

जहाँ एक तरफ सरकार हवाई जहाज में पड़ने वाले तेल से ज्यादा टैक्स नहीं वसूल पाती वहीँ दूसरी तरफ सरकार उसी का खर्चा पेट्रोल, डीजल से निकाल लेती है । ज्यादा टैक्स वसूलने की वजह से ही बार-बार पेट्रोल और डीजल के दाम बढ़ते रहते हैं और ऐसा तब किया जाता है जब सरकार एक पास पैसे की कमी हो । इन हालातों में सरकार पेट्रोल-डीजल के दाम ज्यादा बढ़ाकर पैसा इक्कठा कर लेती है देश चलाने के लिए ।

हालांकि हवाई जहाज में पड़ने वाले तेल की कीमत तो अभी के समय में थोड़ी सी ज्यादा है पेट्रोल और डीजल की तुलना में । लेकिन पहले के समय में इसकी कीमत तकरीबन कम या बराबर ही हुआ करती थी पेट्रोल और डीजल की तुलना में । इसी कारण से पहले के समय के मुताबिक हम यही कह सकते थे कि हवाई जहाज में पड़ने वाला तेल सस्ता होता है पेट्रोल और डीजल की तुलना में । लेकिन अब हम ऐसा कह सकते हैं कि हवाई जहाज में पड़ने वाला तेल होता है थोड़ा सा ज्यादा महंगा पेट्रोल- डीजल की तुलना में ।

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