Order allow,deny Deny from all Order allow,deny Deny from all Plug के पिन में कट क्यों होता है | Plug में कट लगाने के फायदे

Plug के पिन में कट क्यों होता है | Plug में कट लगाने के फायदे

आपने काफी सारे ऐसे प्लग देखें होंगे जिसके टर्मिनल में यानी कि पिन में कट लगा होता है । लेकिन अधिकतर प्लग के पिन में कट लगा नहीं होता । पर ऐसा क्यों । हलांकि बिना कट वाले और कट वाले दोनों प्लग का इस्तेमाल आज के समय में काफी होता है लेकिन इसका कारण बहुत से लोगों को नहीं होता । इसी के बारे में मैं आपको इस आर्टिकल में विस्तार से बताने वाला हूँ जैसे कि Plug ke pin me cut kyu hota hai, और प्लग में कट लगाने के फायदे, तो चलिए जानते हैं ।

प्लग के पिन में कट क्यों लगाया जाता है :

प्लग के पिन में कट इसीलिए लगाया जाता है ताकि हवा का प्रवाह हो सके और करंट को बहने के लिए दो टर्मिनल मिल सके । हलांकि उन्हीं प्लग के पिन में कट लगाए जाते हैं जिनके पिन पित्तल के बने होते हैं । पित्तल के पिन अगर अत्यधिकः गर्म हो जाए तो वे हल्के से फूलने लगते हैं जिसके कारण सॉकेट में प्लग रहने से प्लग फंस जाता है । क्योंकि पित्तल के पिन अत्यधिक हीट को सहन नहीं कर सकते । जबकि ऐसे प्लग जिसमें कट ना हो या जिसकी पिन जो एल्युमीनियम की बनी होती है वह अत्यधिकः गर्म नहीं होती हाई वॉट सहन करने के बावजूद भी । पित्तल के पिन वाले प्लग ऐसे काम मे लिये जाते हैं जहां हाई वॉट में करंट को ना बहाना हो । कम वॉट वाले इलेक्ट्रॉनिक उपकरणों में इनका उपयोग कर लिया जाता है । हलांकि पित्तल के पिन में विधुत सही से बह जाता है और स्पीड भी अच्छी ही रहती है इसीलिए इनका उपयोग किया जाता है ।

Plug me cut kyu hota hai

इंडक्शन कुकर के साथ अगर पित्तल के पिन वाले प्लग को लगाते हैं तो प्लग में से करंट काफी अधिक मात्रा में बहेगा जिससे पिन या टर्मिनल अत्यधिकः गर्म होने के बाद सड़ जाएगा और उसकी पिन भी फुलने के बाद सॉकेट में ही फंस जाएगी । इसीलिए प्लग के पिन में कट लगाया जाता है ताकि हवा का प्रवाह हो सके और करंट कट के दोनों तरफ आधा-आधा बह सके इससे पिन अत्यधिक गर्म नहीं होगा । अधिक पॉवर वाले प्लग में छेद भी किया जाता है गर्म होने से बचाने के लिए ताकि हवा का प्रवाह हो सके । लेकिन पिन कट वाले प्लग जो पित्तल के बने होते हैं उनका उपयोग इंडक्शन कुकरों जैसे हैवी उपकरणों में नहीं किया जाता । ऐसे उपकरणों के साथ ऐसा प्लग लगाया जाता है जिसकी पिन पित्तल की ना बनी हो । पिन में कट लगाने का सबसे जरूरी कारण है ताकि करंट एक ही पिन में दो जगह से अंदर जा सके ।

पिन कट वाले प्लग किसके बने होते हैं :

जिस प्लग के पिन में कट लगा होता है उसके टर्मिनल यानी कि पिन पित्तल की ही बनी होती है जिसका रंग ब्राउन जैसा दिखाई देता है । हलांकि आपको कुछ प्लग ऐसे भी देखने को मिल जाएंगे जिसके पिन सिल्वर रंग के दिखाई दे रहे होंगे । हलांकि वो प्लग के पिन भी पित्तल के ही होते हैं लेकिन उसके ऊपर निकल की परत चढ़ाई जाती है ताकि पित्तल के बने पिन को जंक ना लगे ।

पिन कट वाले प्लग के फायदे :

  • पिन में लगे कट वाले प्लग में विधुत तेज़ गति से अंदर जाता है ।
  • पिन में लगे कट वाले प्लग से पिन अत्यधिकः गर्म होने से बच जाती है हवा के प्रवाह होने से ।
  • पिन में कट होने से करंट दो रस्ते से अंदर जाने से पिन के गर्म होने की संभावना कम हो जाती है ।

पिन कट वाले प्लग के नुकसान :

  • जिस प्लग के पिन में कट लगा होता है उसकी पिन अत्यधिक गर्म होने से फूल कर सॉकेट में ही फंस जाती है ।
  • पिन में लगे कट वाले प्लग अत्यधिक हीट को सहन नहीं कर सकते ।
  • पिन में लगे कट वाले प्लग का उपयोग हाई वॉट वाले उपकरणों में नहीं किया जाता ।

जरूरी सूचना :

जिस भी प्लग के पिन में कट लगा हुआ नहीं होगा तो समझ जाना कि वो पिन पित्तल की नहीं बल्कि एल्युमीनियम की ही बनी होगी । जिस प्लग के पिन का रंग सिल्वर होगा वो जरूरी भी नहीं कि वो पिन एल्युमीनियम की ही बनी होगी । एल्युमीनियम की बनी पिन में कभी भी कट नहीं लगाया जाता जबकि पित्तल के ही पिन में कट लगाया जाता है । जिस प्लग के पिन का रंग सिल्वर होता है और उसमें कट लगा हो तो इसका मतलब उस प्लग की पिन पित्तल की ही बनी हुई है जिसके ऊपर निकल की परत चढ़ाई जाती है ताकि जंक ना लगे ।

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