Goldfish ka scientific naam kya hai

बच्चों को सीखना और जानना होता है कि Goldfish ka scientific naam kya hai । गोल्डफिश कोई साधारण फिश यानी मछली नहीं बल्कि के पोपुलर मछली है और इसका उपयोग कई सारे लोग करते हैं घर में पालने के लिए । गोल्डफिश कि पॉपुलैरिटी ऐसी ही नहीं हुई बल्कि इसके पीछे का रहस्य भी आज से काफी सालों पुराना देखने को मिलता है । जिसके बाद देखते ही देखते इसकी पॉपुलैरिटी अलग-अलग देशों में फ़ैल चुकी है ।

किन्तु इसका मतलब ये भी नहीं कि मछलियों कि प्रजातियों में से इसी का उपयोग सबसे ज्यादा किया जाता है बेचने, खरीदने और पालने के लिए क्योंकि इसके अलावा और भी कई सारी अलग-अलग प्रजातियों कि ऐसी मछलियाँ शामिल हैं जिसे पालतू मछली के रूप में गोल्डफिश कि तुलना में सबसे ज्यादा इस्तेमाल में लाया जाता है ।

गोल्डफिश के प्रकार भी काफी सारे होते हैं, पालतू मछली के रूप में इसे पाला जाता है, ख़ास ध्यान रखना पड़ता है और भी काफी कुछ जानने वाली बातें होती हैं और इसी कि चर्चा हम इस ब्लॉग के अंदर इस लेख में करने वाले हैं । इसके साथ ही मैं ये भी बताने वाला हूँ कि Goldfish kya hai ताकि आपको मिल सके फुल जानकारी गोल्डफिश के बारे में ।

गोल्डफिश का साइंटिफिक नाम क्या है

Goldfish ka scientific naam है Carassius Auratus । Carassius Auratus को अगर हिंदी में बोलना हो तो हम कैरासिअस अयोराटस बोलेंगे । किन्तु अप इस बात का जरुर ध्यान रखेंगे कि इस गोल्डफिश का हिंदी नाम कुछ और ही होता है जबकि साइंटिफिक नाम तो केवल Carassius auratus ही निकल कर आता है और इसी Carassius auratus को इंग्लिश शब्दों को हिंदी में बोलने में के लिए हम कैरासिअस अयोराटस बोलेंगे ।

Goldfish ka scientific naam kya hai
Goldfish ka scientific naam kya hai

Goldfish ka hindi naam kya hai

जैसे कि आपने ऊपर जाना था कि गोल्डफिश का साइंटिफिक नाम होता है Carassius Auratus । किन्तु क्या आप जानते हैं की गोल्डफिश का हिंदी नाम क्या है (Goldfish ka hindi naam kya hai), शायद नहीं और अब मैं आपको यही बताने जा रहा हूँ । गोल्डफिश का हिंदी नाम निकल कर आता है जर्द मछली । तो इसी तरह गोल्डफिश जो एक हिंदी शब्द है जबकि हिंदी शब्द इसका जर्द मछली है किन्तु दोनों एक ही है बल्कि नाम ही अलग-अलग है । जैसे कि Onion और प्याज दोनों अलग-अलग शब्द हैं किन्तु है दोनों एक ही चीज़ । ठीक उसी तरह गोल्डफिश और जर्द मछली दोनों अलग-अलग शब्द हैं किन्तु है एक ही मछली ।

किन्तु इसी जर्द मछली को दुसरे नाम से भी जाना जाता है जैसे कि सुनहरी मछली । जी हाँ दोस्तों सुनहरी मछली ही इस गोल्डफिश का दूसरा नाम है । अब ये आपके ऊपर निर्भर करता है कि आप लोग इस मछली को किस नाम से पुकारना चाहते हैं इंग्लिश भाषा में गोल्डफिश, हिंदी भाषा में सुनहरी मछली, हिंदी भाषा में जर्द मछली । ये तीनों ही नाम हैं इस तरह कि मछली के । किन्तु सुनहरी मछली हो, जर्द मछली हो या फिर गोल्डफिश इन तीनों का साइंटिफिक नाम Carassius Auratus ही निकल कर आता है और इसे हिंदी में कैसे बोलना है तो हम बोलेंगे कैरासिअस अयोराटस ।

Goldfish का नाम क्या है

गोल्डफिश का नाम तो गोल्डफिश तो है ही किन्तु इसे कई नामों से जाना जाता है जैसे कि Carassius Auratus यानी कैरासिअस अयोराटस, जर्द मछली और सुनहरी मछली । आप इस बात का भी ध्यान दें कि । Carassius Auratus जोकि साइंटिफिक नाम है गोल्डफिश का । आपके दिमाग में ये वाल जरुर से आया होगा कि इतने सारे नाम बने कैसे, तो आइये इसके बारे भी जानते हैं । इंग्लिश भाषा में इस मछली को गोल्डफिश के नाम से जाना जाता है, हिंदी भाषा के हिसाब से इस मछली को जर्द मछली के नाम से जाना जाता है और साइंटिफिक में इस मछली को Carassius Auratus के नाम से जाना जाता है ।

अधिकतर लोगों को हिंदी भाषा ही आती है तो ऐसे में वे लोग इस मछली को जर्द मछली, सुनहरी मछली या गोल्डफिश के नाम से जान सकते और इनके बारे में बात कर सकते हैं । Carassius Auratus नाम किस शब्द को छोड़कर बाकी के तीन शब्द का इस्तेमाल आप लोग करिए इस मछली को पहचानने के लिए जिससे कि सामने वाली बंदे को समझने में, सुनने और आपको बोलने में आसानी हो ।

Goldfish kya hai

Goldfish kya hai, ये सवाल आया होगा आपके दिमाग में और इस लेख को रीड कर लेने के बाद आप कुछ न अकुच समझ भी गए होंगे किन्तु अच्छी तरह से नहीं । तो जानकारी के लिए आपको बताते चलूं कि गोल्डफिश अलग ही रंग वाली लोगों को आकर्षित करने वाली मछली है । इसकी चमड़ी अलग-अलग चमकीले रंग के साथ दिखाई देती है जिसे देखने के बाद लोग आकर्षित हो जाते हैं इनकी तरफ । इसी कारण इसे पालतू मछली के तौर पर लोगों कि तरफ से घरों में पालने के लिए खरीदा जाता है । अधिक मांग होने कि वजह से गोल्डफिश यानी सुनहरी मछली कि कीमत भी अधिक है ।

कुछ लोग इस मछली को गोल्डफिश कहते हैं, कुछ लोग इसे सुनहरी मछली कहते हैं तो कुछ कुछ लोग इसे जर्द मछली कहते हैं । अधिकतर ये मछली गोल्डफिश के नाम से सबसे ज्यादा मशहूर है जबकि जर्द नाम सबकी जुबान पर नहीं होता है । किन्तु सुनहरी मछली बोलने वाले लोग तो कहीं ना कहीं देखने को अवश्य ही मिल जाएंगे । गोल्डफिश खरीदने से पहले इस बात का भी आप ध्यान दोगे कि गोल्डफिश कि कई प्रजातियों हैं और अलग-अलग प्रजातियों वाली मछलियों का कि चमड़ी का रंग भी अलग-अलग देखने को मिलता है जिसके बारे हमने विस्तार से सबसे नीचे कि तरफ चर्चा कि हुई है ।

Goldfish के बारे में

आप लोगों ने अच्छी तरह से जान लिया होगा जैसे कि Goldfish ka scientific naam kya hai के बारे में । किन्तु अब भी गोल्डफिश के बारे में काफी कुछ जानना बाकी है जो अब हम अच्छे से फुल डिटेल्स के साथ जानने वाले हैं । गोल्डफिश कि प्रजातियाँ एक नहीं बल्कि कई देखने को मिल जाती हैं । अलग-अलग प्रजातियों वाले गोल्डफिश का रंग, अक्रिती यानी बनावट ही उनकी विशेषता है । यानी कि अलग-अलग प्रजाति वाले गोल्डफिश यानी सुनहरी मछली का रंग और उसके शरीर का आकार-बनावट आदि अलग-अलग ही देखने को मिलता है ।

गोल्डफिश 40 साल तक ज़िंदा रह सकती है किन्तु परिस्थितयों के मुताबिक । किन्तु अधिकतर जगहों में ऐसा देखा गया और इन्टरनेट से ली जानकारी के मुताबिक गोल्डफिश 6 साल के आसपास ही जीवित रह पाती हैं । गोल्डफिश का इतने समय के लिए जिन्दा रहना, ये तो उसकी प्रजाति के ऊपर और आसपास के महौल-वातावरण यानी परिस्थितियों के ऊपर ही निर्भर करता है । तो कुल मिलाकर 6 साल के आसपास ही गोल्डफिश जीवित रह सकती हैं । इन्हें तालाबों में भी देखा जाता है ।

ठंडे मौसम में तालाब का पानी अत्यधिक ठंडा हो जाए तो भी गोल्डफिश जीवित रहने में सक्षम हैं किन्तु उस वक्त ये सुस्त सी दिखाई देती हैं । किन्तु गर्मियों के मौसम में या सही मौसम के आ जाने के बाद गोल्डफिश फिर से सक्रिय हो जाती हैं । इन गोल्डफिश के लिए ऐसा तालाब सही रहता है जिसकी गहराई ज्यादा कम ना हो और उस तालाब में पौधे अवश्य लगे हों ताकि पानी साफ़ रहे । गोल्डफिश को शाकाहारी और मांसाहारी दोनों ही होती है जबकि ठंड के दिन में ये भोजन खाना कम कर देती है ।

ओर्फे नामक मछली जो गोल्डफिश के अन्डो का खा जाती है और ओने अन्डो को बचाने के लिए भी गोल्डफिश को आफी सतर्क रहना पड़ता है । 5 से 6 सेंटीग्रेड डिग्री में ये जीवित रहने में सक्षम होती है । घर में अगर इसे पालना हो तो पानी में पौधे को भी डालना पड़ता है ताकि ये अपने अंदर पौधे में रख सके छुपाकर ।

Goldfish की खोज कब और कहाँ हुई

बताया जा रहा है कि गोल्डफिश को सबसे पहले चीन में किसी घाटी में देखा गया था । जिन्हुआन नाम के शख्स ने जो चीन में लुशन पर्वत पर किसी काम के लिए या फिर घुमने के लिए गए थे । वहां पर जिन्हुआन ने ऐसी नदी देखी जिसमें इसी रंग वाली काफी सारी मछलियाँ झील में तैर रही थीं । इस मछली कि संख्या के नहीं बल्कि काफी ज्यादा था । रंग इस मछली का इतना काफी सुंदर था ।

जानकारी के लिए आप ये भी जान लें कि भले ही गोल्डफिश यानी सुनहरी मछली को सबसे पहले चीन में ही क्यों ना देखा गया हो, किन्तु इसकी पहचान केवल यूरोप में ही सबसे पहली कि गई थी । ये घटना आज से कई सालों पहले ही घटी थी और बताया जा रहा है कि 17 वीं शताब्दी में ही इसकी खोज हुई थी यूरोप में । जबकि जैसे कि मैंने आपको ऊपर ही बता दिया था कि सबसे पहले इस गोल्डफिश को चीन में जिन्हुआन ने लुष्ण पर्वत पर झील में देखा था । किन्तु उस समय इसे गोल्डफिश के रुप में नहीं जाना जाने लगा था बल्कि यूरोप में ही गोल्डफिश के रूप में जाना जाने लगा ।

जैसे आप जानते ही हैं कि चीन में मछलियों को भोजन के रूप में खाया जाता है किन्तु इन गोल्डफिश यानी सुनहरी मछली को नहीं खाया जाता भोजन के रूप में । बल्कि इस सुनहरी मछली यानी गोल्डफिश को पालतू मछली के रूप में पाला जाता है जैसे लोग घर में कुत्ते को घर में पालतू जानवर के रूप में पालते हैं । सुंदर, सुनहरा रंग इस गोल्डफिश का होने कि वजह से और ये मछली दूसरी मछलियों कि तुलना में काफी अलग होने कि वजह से ही लोग इस गोल्डफिश कि तरफ अधिक आकर्षित हुए । इसी कारण से लोगों ने इन्हें पालतू मछली के तौर पर पालना शुरू कर दिया ।

Goldfish का आकार

इस गोल्डफिश का आकार कि बात करें तो इसकी लम्बाई होती है 12 इंच यानी 30 सेंटीमीटर के आसपास । जबकि इसके वजन कि बात करें तो 4 किलोग्राम के आसपास तक का होता है । जानकारी के लिए आपको बताते चलें कि अधिकतर गोल्डफिश का आकार इससे भी काफी छोटे आकार में दिखाई देता है । कहने का मतलब मेरा ये है कि अधिकतर गोल्डफिश अगर आप देखने जाएंगे तो उसका अकार आपको अधिकतर 15 इंच से कम का ही देखने को मिलेगा । जबकि 30 इंच वाली गोल्डफिश कम ही देखने को मिलती है ।

Goldfish के प्रकार

गोल्डफिश के प्रकार एक नहीं बल्कि कई हैं देखने को मिलने वाले । आम सुनहरी मछली का चित्र वही है जिसे हमने इस लेख में सबसे ऊपर कि तरफ दिखाया हुआ है । इनके अलग-अलग प्रकार कि वजह से ही हम पहचान पाते हैं अलग-अलग रंग वाली गोल्डफिश को । यानी गोल्डफिश के अलग-अलग प्रकार का मतलब अलग-अलग रंग वाली मछलियाँ और उनमें कुछ बदलाव होना है है । अलग-अलग रंग वाली गोल्डफिश हम सब को देखने को मिलने वाली है और अलग-अलग रंग और उनमें बदलवा होने कि वजह से ही इन गोल्डफिश के प्रकार बने ।

जानकारी के लिए आप ये भी जान लें कि गोल्डफिश के प्रकार नहीं होते बल्कि इनकी किस्में ही होती हैं । कहीं भी अगर हमें अलग-अलग रंग वाली गोल्डफिश देखने को मिलती है तो वहां हम अलग-अलग प्रकार कि गोल्डफिश नहीं बल्कि अलग-अलग किस्में वाली गोल्डफिश ही कहेंगे । ऐसा इसीलिए कि गोल्डफिश एक प्रजाति है और यहाँ प्रकार नहीं किस्में जैसे शब्द का ही प्रयोग किया जाता है । गोल्डफिश के प्रकार यानी गोल्डफिश कि किस्में 17 हैं जो नीचे दिए इस अनुसार है :

  • आम सुनहरी मछली

आम सुनहरी मछली जिसे आम गोल्डफिश भी कहा जा सकता है क्योंकि इंग्लिश में इस मछली को गोल्डफिश जबकि हिंदी में इसे जर्द मछली या सुनहरी मछली कहा जाता है । आम सुनहरी मछली हमें अलग-अलग रंग वाली दिखाई देखने को मिलेगी जैसे कि नारंगी-स्वर्ण, लाल, काला-पिला, सफेद और लेमन रंग यानी नींबू रंग । इन अलग-अलग रंग वाली गोल्डफिश यानी आम सुनहरी मछली हमें देखने को मिल जाएगी ।

  • बब्ल आई

बब्ल आई मछली कि आँखों के पास बड़ी सी दो थैलियाँ दिखाई देती हैं । इन्हीं थैलियों में द्रव्य पदार्थ होता है । बताया जा रहा है कि इस ब्ब्ग्ल आई गोल्डफिश कि आँखे ऊपर कि तरफ ईशारा करती हुई दिखाई देती हैं ।

  • ओरानाडा

ओरानाडा प्रजाति वाली सुनहरी मछली जिसे वेन और सिरवृद्धि के नाम से भी बोला या पहचाना जाता है । ओरानाडा प्रजाति कि सुनहरी मछली के पास रास्पेरी जैसा एक हुड है जो इस ओरानाडा मछली के पुरे शरीर को ढक कर रखता है किन्तु इसकी आँखों और मुंह को छोड़कर । रंग कि बात करें तो ओरानाडा प्रजाति कि सुनहरी मछली का रंग ऑरेंज सा दिखाई देता है ।

  • धूमकेतु

धूमकेतु एक ऐसी गोल्डफिश जिसे दूसरी प्रजातियों वाली गोल्डफिश कि तुलना में आसानी से पहचाना जा सकता है क्योंकि इक्सी पूंछ में कांटे लगे होते । आकार कि बात करें तो धूमकेतु गोल्डफिश का आकार काफी छोटा ही होता है । जानकारी के लिए आपको बताते चलें कि धूमकेतु गोल्डफिश जो आम रूप से अमेरिका में पाई जाने वाली और दिखाई देनी वाली मछली है ।

  • सिंह मश्तिष्क

सिंह मश्तिष्क प्रजाति वाली एक ऐसी सुनहरी मछली जिसके पास एक हुड है और इस सिंह मश्तिष्क प्रजाति वाली सुनहरी मछली कि चमड़ी रंग नीचे कि तरफ सफेद और ऊपर कि तरफ ऑरेंज सा दिखाई देता है ।

  • पर्लस्केल

पर्लस्केल नामक मछली भी इसी गोल्डफिश कि ही प्रजाति है । कितने जापानी भाषा में या जापान में इसे अलग ही नाम से पुकारा जाता है । जानकरी के मुताबिक जापान में इस पर्लस्केल नामक गोल्डफिश को चीनशुरिन के नाम से पुकारा जाता है । इस पर्लस्केल नामक मछली का शरीर गोलाकार रूप में है जबकि इसकी पूंछ तकरीबन वैसे ही मिलती जुलती दिखाई देती है जैसे कि फैनटेन प्रजाति वाली गोल्डफिश कि तरह ।

  • रयुकिन

बात करें रयुकिन नामक मछली कि जो सुनहरी मछली कि है प्रजाति है । इस रयुकिन का शरीर गोल होता है जबकि इसके कंधों पर उभार हमको देखने को मिलता है । यही दो विशेषताएं हैं इस रयुकिन नामक मछली कि । इस रयुकिन नामक मछली कि चमड़ी का रंग भी ऑरेंज सा ही देखने को मिलता है ।

  • दूरबीन आँख

वैसे इस मछली को शोर्ट में ही इसी दूरबीन आँख नाम से ही बुलाया जाता है जोकि सुनहरी मछली यानी जर्द मछली कि ही प्रजाति है । इस दूरबीन आँख जैस दिखाई देने वाली मछली को दूरबीन आँख वाली मछली के अलावा दुसरे नामों से भी जाना जाता है जैसे कि टेलिस्कोप आई, ड्रैगन आई और ग्लोब आई । ऐसा इसीलिए कि इस मछली कि भी आँखे उभड़ती हुई दिखाई देती हैं ।

  • पांडा मूर

पांडा मूर नामक मछली कि विशेषता ये है कि इनकी भी आँखे उभड़ती हुई दिखाई देती है । इसके अलावा पांडा मूर के शरीर यानी चमड़ी का रंग काला और सफ़ेद सा देखने को मिलता है । मुंह के हिस्से वाली चमड़ी सफेद जैसी जबकि पूंछ और उसके के आसपास कि चमड़ी का रंग काला सा दिखाई देता है । पांडा मूर भी एक गोल्डफिश कि ही प्रजाति है ।

  • तितली पूंछ

इस मछली को जाना जाता है अलग-अलग नामों से जैसे कि तितली पूंछ, तितली टेलिस्कोप, बटरफ्लाईटेल और मूर । ये भी नाम है इस प्रजाति वाली वाली मछली कि । बाकी कि सुनहरी मछलियों कि तुलना में आपको तितली पूंछ जैसी दिखाई देने वाली मछली एकदम अलग ही देखने को मिलेगी क्योंकि इसकी शरीर कि बनावट और चमड़ी का रंग ही काफी अलग है ।

इसकी पूंछ के पंख तितली के पंख जैसे फैले हुए होते हैं और इसकी चमड़ी का रंग अधिकतर काला सा ही दिखाई देता है । आँखे भी इस तितली पूंछ नामक मछली कि उभड़ने वाली ही होती है । इस तितली पूंछ नामक मछली को हम ऊपर से देखते हैं तो ही हमें इसकी पूंछ तितली के पंख जैसे मिलते जुलते दिखाई देंगे किन्तु पूरी तरीके से नहीं ।

  • काले मूर

काले मूर यानी ब्लैक मूर जो गोल्डफिश की ही प्रजाति है जिसका रंग काले और पीले के साथ देखने को मिलता है । यानी इस काले मूर गोल्डफिश मछली कि चमड़ी का रंग काला और पिला दोनों ही होता है किन्तु अलग-अलग, जिसे आपको चित्र में दिखाई दे रहा होगा । भले ही इस प्रजाति वाली गोल्डफिश का नाम काले मूर ही क्यों ना हों, किन्तु इसे अलग-अलग देशों में अलग-अलग नाम से पुकारा और जाना जाता है । जैसे कि बात करें जापान कि वहां पर काले मूर को कुरो डेमिकिन, चीन में ड्रैगन आई के नाम से और किसी देश में इसे पोपाये टेलिस्कोप के नाम से जाना जाता है ।

Goldfish Black Moor
Goldfish Black Moor

टेलिस्कोप, दूरबीन जैसे शब्दों का इस्तेमाल इस काले मूर गोल्डफिश के लिए इसीलिए किया जाता है क्योंकि इसकी आँखे ही उभड़ने वाली होती हैं । इस प्रजाति कि मछली कि आँखों दूरबीन वाली ऑंखें कहा जाता है । किन्तु इस काले मूर प्रजाति वाली गोल्डफिश मछली को घरेलू में पालतू मछली के रूप में आम इतना भी पाला नहीं जाता है जितना कि लाल रंग वाली गोल्डफिश को पाला जाता है ।

  • सेलेस्चिय्ल आई

सेलेस्चिय्ल आई प्रजाति कि गोल्डफिश बाकी कि गोल्डफिश कि तुलना में लम्बी और चौड़ाई में छोटी होती हैं । इस सेलेस्चिय्ल आई प्रजाति वाली गोल्डफिश कि आँखे भी दूरबीन जैसी ही दिखाई देती हैं ।

  • फैनटेल

फैनटेल प्रजाति वाली गोल्डफिश का आकार अंडे जैसा देखने को मिल जाएगा । फैनटेल प्रजाति वाली सुनहरी मछली कि पूंछ कि लम्बाई और चौड़ाई भी अधिक देखने को मिलती । बताया ये भी जा रहा है कि फैनटेल प्रजाति कि सुनहरी मछली यानी गोल्डफिश के कंधे पर किसी तरह का कोई भी उभार देखने को नहीं मिलता है ।

  • पोमपोम

पोमपोम भी इस गोल्डफिश यानी सुनहरी मछली कि ही प्रजाति है और इसे अलग-अलग नाम से भी जाना जाता है जैसे कि पोम्पोन, पोमपोम्स और हाना फुसा । ये तीनों नाम इसी मछली के है जो सुनहरी मछली कि ही प्रजाति है । इस पोमपोम नाम मछली के नाकों के बीचों-बीच और इसके सिर के दोनों तरफ उगे हुए रेशों के गुस्शे से होते हैं । यही इस पोमपोम नामक मछली कि विशेषता है ।

  • शुबनकिन्स

शुबनकिन्स जो अलग ही तरह कि सुनहरी मछली है । इस शुबनकिन्स नाम मछली का रंग लाल सा दिखाई देता है किन्तु पूरी तरीके से नहीं । शुबनकिन्स के शरीर कि बनावट को देखें तो कैलिको जैसी अक्रिती दिखाई देखने को मिलती है । ये शुबनकिन्स भी प्रजाति है सुनहरी मछली कि यानी जर्द मछली कि ।

  • रैनचु

विकिपीडिया कि जानकारी के मुताबिक रैनचु नाम मछली को जापानी में सुनहरी मछलियों के राजा के नाम से ही बुलाया जाता और माना जाता है । रैनचु जो सुनहरी मछली कि प्रजाति है इसीलिए इसे हमने इस लिस्ट में जोड़ा है ।

  • वेलटेल
Goldfish Veil Tail
Goldfish Veil Tail

वेलटेल नामक मछली कि चमड़ी का रंग ऑरेंज सा दिखाई देता है जिसे आप चित्र में देख सकते हैं । बाकी कि मछलियों कि तुलना में वेलटेल मछली कि पूंछ इसके शरीर के बराबर ही काफी लम्बी और बड़ी देखने को मिलती है । पूंछ इसकी दोहरी ही होती है इस वेलटेल कि जो आकार में ही काफी बड़ी होती है और यही इसकी विशेस्था है ।

मेरी राय – गोल्डफिश के बारे में

इस लेख (Goldfish ka scientific naam kya hai) में हमने “गोल्डफिश का साइंटिफिक नाम क्या है” के बारे में तो बताया है, साथ ही साथ गोल्डफिश के बारे में काफी कुछ डिटेल्स साँझा कि है । जिसकी मदद से आपने इस लेख में काफी कुछ गोल्डफिश यानी सुनहरी मछली के बारे में सीख लिया होगा । गोल्डफिश काफी ज्यादा पोपुलर मछलियों में से एक है और इसी के बारे में लोग जानने के लिए इन्टरनेट कार उपयोग करते हैं । मुझे विश्वास है कि आपने इस लेख में “Goldfish ka scientific naam kya hai” के बारे में तो जाना ही है साथ ही साथ इस मछली के बारे में भी अच्छे से जान लिया होगा ।

Goldfish कितने साल जीती है

6 साल के आसपास ही गोल्डफिश जीवित रह सकती है । किन्तु कुछ परिस्थितियों में गोल्डफिश 40 साल तक भी जीवित रह सकती है किन्तु ऐसा सभी गोल्डफिश में देखने को नहीं मिलता ।

Goldfish को कितना खाना दें

दिन में एक से दो बार ही गोल्डफिश को खाना देना चाहिए ।

गोल्ड फिश कहां पाई जाती है

मीठे और खारे पानी में ही गोल्डफिश पाई जाती है ।

गोल्ड फिश क्या खाती हैं

गोल्डफिश खाती हैं दूसरी मछलियों के अंडे और शाकाहारी भोजन ।

गोल्डफिश का असली नाम क्या है

गोल्डफिश का असली नाम है जर्द मछली और सुनहरी मछली । जबकि इसका साइंटिफिक नाम Carassius Auratus है ।

Goldfish ka scientific naam kya hai

Carassius Auratus

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