Ac करंट जो की एक प्रकार की बिजली होती है जिसका उपयोग हम सभी करते हैं । इलेक्ट्रॉनिक के सभी उपकरणों को चलाने के लिए इसका ही उपयोग किया जाता है चाहे बल्ब हो या टीवी या पंखा । हर जगह इसका उपयोग किया जाता है । यह कोई स्पेशल करंट नहीं होता है । यानि की यह dc करंट जैसा ही होता है बस अंतर होता है इसके करंट बहने की दिशा में यानि की दोनों की करंट बहने की दिशा अलग-अलग होती है । आगे हम जानेंगे की ac करंट क्या है और ac करंट कैसे काम करता है ।
|
What is ac current in hindi |
Ac current in hindi | Ac करंट क्या होता है :
Ac करंट का पूरा नाम अल्टरनेटिव करंट होता है । अल्टरनेटिव करंट जिसकी दिशा कभी भी एक जैसी नहीं होती है । कहने का मतलब यह है की जो विधुत समय-समय में कई बार अपनी दिशा बदलती रहती है उसे अल्टरनेटिव करंट कहा जाता है । आप एक बात जरूर ध्यान रखें जो विधुत समय के साथ-साथ बार-बार अपनी दिशा बदलती रहती है उसकी फ्रीक्वेंसी कभी भी एक जैसी नहीं रहती यानी कि ऊपर नीचे होती रहती है । Ac बिजली को हम ट्रांसफार्मर की मदद से हम दूर तक बिजली को भेज सकते हैं वो भी कम पॉवर लॉस किये । जब की जो dc बिजली होती है अगर उसे दूर तक भेज जाये तो पॉवर का लॉस बहुत अधिक होता है और 2 किलोमीटर से अधिक तक पॉवर की सप्लाई नहीं होती और क्योंकि ट्रांसफार्मर dc करंट पर काम ही नहीं करता । जबकि ac करंट की यही खासियत होती है की हम हज़ारों लाखों दूर तक बिजली की सप्लाई कर सकते हैं ट्रांसफार्मर की मदद से । आगे हम जानेंगे की ac करंट कैसे काम करता है । AC करंट की खोज किसने की :
Ac करंट की शुरुआत महान विज्ञानिक निकोला टेस्ला (Nichola Tesla) ने की थी । लेकिन इससे पहले dc करंट की उत्तपति हुई थी जो की अधिक कामयाब नहीं हो सकी । क्योंकि dc विधुत की पॉवर सप्लाई 2 किलोमीटर के दायरे के अंदर ही होती है यानी कि 2 किलोमीटर से अधिक दूर तक बिजली को भेजने से पॉवर का लॉस बहुत अधिक होता था और विधुत पर्याप्त मात्रा में नहीं पहुंच पाता था । उसमें कुछ परेशानियों को देखते हुए ही ac करंट को बनाया गया । जो की काफी सही तरह से कामयाब सिद्ध हुई । जिसको हम 2 किलोमीटर से भी अधिक दूर तक पॉवर की सप्लाई कर सकते हैं । जिसका उपयोग आज पूरी दुनिया में किया जाता है ।
Ac current working in hindi | Ac करंट कैसे काम करता है :
|
Ac current working in hindi |
AC करंट एक सेकंड में 50 से 60 बार अपनी दिशा बदलती रहती है दिशा बदलने से करंट अधिक से कम और कम से अधिक होता रहता है । दिशा किस तरह से बदलती है वो आप चित्र में देख सकते हैं । पहले चित्र में ac करंट की दिशा किस तरह से और दूसरे चित्र में किस तरह । कहने का मतलब यह है की ac करंट 50 से 60 बार अपना साइकिल चेंज करती रहती है ।
|
Ac current frequency diagram in hindi |
चित्र के अनुसार आप इसकी फ्रीक्वेंसी भी देख सकते हैं । पहले इसका साइकिल ऊपर होता है जो की पॉजिटिव को दर्शाता है और निचे का हिस्सा नेगेटिव को दर्शाता है । Ac करंट में पॉजिटिव और नेगेटिव दोनों का साईकल आधा ही होता है दोनों को जोड़कर ही एक पूरा साईकल बनता है । जैसे ही साइकिल चेंज होने लगता है वैसे-वैसे उसका वोल्टेज कम होता हुआ 0 पर आ जाता है फिर 0 से भी नीचे -1 से होता हुआ -5 तक पहुंचता है । यानि की पहले विधुत आता है फिर 0 होता है यानि की बन्द होता है नेगेटिव में जाने से फिर विधुत आता है जिसके बाद 0 में जाने के बाद विधुत फिर बंद हो जाता है जब तक ac करंट का साइकिल 0 में पहुंचता जाता है तब तक करंट बन्द होता जाता है । इसीलिए कहा जाता है की ac करंट एक सेकंड में 50 से 60 बार बंद और चालू होती है । आगे हम आपको इसका प्रैक्टिकल टेस्ट करके बताएंगे की ac करंट कैसे काम करता है ।
Ac करंट की दिशा कैसे बार-बार चेंज होती है :
इसका अच्छी तरह से पता आप एक ac जनरेटर से ही कर सकते हैं । यह किस तरह से काम करता है वो आप चित्र में देख सकते हैं । ac जनरेटर के अंदर दो coil को दोनों रिंग के साथ अलग-अलग जोड़ा जाता है । जब इसकी (a) coil साउथ चुम्बक के सामने और (b) coil नॉर्थ चुंबक के सामने आ जाती है तब इसमें से करंट रिंग (2) टर्मिनल से बाहर आता है । |
Ac current working diagram in hindi |
लेकिन जब coil घूम जाने से इसकी (a) coil साउथ चुंबक की बजाय नॉर्थ चुंबक पर आ जाती है और (b) coil भी घूम कर साउथ चुम्बक के सामने चली जाती है तो इससे करंट रिंग (2) टर्मिनल की बजाय रिंग (1) टर्मिनल से बाहर निकलता है । कहने का मतलब यह है coil के घूमने से coil पहले चुम्बक से होते हुए दूसरे चुम्बक पर और फिर पहले चुम्बक पर जाती है जिससे आधा साइकिल कम्पलीट होने से करंट किसी और दिशा में बहता है फिर आधा साइकिल कम्पलीट होने से करंट के बहने की दिशा उलटी हो जाती है । करंट किस दिशा में बह रहा है यह निर्भर करता है की कौन सी coil किस चुम्बक के सामने है ।
Ac करंट का काम करने का उदाहरण :
हमने एक बल्ब को लिया है जो की ac विधुत धारा पर चलता है । बल्ब को हमने ac पॉवर सप्लाई से कनेक्ट किया है । इसके बाद बल्ब को करंट देने से पहले करंट बल्ब के a टर्मिनल से अंदर और b टर्मिनल से बाहर निकलता है । जैसे ही साइकिल चेंज होता है तो ac करंट की दिशा भी उलटी हो जाती है जिससे करंट बल्ब के b टर्मिनल से अंदर और a टर्मिनल से बाहर निकलता है । दिशा कैसे चेंज होती है इसका चित्र आप ऊपर देख सकते हैं बल्ब वाला ।
|
Working example of ac current in hindi |
और आप देख सकते हैं की एक सेकंड में 50 से 60 बार करंट के बन्द और चालू होने से चित्र में बल्ब पहले जगता है फिर बन्द होता है, फिर जगता है और फिर बन्द होता है वो भी 50 से 60 बार । यह इतनी तेज़ स्पीड से चालू और बन्द होता है की इसे हम अपनी आँखों से देख नहीं सकते । ऐसे ही ac करंट एक सेकंड 50 से 60 बार अपना साइकिल चेंज करती है जिससे ac करंट भी 50 से 60 बार बन्द और चालू होती है ।
What is hz in hindi | Hz क्या है :
Hz जिसे hertz कहा जाता है । बिजली की फ्रीक्वेंसी को हर्ट्ज़ से मापा जाता है । बिजली एक सेकंड में कितनी बार बंद और चालू होती है या कितनी बार उसका साइकिल चेंज होता है उसे हर्ट्ज़ से लिखा जाता है । हमारे भारत देश में 50 हर्ट्ज़ की पॉवर सप्लाई होती है यानि की एक सेकंड में 50 बार बंद और चालू या साइकिल चेंज होती है । कुछ देशों में 60 हर्ट्ज़ और कुछ देशों में 55 हर्ट्ज़ की पॉवर सप्लाई होती है ।
क्या ac करंट से बैटरी चार्ज हो जाती है :
जो विधुत एक ही दिशा में नहीं बहता है या फिर जिस करंट की दिशा बार-बार चेंज होती रहती है उसको हम जमा करके नहीं रख सकते । इसीलिए ac करंट बैटरी को चार्ज नहीं कर सकती । बैटरी वही चार्ज होती है अगर हम पॉजिटिव करंट लगातार बैटरी को देते रहें और नेगेटिव से बाहर आता रहे । चार्ज ना होने का सबसे बड़ा कारण यही होता है कि ac करंट पहले पॉजिटिव करंट बैटरी के पॉजिटिव टर्मिनल से अंदर जाकर नेगेटिव टर्मिनल से बाहर निकलता है तो एक साईकल पूरा हो जाता है एक साईकल पूरा होने से बैटरी चार्ज हो जाती है फिर उसके बाद जब दिशा चेंज हो जाती है तब ac करंट का पॉजिटिव टर्मिनल नेगेटिव में और नेगेटिव टर्मिनल पॉजिटिव में चेंज हो जाता है जिससे पॉजिटिव ac करंट बैटरी के नेगेटिव में जाने से बैटरी में जमा हुआ सारा करंट खाली हो जाता है जिससे बैटरी सड़ने लगती है ।
AC करंट का उपयोग सिर्फ सप्लाई के लिए क्यों किया जाता है :
आपके घरों में या किसी भी दुकानों में या फैक्ट्री में या किसी भी जगह में सिर्फ ac करंट की ही सप्लाई की जाती है क्योंकि AC करंट की खासियत यह है की इसे हम दूर तक भेज सकते हैं जबकि dc करंट को दूर तक नहीं भेज सकते क्योंकि वोल्टेज काफी कम हो जाता है । लेकिन करंट दूर-दूर तक तभी पहुंचेगा अगर वोल्टेज को अधिक करके भेजें जैसे की तकरीबन 1100kv जबकि dc करंट का वोल्टेज जल्दी से ही कम हो जाता है पहुंचते-पहुंचते लेकिन ac करंट का वोल्टेज जल्दी सी कम नहीं होता है और आसानी से दूर तक पहुंचाया जा सकता है ac करंट को । Advantages of ac current in hindi | Ac करंट के फायदे :
- दूर तक बिजली की सप्लाई आसानी से हो जाती है यानि की हम हज़ारों या लाखों किलोमीटर की दूरी तक ac करंट को भेज सकते हैं ।
- पॉवर का लॉस कम होता है ।
- इसकी वोल्टेज कम या अधिक आसानी से ट्रांसफार्मर की मदद से हो जाती है ।
Disdvantages of ac current in hindi | Ac करंट के नुकसान :
- इसको जमा नहीं किया जा सकता ।
- बिना रेक्टिफायर के टीवी जैसे कई इलेक्ट्रॉनिक उपकरण ac करंट पर नहीं चलते । यानि की इस करंट पर तकरीबन 20 से 30 प्रतिशत ही उपकरणों ही काम करते हैं ।
- सर्किट 50 से 60 बार बंद और चालू होते हैं ।
- इससे शरीर को नुकसान अधिक पहुंचता सकता है यानी कि वोल्टेज कम होने पर भी शरीर को यह हल्का झटका दे देता है ।
mera naam aafreen hai agr aap apni website ke liye content likhwana chahate h to contact kr sakte hai
धन्यवाद पूछने के लिए, फ़िलहाल कोई itni earning नहीं हो रही इसी वजह से नहीं main kisi ko kaam par nahin rakh skta, article likhvaane ke liye
Aapki aye ac or dc pe likhi article bade hi saral bhasa me samjhaye hai mujhe apke article se bahut kuchh sikhne ko mila
धन्यवाद जी