आपको बारीकी के साथ इस आर्टिकल में बताएंगे कि कंप्यूटर पोर्ट्स क्या है, कंप्यूटर पोर्ट्स के प्रकार, उनके उपयोग । इसके अलावा कौन-कौन से डिवाइस कनेक्ट किये जाते हैं कंप्यूटर या CPU पोर्ट्स के साथ और उनका काम क्या है, इसी के बारे में आपको बताया जाना है इस आर्टिकल में । वैसे जितने भी कंप्यूटर पोर्ट्स के प्रकार के बारे में हम बताने वाले हैं वे सभी पोर्ट्स कंप्यूटर और लैपटॉप दोनों के एक समान होंगे । यानी कि जो पोर्ट्स कंप्यूटर में देखने को मिलते हैं वही पोर्ट्स का इस्तेमाल लैपटॉप में भी किया जाता है ।
What is Computer Ports in hindi | कंप्यूटर पोर्ट्स क्या है :
ऐसे पोर्ट्स जिसका इस्तेमाल कंप्यूटर में किया जाता है उसे कंप्यूटर पोर्ट् कहते हैं जैसे की थंडरबोल्ट पोर्ट, USB पोर्ट, eithernet पोर्ट, ऑडियो पोर्ट । हलांकि इन पोर्ट्स का इस्तेमाल का इस्तेमाल लैपटॉप में भी होता है और इनका काम लिया जाता है CPU के साथ मॉनिटर कनेक्ट करने के लिए, माउस कनेक्ट करने के लिए, कीबोर्ड कनेक्ट करने के लिए LAN केबल कनेक्ट करने के लिए और भी बहुत कुछ । पर इनमें से कुछ पोर्ट्स ऐसे भी हैं जिसका इस्तेमाल दुसरे उपकरणों में भी किया जाता है ।
Types of computer ports in hindi | कंप्यूटर पोर्ट्स के प्रकार :
कंप्यूटर में यानी कि CPU में पाए जाने वाले पोर्ट्स की संख्या कुल हैं जबकि इनकी संख्या कम भी होती है किसी-किसी कंप्यूटर में जिसकी कीमत बेहद कम होती है । ये सभी पोर्ट्स कंप्यूटर में नहीं बल्कि CPU में ही लगे देखने को मिलते हैं और CPU के अंदर मदरबोर्ड के ऊपर ही ये सभी पोर्ट्स स्थित होते हैं । कंप्यूटर पोर्ट्स के प्रकार की जानकारी इस प्रकार हेठ लिखे अनुसार है :
- सीरियल पोर्ट्स :
सीरियल पोर्ट्स में कुल 9 पिन लगी होती हैं जिसमें से 5 पिन ऊपर और बाकी की 4 पिन नीचे देखने को मिलती है । यह पहचान है सीरियल पोर्ट्स को पहचानने की । सीरियल पोर्ट्स का इस्तेमाल हम करते हैं बहुत ही पुराने माउस, मोडम और
Types of Ports in computer in hindi |
प्रिंटर कनेक्ट करने के लिए । वैसे आप इतना भी जान लें कि सीरियल पोर्ट्स का इस्तेमाल आज के समय मे माउस कनेक्ट करने के लिए नहीं किया जाता क्योंकि आज के समय में मिलने वाले माउस usb पोर्ट्स के साथ ही आते हैं । यानी कि आज के समय में आने वाले माउस कनेक्ट होते हैं तो CPU के USB पोर्ट्स में । सीरियल पोर्ट्स की डेटा ट्रांसफर स्पीड है 1 बिट एक सेकंड में ।
- पैरेलल पोर्ट्स :
पैरेलल पोर्ट्स में कुल 25 छिद्र होते हैं । जिसमें से 13 छिद्र ऊपर की तरफ और 12 छिद्र नीचे की तरफ लगे होते हैं । पैरेलल पोर्ट्स बाकी के पोर्ट्स की तुलना में चौड़ा कम लेकिन लम्बा ज्यादा होता है । पैरेलल पोर्ट्स का इस्तेमाल किया जाता है प्रिंटर कनेक्ट करने के लिए और स्कैनर कनेक्ट करने के लिए । पर वायर की मदद से डिवाइस कनेक्ट हो पाते हैं जोकि डिवाइस के साथ ही दिए जाते हैं ।
- PS/2 पोर्ट्स :
अलग-अलग रंगों में दो पोर्ट्स एक साथ देखने को मिलते हैं CPU के पीछे की तरफ । इन पोर्ट्स का इस्तेमाल किया जाता है पुराने माउस और कीबोर्ड कनेक्ट करने के लिए। लेकिन गुलाबी रंग का ps/2 पोर्ट्स से केवल माउस और पर्पल रंग का ps/2 पोर्ट्स से केवल कीबोर्ड हो कनेक्ट किया जा सकता है । PS/2 पोर्ट्स सभी CPU में देखने को नहीं मिलते हैं क्योंकि इसकी मदद से सिर्फ दो ही डिवाइस कनेक्ट हो पाते थे और पिन के टूटने का खतरा अधिक होता माउस और कीबोर्ड में जिसकी वजह से इसका इस्तेमाल आज के समय में लेटेस्ट CPU में नहीं किया जाता और ना ही ps/2 पोर्ट्स वाले माउस और कीबोर्ड मार्किट दिखते हैं ।
- USB पोर्ट्स :
USB पोर्ट्स आज तक कि सबसे लेटेस्ट टेक्नोलॉजी से बना हुआ पोर्ट है । इस USB पोर्ट्स की खासियत यह है कि बहुत सारे उपकरणों को इस पोर्ट्स की मदद से कनेक्ट कर सकते हैं सीधा CPU में । जैसे कि माउस, कीबोर्ड, पेनड्राइव, एक्सटर्नल स्टोरेज डिवाइस, प्रिंटर, स्कैनर, डिजिटल कैमरा, चार्जिंग के लिए, डेटा ट्रांसफर करने के लिए इत्यादि । इसके अलावा अगर CPU के अंदर का कोई पोर्ट्स काम नहीं कर रहा है यो भी USB पोर्ट्स को काम मे लिया जा सकता है जैसे कि स्पीकर कनेक्ट करने के लिए, प्रिंटर कनेक्ट करने के लिए, स्कैनर कनेक्ट करने के लिए और भी बहुत कुछ । हालांकि ये दोनों उपकरण USB पोर्ट्स के साथ कनेक्ट नहीं होते हैं इसके लिए अलग से छोटा सा दूसरा पोर्ट खरीदने की जरूरत भी पड़ जाती है अगर USB पोर्ट्स से ही इनको कनेक्ट करना है तो । हलांकि USB पोर्ट की मदद से स्मार्टफोन जैसे छोटे डिवाइस चार्ज भी हो जाते हैं । USB के प्रकार आगे तीन हैं जिसका इस्तेमाल अलग-अलग डिवाइस कनेक्ट करने के लिए करते हैं और उनके प्रकार इस प्रकार है :
- USB 1.1
- USB 2.0
- USB 3.0
- USB 3.1
- USB 3.2
जानिए USB पोर्ट क्या है और इसके सभी प्रकार के बारे में
- टाइप-c पोर्ट :
अधिक कीमत के कंप्यूटर के CPU में तो टाइप c पोर्ट भी देखने को मिलते हैं जबकि इसका इस्तेमाल सस्ते कंप्यूटर के CPU में नहीं किया जाता है । USB पोर्ट्स के बाद तो टाइप c पोर्ट ही आया है जिसकी मदद से डाटा बहुत तेज़ गति से ट्रान्सफर हो पाता है औए पॉवरडिलीवरी भी काफी ज्यादा है अधिकतम 100 वॉट । लेकिन लैपटॉप में इसका इस्तेमाल डाटा ट्रान्सफर के आलावा लैपटॉप चार्ज के लिए भी किया जाता है जबकि कंप्यूटर में सिर्फ इसका इस्तेमाल डाटा ट्रान्सफर करने के लिए वो भो टाइप c डाटा केबल की मदद से दुसरे डिवाइस में डाटा ट्रान्सफर करना । कंप्यूटर के CPU में दिया जाने वाला टाइप c पोर्ट, लैपटॉप में दिया जाने वाला टाइप c पोर्ट और स्मार्टफोन में दिया जाने वाला टाइप c पोर्ट सभी एक जैसे आकार के ही होते हैं ।
- डिस्प्ले पोर्ट :
डिस्प्ले पोर्ट के प्रकार कुल तीन हैं जैसे की VGA पोर्ट, DVI पोर्ट और HDMI पोर्ट । इन सभी पोर्ट का इस्तेमाल मॉनिटर कनेक्ट करने के लिए किया जाता है इसीलिए इसे डिस्प्ले पोर्ट कहते हैं जोकि इस प्रकार है :
- डिस्प्ले पोर्ट के प्रकार :
डिस्प्ले पोर्ट का इस्तेमाल किया जाता है डाटा बाहर और अंदर भेजने के लिए CPU से लेकर मॉनिटर तक और इसके प्रकार इस हेठ लिखे अनुसार हैं :
- VGA पोर्ट :
VGA पोर्ट का इस्तेमाल मॉनिटर कनेक्ट करने के लिए किया जाता है और इस पोर्ट में कुल 15 छेद यानी की पिन होते हैं जिसमें से 5 पिन सबसे ऊपर, 5 पिन बीच में और 5 पिन सबसे नीचे होते हैं । मॉनिटर वही डिवाइस होता है जो स्क्रीन के रूप में चित्र दिखाने का काम करता है । VGA पोर्ट का इस्तेमाल सस्ते कंप्यूटर से लेकर महंगे कंप्यूटर के अंदर किया जाता है यानी की CPU पर । VGA पोर्ट कंप्यूटर के CPU और मॉनिटर दोनों में एक साथ देखने को मिलते हैं और VGA केबल की मदद से ही कनेक्ट हो पाता है । हलांकि कंप्यूटर के CPU और मॉनिटर में VGA पोर्ट के आलावा DVI और HDMI पोर्ट भी देखने को मिलते हैं । परन्तु VGA पोर्ट की टेक्नोलॉजी काफी पुरानी हो चुकी है जिसकी वजह से हाई क्वालिटी ग्राफिकल डाटा या सिग्नल नहीं पहुँच पाता है मॉनिटर पर ।
- DVI पोर्ट :
DVI पोर्ट का इस्तेमाल भी CPU को मॉनिटर के साथ कनेक्ट करने के लिए किया जाता है ताकि CPU अपना ग्राफिकल डाटा या सिग्नल को DVI पोर्ट और केबल की मदद से मॉनिटर तक पहुंचाया जा सके । DVI पोर्ट की टेक्नोलॉजी DVI पोर्ट की तुलना में बेस्ट है यानी की बेहतर है । यानी की हाई क्वालिटी ग्राफिकल डाटा या सिग्नल मॉनिटर के पहुँच पाता है तभी तो पिक्चर की क्वालिटी अच्छी दिखाई दे पाती है । DVI में पिन की संख्या VGA पोर्ट की तुलना में अधिक होती है यानी की पिन की संख्या कुल 24 होती हैं । जिसमें से 8 पिन सबसे ऊपर, 8 पिन सबसे नीचे और 8 पिन बीच में होते हैं ।
- HDMI पोर्ट :
सबसे लेटेस्ट पोर्ट तो HDMI पोर्ट है और HDMI का पूरा नाम है हाई डेफिनिशन मल्टीमीडिया इंटरफ़ेस । HDMI पोर्ट का इस्तेमाल भी CPU को मॉनिटर के साथ कनेक्ट करने के लिए किया जाता है । हलांकि HDMI पोर्ट का इस्तेमाल सस्ते कंप्यूटर, लैपटॉप में नहीं किया जाता । इस पोर्ट की खासियत यह है की यह हाई से हाई ग्राफिकल डाटा या सिग्नल को केबल की मदद से मॉनिटर तक पहुंचा पाता है जिसकी वजह से पिक्चर की क्लैरिटी भी साफ़ दिखाई देती है बाकी की तुलना में । HDMI पोर्ट में कुल 19 पिन होते हैं जिसमें से 10 पिन ऊपर और 9 पिन नीचे होते हैं ।
- Ethernet पोर्ट :
Ethernet पोर्ट का इस्तेमाल किया जाता है कंप्यूटर को इन्टरनेट से कनेक्ट करने के लिए । जैसे की बाहर से अगर आप wifi इन्टरनेट कनेक्शन लेते हैं तो उस केबल के सबसे आगे Ethernet पोर्ट लगा होता है जिसे कंप्यूटर के CPU के Ethernet पोर्ट के साथ कनेक्ट करना पड़ता है ताकि इन्टरनेट चलाया जा सके । Ethernet पोर्ट को LAN पोर्ट भी कह सकते हैं क्योंकि इन्टरनेट कनेक्शन करने के लिए जिस तार को लिया जाता है उसे LAN केबल ही कहते हैं । Ethernet पोर्ट के अंदर कुल 8 पिन लगे होते हैं डाटा लेने के लिए ।
- 3.5 mm जैक पोर्ट या ऑडियो पोर्ट :
जैक पोर्ट के प्रकार तीन हैं जीको अलग-आलग रंग दिया गया है जैसे की गुलाबी, हरा और नीला । तीन अलग-अलग रंगों वाले जैक पोर्ट का इस्तेमाल अलग-अलग काम के लिए किया जाता है जैसे की हरे रंग के 3.5 जैक पोर्ट का इस्तेमाल किया जाता है हेडफोन, ईयरफोन या स्पीकर्स कनेक्ट करने के लिए और इस पोर्ट को लाइन आउट पोर्ट कहते हैं यानी की ऑडियो आउट पोर्ट । गुलाबी रंग के 3.5 जैक पोर्ट का इस्तेमाल किया जाता है माइक कनेक्ट करने के लिए और नीले रंग के 3.5 जैक पोर्ट का इस्तेमाल किया जाता है ऑडियो इन ( लाइन इन ) के लिए यानी की ऐसे गैजेट्स जो ऑडियो बनाते हैं और उसका ऑडियो अगर कंप्यूटर में भेजने के साथ-साथ सेव करना हो तब इस पोर्ट का इस्तेमाल किया जाता है जैसे की गिटार से बनने वाली ऑडियो को कंप्यूटर में भरनी हो तब ।
- पॉवर कनेक्टर पोर्ट :
कंप्यूटर को चलाने के लिए सबसे पहले बिजली तो CPU के पॉवर कनेक्टर पोर्ट से ही जाती है । CPU का पॉवर कनेक्टर पोर्ट में कुल तीन मोटी पिन लगी होती हैं और इसी पोर्ट से AC करंट जाता है अंदर । हलांकि पॉवर कनेक्टर पोर्ट CPU के अंदर SMPS से ही बाहर निकलता है ।
- थंडरबोल्ट पोर्ट :
थंडरबोल्ट पोर्ट का इस्तेमाल हम कई उपकरणों को कंप्यूटर से कनेक्ट करने के लिए कर सकते हैं । जैसे की कंप्यूटर में इन्टरनेट चलाने के लिए बाहर से आने वाली लैन केबल को थंडरबोल्ट केबल की मदद से सीधा ही थंडरबल्ट पोर्ट से कनेक्ट कर सकते हैं । इसके आलावा एक्सटर्नल स्टोरेज डिवाइस में डाटा लेने के लिए या जमा करने के लिए थंडरबोल्ट पोर्ट का इस्तेमाल किया जाता है, चार्जिंग के लिए और कंप्यूटर का लैपटॉप को एक से अधिक मॉनिटर से कनेक्ट करना हो तब भी थंडरबोल्ट पोर्ट काम में आता है । अधिकतर क्योंकि डाटा ट्रान्सफर स्पीड इसकी बहुत ज्यादा है तकरीबन 40 GBp/s पर सेकंड और कुल स्पीड है 80 gbp/s। थंडरबोल्ट पोर्ट में पिन की संख्या 20 और 24 होती हैं और अंतर थंडरबोल्ट के प्रकार के ऊपर ही निर्भर करता है ।