बल्ब कितने प्रकार के होते हैं | बल्ब के प्रकार

बल्ब कितने प्रकार के होते हैं, इनके बारे में हम आपको बताएंगे विस्तार के साथ सही जानकारी । जिसे पढ़ने के बाद आपको कहीं और bulb ke prakar के बारे में जानने की जरूरत नहीं पड़ने वाली ।

मैं आपको विश्वास दिलाता हूं कि बल्ब के प्रकार जितने भी हैं उन प्रकार के बारे में यहां इस आर्टिकल में बताने वाला हैं ।

बल्ब के प्रकार जितने भी हैं उनको मैंने ढूंढा, उस पर निष्कर्ष किया फिर उसका रिजल्ट हमने इस आर्टिकल में डाल दिया जिसे आप अब पढ़िए विस्तार से ।

लैंप कितने प्रकार के होते हैं :

बल्ब के प्रकार टेक्नोलॉजी और डिजाइन के आधार पर बन चुके हैं जिसमें से हम आपको टेक्नोलॉजी के आधार पर बने बल्ब के बारे में बताएंगे जबकि उसके डिज़ाइन कई देखने को मिल जाते हैं जिसे आप अपने हिसाब से सेलेक्ट कर सकते हैं । बल्ब के प्रकार नीचे की तरफ इस तरह हैं :

Bulb kitne prakar ke hote hain
Bulb kitne prakar ke hote hain

पार्दर्शी-ट्रांसपेरेंट बल्ब :

पारदर्शी बल्ब सबसे पहले बनने वाले बल्ब थे जिसके उपयोग आज के समय में किया जाता है सबसे कम क्योंकि ये बल्ब सबसे ज्यादा बिजली खाने के बावजूद भी रोशनी कम देते हैं । जैसे कि 100 वॉट के पारदर्शी बल्ब की रैशनी 30 वॉट के CFL बल्ब के बराबर और 15 वॉट के LED बल्ब के बराबर होती है । इस तरह के बल्ब को इंग्लिश में Incandescent बल्ब कहा जाता है । जिस वक्त  बल्ब के प्रकार अलग-अलग देखने को नहीं मिलते थे तब यही बल्ब एकमात्र बल्ब था जिसकी वजह से पुराने जमाने में पार्दर्शी बल्ब ही अधिकतर बिकते और इस्तेमाल में लाये जाते थे ।

पार्दर्शी बल्ब की टेक्नोलॉजी आज के समय में काफी पुरानी हो चुकी है नए बल्बों की तुलना में । जैसे कि जीरो वॉट के पार्दर्शी बल्ब कहने को जीरो वॉट होते हैं लेकिन होते 15 वॉट के और ऐसा बल्ब के ऊपर लिखा होता है । इसीलिए पारदर्शी बल्ब को आपको लगवाना ही नहीं चाहिए हलांकि इसकी कीमत सबसे कम तो होती ही है लेकिन गर्म भी सबसे ज्यादा होते हैं । पारदर्शी बल्ब की तुलना LED से करनी हो तो 100 वॉट के पारदर्शी बल्ब की रैशनी होती है तकरीबन 14 वॉट के LED बल्ब के बराबर ।

लेकिन पार्दर्शी बल्बों को काफी ज्यादा ध्यान से रखना और लगाना पड़ता था अगर इसका इस्तेमाल काफी दिनों तक कर लिया जाए तो क्योंकि इसके अंदर लगी बारीक तार अत्यधिकः गर्म होने से कमजोर होती है जिससे बल्ब के ज्यादा हिलने से तार का टूटने का खतरा थोड़ा सा हो जाता है जोकि नए बल्बों में नहीं होता ।

जिस कमरों में AC लगा हो उस कमरे में इस तरह के बल्ब को लगाना ही नहीं चाहिए क्योंकि ये खुद इतना ज्यादा गर्म हो जाते हैं कि कमरे के तापमान को बढ़ा देते हैं यानी कि कमरा थोड़ा-थोड़ा गर्म करने लग जाते हैं जिससे AC ज्यादा समय लगाएगा कमरे को तापमान को कम या ठंडा करने के लिए और बिजली भी ज्यादा खपत होगी ।

पार्दर्शी बल्ब के प्रकार :

  • पार्दर्शी बल्ब
  • पार्दर्शी ट्यूब (हैलोजन ट्यूब)

पार्दर्शी बल्ब के फायदे :

  • पार्दर्शी बल्ब जो होते हैं काफी सस्ते

पार्दर्शी के नुकसान :

सबसे ज़्यादा बिजली खाते हैं पार्दर्शी बल्ब

  • पार्दर्शी बल्ब की रौशनी होती है सबसे कम
  • पार्दर्शी बल्ब अत्यधिकः गर्म हो जाने के बाद पैदा करने लगते हैं गर्मी
  • पार्दर्शी बल्ब की टेक्नोलॉजी हो चुकी है काफी ज्यादा पुरानी
  • पार्दर्शी बल्ब जो कुछ ही दिन तक चलते हैं

हैलोजन ट्यूब या बल्ब :

हैलोजन ट्यूब का इस्तेमाल भी किया जाता है आज के समय में लेकिन दिन प्रतिदिन अब LED बल्बों ने इसकी जगह ले ली है । हैलोजन ट्यूब जो रॉड की तरह होती है लेकिन इसी को छोटे आकार में बनाकर बल्ब का रूप दे दिया गया । हैलोजेन ट्यूब और पार्दर्शी बल्ब दोनों की टेक्नोलॉजी एक जैसी ही होती है लेकिन ये ट्यूब भी काफी ज्यादा करंट खाते हैं जिसकी वजह से हैलोजन ट्यूब ज्यादा वॉट की बनाई जाती है ताकि रौशनी दूर तक और ज्यादा फैल सके ।

रैशनी ज्यादा हमको देखने को तो मिक्ति है लेकिन करंट तो काफी ज्यादा खाती है जिसके बारे में हमको नहीं पता होता । जैसे कि 500 वॉट की हैलोजन ट्यूब का मिलना । इस तरह की ट्यूब का इस्तेमाल किया जाता था विवाह शादियों में वीडियो शूट करने के लिए क्योंकि इससे वीडियो सही क़्वालिटी में बन जाती है क्योंकि हैलोजन ट्यूब जिसका रंग हल्का सा पिला होता है ।

हैलोजन ट्यूब के फायदे :

  • विवाह शादियों में सबसे ज्यादा इस्तेमाल में होने वाली ट्यूब
  • हैलोजन ट्यूब जो सस्ती ही होती है

हैलोजन ट्यूब के नुकसान :

  • हैलोजन ट्यूब सबसे ज्यादा बिजली खाते हैं पार्दर्शी बल्बों की तरह
  • हैलोजन ट्यूब की टेक्नोलॉजी अब हो चुकी है बहुत पुरानी
  • हैलोजन ट्यूब जो पार्दर्शी बल्बों की तरह ही अत्यधिकः गर्म होकर गर्मी पैदा करने लगती है
  • हैलोजन ट्यूब की रैशनी होती है काफी कम ( सिर्फ हाई वॉट के हैलोजन ट्यूब की रौशनी अधिक होती है

CFL बल्ब :

कुछ समय पहले CFL काफी ज्यादा प्रचलन में थे क्योंकि ये बल्ब पार्दर्शी और हैलोजन ट्यूब के मामले में कम बिजली की खपत करते हैं । इस तरह के CFL बल्बों की टेक्नोलॉजी आज के समय मे अभी ज्यादा पुरानी नहीं मानी जाती क्योंकि इसका इस्तेमाल आज के समय में भी अधिकतर किया जाता है लेकिन अब इसकी जगह पर LED बल्ब का इस्तेमाल अधिकतर हो रहा है । CFL बल्ब का पूरा नाम होता है कॉम्पैक्ट फ्लूरोसेंट लैंप । CFL बल्ब जो गोल-गोल या सीधी ट्यूब जैसे दिखते हैं ।

पारदर्शी और हैलोजन ट्यूब की तुलना में CFL बल्ब कम करंट खाकर ज्यादा रैशनी देने में मदद करते हैं जैसे कि CFL बल्ब जो 70 प्रतिशत बिजली बचाने में मदद करते हैं अगर इसकी तुलना पार्दर्शी और हैलोजन ट्यूब से करनी है तो । जैसे कि 100 वॉट के पारदर्शी बल्ब की रैशनी 30 वॉट के CFL बल्ब के बराबर होती है । कीमत के ज्यादा नहीं होने से और आम लोगों के बजट में फिट बैठ जाने से अक्सर लोग इस तरह के बल्बों को खरीदना पसंद करते हैं । आपको हैलोजन ट्यूब या पार्दर्शी बल्बों की बजाय इस तरह के बल्ब को ही सेलेक्ट करना चाहिएए इससे भी बेस्ट ऑप्शन LED बल्ब का है ।

CFL के प्रकार :

  • CFL बल्ब
  • CFL ट्यूब

CFL बल्ब के फायदे :

  • कुछ समय पहले की बात करें तो सबसे ज्यादा बिकने वाले बल्ब हैं CFL बल्ब
  • CFL जोकि पार्दर्शी बल्बों या हैलोजन ट्यूब की तुलना में 70 प्रतिशत कम बिजली खाते हैं ।
  • पारदर्शी बल्बों की तुलना में CFL बल्ब कम बिजली खाकर अधिक रौशनी प्रदान करते हैं ।

CFL के नुकसान :

  • CFL बल्ब जिसकी टेक्नोलॉजी अब धीरे-धीरे हो रही है काफी पुरानी
  • अब के समय में CFL बल्ब की जगह पर LED बल्बों का इस्तेमाल सबसे अधिक किया जाता है
  • CFL बल्ब भी ज्यादा गर्म होते हैं लेकिन पार्दर्शी बल्बों की तुलना में थोड़ा सा कम

LED बल्ब :

LED बल्ब जिसे लाइट एमिटिंग डायोड कहते हैं जोकि इस बल्ब का पूरा नाम है और इसी टेक्नोलॉजी के आधार पर ये बल्ब बने ।अब तक कि सबसे लेटेस्ट टेक्नोलॉजी बल्बों में से LED बल्ब की ही है जो सबसे ज्यादा कम बिजली की खपत करके सबसे ज्यादा रैशनी देते हैं जिसकी वजह से आज के समय मे सबसे अधिक मात्रा में बिकने वाले और बनने वाले बल्ब सिर्फ LED ही है । हलांकि इसके प्रकार कई देखने को मिल ही जायेंगे जैसे कि LED ट्यूब ।

पारदर्शी बल्ब की तुलना में LED बल्ब जो 87 प्रतिशत बिजली कम खाते हैं और रौशनी एक जैसी ही होती है । दूसरी तह CFL बल्ब की तुलना में LED बल्ब जो 50 प्रतिशत कम बिजली की खपत करते हैं लेकिन रैशनी एक जैसी ही देखने को मिलती है । इसका मतलब 30 वॉट के CFL बल्ब की रैशनी 15 वॉट के LED बल्ब के बराबर होती है । तकरीबन आधा वॉट कम LED बल्ब खरीदना होता है जब CFL बल्ब से बदलने जा रहे हो तो ।

LED के प्रकार :

  • LED बल्ब
  • LED ट्यूब

LED बल्ब के फायदे :

  • LED बल्ब सबसे ज्यादा लंबे समय तक चलने वाले बल्ब माने जाते हैं
  • LED बल्ब अब तक कि सबसे लेटेस्ट टेक्नोलॉजी से बना हुआ बल्ब है
  • LED बल्ब की कीमत थोड़ी सी अधिक होती है CFL बल्बों की तुलना में
  • CFL बल्ब की तुलना में LED बल्ब 50 प्रतिशत और पार्दर्शी बल्ब की तुलना में 87 प्रतिशत कम बिजली की खपत करते हैं ।
  • अब तक के सबसे ज्यादा मात्रा में बिकने वाले बल्ब LED बल्ब ही हैं
  • LED बल्बों की रैशनी बाकी बल्ब की तुलना में सबसे ज्यादा है
  • LED बल्ब जो बहुत ही कम गर्म होते हैं यानी कि पारदर्शी और CFL बल्ब जितने ज्यादा गर्म नहीं होते

LED बल्ब के नुकसान :

  • LED बल्ब की कीमत थोड़ी सी अधिक होती है CFL बल्बों की तुलना में

मेरे विचार :

आपको LED बल्ब ही खरीदना चाहिए जो अत्यधिकः रैशनी देकर सबसे कम बिजली की खपत करते हैं । जैसे कि अगर आपके कमरे में 100 वॉट का पार्दर्शी बल्ब लगा है तो उसकी जगह पर आप तकरीबन 13 से लेकर 15 वॉट तक का LED बल्ब लगा सकते हैं । अगर आपके कमरे में 30 वॉट का CFL बल्ब लगा है तब उसकी जगह पर आप 15 वॉटक LED बल्ब लगा सकते हैं । LED बल्ब कम वॉट का इसीलिए लगाया जाता है क्योंकि इसकी रैशनी काफी ज्यादा होती है इसीलिए ।

कुछ समय बाद हो सकता है हमको OLED बल्ब देखने को मिल जाये और ऐसा बल्ब बनाने वाली कंपनी की तरफ से कहा गया था । अधिकतर बल्ब वैसे तो AC करंट पर ही चलते हैं लेकिन कुछ बल्ब बनाये गए हैं जो सिर्फ dc करंट पर ही चलते हैं जबकि हमारे घरों में लगने वाले बल्ब ऐसे होते हैं जो ac करंट ओर ही चलते हैं ।

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