आज के इस आर्टिकल में हम आपको बारीकी के साथ बताने वाले हैं हीटर के बारे में जैसे की हीटर क्या है, हीटर के प्रकार और हीटर कैसे काम करता है । इलेक्ट्रिक हीटर के प्रकार जितने भी होंगे उसके बारे में थोड़ी सी बातचीत की जाएगी ताकि आपको कम समय में हीटर के प्रकार के बारे में पता चल सके । इसके आलावा हीटर कैसे काम करता है ये सबसे जरूरी पॉइंट इस आर्टिकल में होने वाला है । कुछ हीटर के बारे में ज्यादा बारीकी के साथ जानने के लिए अलग से हमने कई आर्टिकल भी लिखे हुए हैं जिसके लिंक साथ मे ही आपको देखने को मिल जाएंगे तो चलिए शुरू करते हैं ।
What is Heater in hindi | हीटर क्या है :
इलेक्ट्रॉनिक उपकरणों के अंदर आने वाला वह उपकरण जो किसी को गर्म करें उसे हीटर ही कहते हैं । किसी को गर्म करने के मामले में कुछ चीज़ें शामिल हो जाती हैं जैसे कि हवा को गर्म करना, किसी वस्तु को गर्म करना, पानी गर्म करना इत्यादि । इसी को ही तो हीटर कहते हैं क्योंकि हीटर का काम होता है गर्म करना और गर्म को इंग्लिश शब्दों में हीट कहते हैं जिससे पूरा नाम पड़ा इलेक्ट्रिक हीटर ।
Heater working in hindi | हीटर कैसे काम करता है :
हीटर के प्रकार वैसे होते तो बहुत सारे हैं लेकिन हम आपको साधारण शब्दों में बताएंगे ताकि आपको जल्दी से समझ आ सके क्योंकि अलग-अलग प्रकार के हीटर अलग-अलग तरह से काम करते हैं पर उनके सभी के अंदर एक वस्तु जरूर होती है और उस वस्तु का नाम है रॉड । रॉड जोकि मेटल की या फिर कांच की बनी हुई होती है । अधिकतर उपकरणों के अंदर देखी जाने वाली रॉड कांच की ही होती है और इसके अंदर पाई जाती है स्प्रिंग आकार की तरह दिखने वाली वायर जो बनी होती है निकरोम से और इस वायर को निकरोम वायर के नाम से ही जाना जाता है ।
इस रोड के दोनों सिरे से मेटल की टोपी लगी होती है जो जुड़ी होती है उसके अंदर लगी हुई निकरोम वायर से । जब इस रोड को ac करंट से जोड़ा जाता है यानी कि बिजली दी जाती है तब ये निकरोम वायर में मैग्नेटिक फ्लक्स बनता है जिससे ये वायर खुद गर्म होती है जिसके पश्चात एक तेज़ प्रकाश उतपन्न होता है ।
निकरोम वायर जितनी ज्यादा गर्म होगी उतना ही ज्यादा प्रकाश हमको देखने को मिलता है । वैसे ये निकरोम वायर छोटी सी पतली सी कांच के रॉड के अंदर डाली जाती है ताकि तार टूटे ना हिलने की वजह से । लेकिन अधिकतर मामलों में ये वायर टूटती ही है जब इसका इस्तेमाल ज्यादा हो जाये तो और इसी रॉड को तकरीबन कुछ महीने बाद बदलवाना ही पड़ता है जिसकी कीमत तकरीबन 150 रुपए होती है ।
Heater in hindi | हीटर के प्रकार :
हीटर के प्रकार इतने ज्यादा हैं कि आपका दिमाग चकरा जाएगा और आप सोच में पड़ जाएंगे कि कौन सा हीटर लें क्योंकि कुछ हीटर के नाम उसके अंदर पाई जाने वाली ट्यूब की वजह से पड़े हैं और कुछ हीटरों के नाम पड़े हैं उनके उपयोग के आधार पर । फिलहाल के लिए हमने नीचे की तरफ सभी हीटरों के बारे में बताया है जिसका इस्तेमाल अधिकतर किया जाता है और जो हम लोगों के काम के लिए बने हैं जोकि इस प्रकार है :
- रूम हीटर
- कन्वेक्शन हीटर
- इंफ्रारेड हीटर
- स्पेस हीटर
- फैन हीटर
- रेडियंट हीटर
- ऑयल फिल्ड हीटर
- वॉटर हीटर
- रॉड वॉटर हीटर
- गीज़र
- कुकिंग हीटर
- गैस हीटर
- रेडियंट गैस फायर हीटर
- गैस कॉन्वेक्टर हीटर
- ओपन डेकोरेटिव गैस फायर हीटर
- क्लोज डेकोरेटिव गैस फायर हीटर
- Bottled गैस हीटर
रूम हीटर :
ऐसे हीटर जिसका इस्तेमाल कमरे के अंदर किया जाता है कमरे को गर्म करने के लिए या फिर कमरे में रख कर खुद को या किसी वस्तु को गर्म करने के लिए उस हीटर को ही रूम हीटर का नाम दिया गया । रूम हीटर ऐसे हीटर हैं जिसे आसानी से इधर-उधर ले जाया जा सकता है । वैसे इसके अंदर काफी सारे हीटर आते हैं जोकि इसके अंदर पाए जानी वाली ट्यूब के ऊपर और उसके आकार के ऊपर आधारित होते हैं । रूम हीटर के अंदर कुछ वर्कर ऐसे हैं जो सिर्फ कमरे के तापमान को गर्म करते हैं जबकि कुछ रूम हीटर वस्तु को गर्म करते हैं जिसके साथ तापमान भी गर्म हो जाता है । और जानें
ऊपर दिखाया गया रूम हीटर एकदम सुरक्षित रूम हीटर है । इस रूम हीटर की कीमत दुसरे आयल हीटर की तुलना में कम और सबसे अच्छी कंपनी का है ।
वॉटर हीटर :
सर्दियों में पानी गर्म करने की जरूरत अधिकतर पड़ती है तो ऐसे में बनाया है कंपनी ने वॉटर हीटर को जिसका इस्तेमाल सिर्फ पानी को गर्म करने के लिए किया जाता है । पानी कितनी जल्दी गर्म होगा यह निर्भर करता है वॉटर हीटर कितने वॉट का है । जितने ज्यादा वॉट का वॉटर हीटर होगा उतना ही जल्दी पानी गर्म होगा । वैसे वॉटर हीटर के प्रकार के देखने को मिलते हैं जिसमें से कुछ प्रकार ऐसे हैं जिसको इधर-उधर ले जाया नहीं जा सकता है जबकि कुछ वॉटर हीटर ऐसे हैं जिसको कहीं भी ले जाकर पानी गर्म किया जा सकता है ।
कुकिंग हीटर :
जैसे चाय बनाने के लिए, रोटी बनाने के लिए इंडक्शन कुकर का इस्तेमाल किया जाता है ठीक वैसे ही कुकिंग हीटर का उपयोग भी इसी कामों के लिए किया जाता है । इसके अलावा हाथ सेंकने के लिए भी कुछ लोग इसका इस्तेमाल करते हैं क्योंकि इस कुकिंग हीटर के सबसे ऊपर की तरफ जो स्प्रिंग वायर दिखाई दे रही है वो अत्यधिक गर्म हो होती है जिससे सर्दी के मौसम में खुद को गर्म रखा जा सकता है और इसकी वजह से तापमान भी गर्म होने लगता है ।
अगर आपको दोनों कामों के लिए हीटर चाहिए तो ये आपके लिए बेस्ट रहेगा । हालांकि इस हीटर को खास तौर पर बनाया गया है किसी चीज़ को गर्म करने के लिए जैसे कि चाय बनाने के लिए, रोटी बनाने के लिए इत्यादि । जबकि शरीर सेंकने के लिए भी कुछ लोग इसका इस्तेमाल करने लगे हैं जोकि काफी अच्छी बात लगी है मुझे क्योंकि इसकी कीमत भी कम होती है और आसानी से कम कीमत में रिपेयर भी हो जाते हैं ।
गैस हीटर :
जो हीटर गैस की मदद से चलते हैं उसको गैस हीटर कहते हैं क्योंकि इस गैस हीटर को एलपीजी या सिलिंडर गैस को कनेक्ट करना होता है जिससे गैस हीटर काम करने लगता है । हलांकि गैस हीटर कम कीमत में मिल जाते हैं जिसमें से छोटे गैस हीटर तो डायरेक्ट सिलिंडर से कनेक्ट करने पर काम करने लग जाता है । लेकिन सिलिंडर का खास ध्यान रखना पड़ता है क्योंकि हीटर अत्यधिक गर्म होने इसका असर सिलिंडर पर ना पड़े ।
गैस हीटर इस्तेमाल आज के समय में काफ कम होता है क्योंकि ये बिजली से नहीं बल्कि गैस से चलते हैं जिससे अलग से सिलिंडर खरीदना पड़ता है और अलग जगह चाहिए होती है रखने के लिए । पर इससे खर्चा कम आता है इलेक्ट्रिक हीटर की तुलना में लेकिन इस गैस हीटर की जरूरत आपको नहीं है क्योंकि इसको रखने के लिए अधिक जगह चाहिए होती है, अधिक जगह चाहिए होती है रखने के लिए जबकि खतरा थोड़ा सा होता है क्योंकि एलपीजी या गैस सिलिंडर को गैस हीटर से कनेक्ट करना जरूरी होता है ।
Heater की तार किस धातु की बनी होती है :
निक्रोम वायर का इस्तेमाल ही हीटर के अंदर किया जाता है । हीटर के प्रकार अलग-अलग हैं जिसकी वजह से उनके अंदर बनावट या किसी और पार्ट में अंतर देखने को मिल जाता है । परन्तु हीटर के प्रकार चाहे कितने भी हों उनका काम गर्मी देना होता है और गर्मी देने के लिए तार खुद अत्यधिक गर्म होती है जिससे गर्म पैदा होती है तो ऐसे में निक्रोम वायर का इस्तेमाल ही सभी हीटरों के अंदर किया जाता है ।
निक्रोम वायर की सबसे बड़ी खासियत है की यह अधिक तापमान पर भी सड़ती नहीं है यानी की खराब नहीं है और बाकी तारों के मुकाबले में ज्यादा देर तक अत्यधिक गर्म होने के बावजूद लम्बे समय तक काम कर जाती है । निक्रोम वायर को रॉड के अंदर डाला जाता हैं और वही रॉड कांच की बनी होती है । स्प्रिंग की तरह दिखने वाली निक्रोम वायर जोकि रॉड के एक सिरे से निकलकर सिरे से बाहर निकलती है । हलांकि कुछ हीटर में रॉड कांच की नहीं बनी होती ।
हीटर कौन से करंट पर काम करते हैं :
हीटर दो तरह के देखने को मिल जायेंगे जिसमें से एक हीटर AC करंट पर चलता है और दूसरा DC करंट पर । अगर आप मार्किट में हीटर खरीदने जायोगे तब आपको वही हीटर दिखाया जायेगा जोकि ac करंट पर चलता हो क्योंकि हमारे घरों में जो करंट सरकार की तरफ से पहुंचाया जाता है वह करंट ac करंट ही होता है और इसी करंट पर चलने वाले हीटर का अधिकतर उपयोग होता है । जबकि DC करंट पर काम करने वाले हीटर भी होते हैं जोकि अलग से दुकानदार को कहना पड़ता है ।
DC करंट पर काम करने वाले हीटर की जरूरत तभी पडती है जब हीटर को डायरेक्ट सोलर पैनल से या डायरेक्ट बैटरी से चलाना हो । लेकिन यहाँ मैं इन्वर्टर बैटरी की बात नहीं कर रहा क्योंकि इन्वर्टर बैटरी AC करंट देती है । जबकि सोलर इन्वर्टर बैटरी और सोलर पैनल dc करंट देते हैं इसीलिए अगर आपके घर में सोलर पैनल नहीं लगा है तब आपके लिए साधारण हीटर ही सही रहेगा जो अधिकतर बिक रहे हैं यानी की ac करंट पर चलने वाला इलेक्ट्रिक हीटर । आगे आपके मन में कुछ कंफुज़न है तो आप सीधा दुकान से जाकर कोई भी हीटर सेलेक्ट कर सकते हैं वो आपको सही सलाह दे देंगे ।
Benefits of heater in hindi | हीटर के फायदे :
- चंद मिनटों में वस्तु को जल्दी से गर्म करने में सहायक हैं हीटर
- हीटर तापमान को बिल्कुल कम समय में कर देते हैं गर्म
- आसानी से कहीं भी ले जाया जा सकता है हीटर को
- अधिकतर हीटरों की कीमत कम होती है
- ऑयल हीटर शरीर के लिए नुकसानदायक नहीं है
Drawbacks of heater in hindi | हीटर के नुकसान :
- हीटर बिजली की खपत वहुत अधिक करते हैं जिससे बिजली का बिल बहुत ज्यादा आता है
- ऑयल वाले हीटर बहुत महंगे होते हैं
- हीटर शरीर को नुकसान पहुंचाते हैं (ऑयल हीटर को छोड़कर)
- लंबे तक हीटर काम नहीं कर पाते और रिपेयर करवानी पड़ती है
विद्युत हीटर के तार की कुंडली बनी होती है
निक्रोम की